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आजकल के लाइफ स्टाइल का असर हर उम्र के लोगों पर पड़ रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा असर किशोर और युवा पीडी पर पड़ता हुआ दिख रहा है क्योंकि आज के माहोल के हिसाब से किशोरों और युवाओं को हाइपरटेंशन अपनी गिरफ्त में ले रहा है जो सभी के लिए एक चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे में इस विषय पर और अधिक जानकारी लेने के लिए हमने बात की जालंधर के आयुर्वेदिक स्पेशलिस्ट डॉ. अमित sidhu के साथ।
हाइपरटेंशन क्या होता है?
हाईपरटेंशन का मतलब किसी पैथोलॉजी या किसी बीमारी के कारण रक्त की धमनियों में ब्लड का प्रेशर बढ़ जाता है ऐसे में हार्ट तक ब्लड की सप्लाई के लिए हार्ट को ज्यादा एफर्ट करना होता है। इसे ही हाईपरटेंशन कहा जाता है।
हाइपरटेंशन के कारण क्या होते हैं
इसका मुख्य कारण आज कल की बिजी लाइफ स्टाइल माना गया है। इसके अलावा नींद पूरी न होना, स्मोकिंग और अल्कोहल का ज्यादा सेवन, मानसिक का तनाव का अधिक होना व शारीरिक तनाव के कारण हाईपरटेंशन होता है।
स्कूल और कॉलेज के बच्चे में इसका पता कैसे चलता है?
युवाओं में हाईपरटेंशन उनके मानसिक तनाव के कारण होता है। इन बच्चों में परिवार और पढ़ाई का बहुत ज्यादा ही प्रेशर होता है। इसके आलावा ये बच्चे स्मोकिंग और अल्कोहल की लत में लग जाते हैं जिसके कारण उन्हें ये प्रॉब्लम जल्दी होती है।
महिला और पुरुष में क्या ये अलग लाग तरीके से होता है?
महिलाओं में हार्मोनल changes के कारण हाईपरटेंशन होता है। महिला जब प्रेगनेंसी में होती है या फिर जब महिला को मीनोपॉज होता है उस समय में ये स्वाभाविक होता ही है। इसके आलावा गर्भनिरोधक गोलियों से भी इसके होने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
इसकों रोकने या राहत पाने के लिए क्या करें?
इसके मुख्य लक्षणों में चक्कर आना, बेहोश होना या फिर सिरदर्द की शिकायत रहना, गर्दन के पीछे अकड़ना आदि हैं। अगर किसी को भी इस तरह के लक्षण दिखें तो उसे तुरंत अच्छे डॉक्टर से ब्लड प्रेशर टेस्ट करवा लेना चाहिए। आयुर्वेद में हाई ब्लड प्रेशर आने पर सबसे अच्छा माना गया है कि ठंडा दूध पी लें तुरंत राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। जिन्हें पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है उसे कच्चा आंवला खाना चाहिए।
हाईपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर में क्या अंतर है?
ये दोनों में कोई अंतर नही है। सिर्फ बोलचाल में फर्क है। हाई ब्लड प्रेशर को ही हाईपरटेंशन कहा जाता हैं।
आयुर्वेद में इसका इलाज क्या है?
अगर आप इस बीमारी से बचना चाहते हैं तो आपको शराब, हाई प्रोटीन डाइट, तेज मिर्च मसाले वाला खाना और कोलेस्ट्रोल बढ़ाने वाली चीजें जैसे घी और मक्खन का यूज़ कम करें। इसके अलावा लहसुन और प्याज का जूस बना लें इसको रोज सुबह खली पेट पीने से हाई बीपी में राहत मिलेगी। वहीँ हो सके तो हर रोज योगा करना शुरू कर दें।
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