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जब आपकी स्किन डिटॉक्स नहीं होती है, तब आप नोटिस करते हैं कि स्किन में जलन, लालिमा आना और काले दाग-धब्बे पड़ने या झाई की समस्या होने लगती है।
स्किन को डिटॉक्स करने वाले स्किन केयर रूटीन को नियमित रूप से फॉलो करने पर ये समस्याएं अपने आप ठीक होने लगती हैं। अगर इस प्रैक्टिस को बनाए रखा जाए तो दोबारा ये समस्याएं स्किन पर कभी दिखाई नहीं देती हैं।
स्किन जब डिटॉक्स हो जाती है तो उसमें एक गजब की चमक दिखाई देने लगती है। स्किन पहले से कहीं ज्यादा जवान दिखने लगती है। स्किन से झुर्रियों और कील-मुंहासों की समस्या यूं गायब होती है, जैसे कभी हुई ही नहीं थी।
स्किन को डिटॉक्स करना क्यों जरूरी है?
स्किन केयर रूटीन को फॉलो करना कई बार बिजी शेड्यूल के कारण मुश्किल हो सकता है। लेकिन हफ्ते में एक दिन तो स्किन केयर के लिए निकाला ही जा सकता है।
इस एक दिन का उपयोग चेहरे से अशुद्धियों को दूर करने, डेड स्किन सेल्स को हटाने, प्रदूषण से हुए नुकसान की भरपाई और विषैले पदार्थों को हटाने के लिए किया जा सकता है। इस एक दिन की मेहनत की वजह से स्किन को नई जिंदगी मिलती है। ये पहले से कहीं बेहतर भी नजर आने लगती है।
स्किन डिटॉक्स वह है जो आप अपनी त्वचा की सतह के लिए कर सकते हैं ताकि बाहरी तत्वों को बाहर से अंदर की तरफ साफ करने से आपकी त्वचा की ज्यादा सुरक्षा हो सके। स्किन डिटॉक्स आपकी त्वचा को कंजेशन और गंदगी से बचाती है और इसके भीतर मौजूद किसी भी अशुद्धि को बाहर निकाल सकती है।
डिटॉक्स के बाद आपकी त्वचा अशुद्धियों को साफ करती है, इसके पीएच स्तर को बहाल करती है। इस दौरान स्किन कई फायदेमंद प्रक्रियाओं से भी गुजरती है।
क्या स्किन भी खुद को डिटॉक्स करती है?
स्किन को डिटॉक्स करने की शरीर की अपनी प्रक्रिया भी होती है। चेहरे पर दाने, कील-मुंहासे आदि निकलना भी एक प्रकार से डिटॉक्स की ही प्रक्रिया है। इस तरीके के जरिए स्किन अपने भीतर जमी अशुद्धियों को बाहर निकाल देती है।
इस प्रकार से स्किन खुद में मौजूद भीतरी और बाहरी अशुद्धियों की एक पॉकेट को साफ कर लेती है। लेकिन अगर इस प्रक्रिया में छेड़खानी की जाए तो स्किन पर निशान छूट सकता है।
अगर इसे रोका जाए तो ये मुंहासे या दाने त्वचा की ज्यादा गहरी परत से निकलते हैं और बाहर निकलने के लिए नया पॉकेट तलाशते हैं।
ये मुंहासे गंभीर किस्म के भी हो सकते हैं, लेकिन थोड़ा सा धैर्य और अनुशासन बनाए रखकर अगर विटामिन सी बेस्ड स्किन केयर रूटीन को फॉलो किया जाए तो बेहतर स्किन पाई जा सकती है।
स्किन को डिटॉक्स की जरूरत क्यों पड़ती है?
जिंदगी से जुड़ी कई रियल वर्ल्ड समस्याओं के कारण स्किन को डिटॉक्स करने की जरूरत पड़ती है। इन समस्याओं में शामिल हैं,
1. स्ट्रेस
कई बार कुछ लोगों के चेहरे की स्किन बहुत ज्यादा लाल होती है। लालिमा आने की समस्या ज्यादातर मामलों में स्ट्रेस की वजह से होती है। स्ट्रेस की मात्रा बहुत अधिक हो जाए तो ये आपके चेहरे पर दिखने लगता है।
मुंहासे, जलन और लालिमा इस बात की ओर इशारा करते हैं कि, आपके चेहरे पर सीबम का उत्पादन बढ़ गया है। जबकि नई कोशिकाओं के बनने और पुरानी कोशिकाओं के हटने की गति धीमी हो गई है।
2. कंजेशन
जब चेहरे और बालों के रोमछिद्र में मेकअप, प्रदूषण, डेड कोशिकाएं और सीबम भर जाता है, इस समस्या को ही कंजेशन कहा जाता है। शरीर इस कंजेशन को साफ करने के लिए मुंहासे निकालता है। इससे स्किन ड्राई हो जाती है और त्वचा से नमी गायब हो जाती है।
3. बहुत ज्यादा शक्कर के सेवन से
मुंहासे या स्किन की समस्याएं होने का बहुत बड़ा कारण शुगर का अधिक सेवन है। अपने भोजन में बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड शुगर का सेवन करने से जलन की समस्या भी हो सकती है।
4. लाइफस्टाइल की खराब आदतें
बुरी लाइफस्टाइल की आदतें जैसे, सही समय पर भोजन न करना, स्मोकिंग करना, अल्कोहल का सेवन करना, पर्याप्त पानी न पीने और अपर्याप्त नींद के कारण भी स्किन में टॉक्सिन जमा हो सकते हैं।
स्किन डिटॉक्स क्यों जरूरी है?
हम सभी क्लियर स्किन चाहते हैं। इससे भी बढ़कर, जब आप बंद रोमछिद्रों पर स्किनकेयर प्रोडक्ट्स लगाते हैं, तो ये कभी फायदा नहीं पहुंचाते हैं बल्कि इसकी वजह से भी मुंहासे निकलने की समस्या हो सकती है।
फिर समझें, ये रिएक्शन प्रोडक्ट की वजह से नहीं हुआ। बल्कि हकीकत में आपकी स्किन ही उस प्रोडक्ट के फायदों को रिसीव करने के लिए तैयार नहीं थी। ऐसी स्किन तो भोजन से मिलने वाले पोषक तत्वों को भी सोख नहीं सकती है। इसकी वजह से समस्या कभी खत्म नहीं हो पाती और रोमछिद्र और ज्यादा बंद होते चले जाते हैं।
इसीलिए स्किन को हेल्दी रखने और बंद रोमछिद्रों को खोलने के लिए स्किन को डिटॉक्स करना बहुत जरूरी हो जाता है।
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