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मॉइस्चराइज़र या फ़ेस सीरम क्या है दोनों में फर्क

Apurva Srivastav
26 March 2023 2:42 PM GMT
मॉइस्चराइज़र या फ़ेस सीरम क्या है दोनों में फर्क
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अगर 10 स्टेप्स स्किनकेयर रूटीन आपको डराती है या फिर आप इन सबके बीच में कन्फ़्यूज़ रहती हैं, तो यक़ीन मानिए आप इकलौती ऐसी नहीं है. ढेरों स्किनकेयर प्रॉडक्ट्स के बीच यह जान पाना सचमुच बहुत मुश्क़िल है कि कौन-सा प्रॉडक्ट किस काम के लिए बना है या उसका इस्तेमाल कैसे करना है. इसी तरह से चेहरे पर लगानेवाले प्रॉडक्ट्स की भी भरमार है और उसी में सीरम और मॉइस्चराइज़र शामिल हैं. मॉइस्चराइज़र से तो लगभग हम सभी वाक़िफ़ हैं, लेकिन ब्यूटी प्रॉडक्ट्स की दुनिया में हाल ही में अपना पैर जमाने वाले सीरम से जब हमारा सामना होता है, तो मन में कई तरह के सवाल उठते हैं. मसलन क्या यह एक तरह का मॉइस्चराइज़र है? इसे मॉइस्चराज़र की जगह लगाना है या उसके साथ? क्या सीरम लगाने के बाद मॉइस्चराइज़र लगाना ज़रूरी है? क्या सीरम फ़ेस ऑयल की तरह है?
तो इन सवालों का जवाब है कि, फ़ेस सीरम और मॉइस्चराइज़र दो अलग-अलग प्रॉडक्ट्स हैं और यदि आप एक स्ट्रिक्ट स्किन केयर रूटीन का पालन करना चाहती हैं, तो आपको इन दोनों की आवश्यकता पड़ेगी. यदि आप अब भी कन्फ़्यूज़ हैं, तो अपनी कन्फ़्यूज़न को दूर करने के लिए नीचे की तरफ़ स्क्रोल करें और जानें कि, दोनों एक दूसरे से कैसे अलग हैं और आपको दोनों की क्यों आवश्यकता है.
फ़ेस सीरम क्या है ?
एक नॉर्मल स्किनकेयर रूटीन में, सीरम क्लेंज़िंग के बाद और मॉइस्चराज़िंग के पहले लगाया जाता है. इसमें हाईली कॉन्संट्रेटेड ऐक्टिव इंग्रीडिएंट्स मौजूद होते हैं, जो स्किन में गहराई तक प्रवेश करके उसे नरिश करते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सीरम में छोटे-छोटे मॉल्क्यूल्स होते हैं, जिससे सीरम आसानी से त्वचा की गहराई तक पहुंच जाता है.
इसके अलावा सीरम का इस्तेमाल मुंहासों, डार्क स्पॉट्स और पिग्मेंटेशन को ठीक करने के लिए भी किया जाता है. यह काफ़ी लाइट वेट होता है और अपने थीन फ़ॉर्मूला के कारण स्किन इसे आसानी से अब्ज़ॉर्ब भी कर लेती है. इसलिए इसे मॉइस्चराइज़र से पहले लगाया जाता है.
मॉइस्चराइज़र क्या है?
सीरम और मॉइस्चराइज़र में इंग्रीडिएंट्स भले ही सेम हो सकते हैं, लेकिन ये प्रॉडक्ट्स सेम नहीं हैं. मॉइस्चराइज़र टेक्स्चर में रिच होते है और त्वचा को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं. यह स्किन में एक तरह का फ़िज़िकल बैरियर तैयार करते हैं, जिससे स्किन की हाइड्रेशन बनी रहे.
मॉइस्चराइज़र सीरम की तुलना में और अधिक क्रीमी होते हैं और इन्हें सीरम के बाद लेकिन सनस्क्रीन के पहले लगाया जाता है. इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता है कि आपकी स्किन टाइप क्या है और आप कौन-कौन से प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं, मॉइस्चराइज़र स्किन केयर रूटीन के सबसे अहम स्टेप्स में से एक हैं. इसलिए आपको रोज़ाना बिना भूले मॉइस्चराइज़र लगाना चाहिए.
इन बातों को जानने के बाद क्या अब हम यह कह सकते हैं कि स्किनकेयर रूटीन के लिए सीरम और मॉइस्चराज़र दोनों ज़रूरी हैं? इसका जवाब है हां. हो सकता है कि आप सीरम वाले स्टेप को स्किप करना चाहती हों, लेकिन यह स्किन को बेहतर बनाए रखने के लिए ज़रूरी है, ख़ासतौर से एजिंग स्किन के लिए. फ़िलहाल आपकी स्किन के लिए दोनों ज़रूरी हैं, पर एक किसी एक का चुनाव करना हो तो हम कह सकते हैं कि मॉइस्चराइज़र का कोई रीप्लेसमेंट नहीं है और यह आपकी स्किन हेल्थ के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
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