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सीबम क्या है? बालों और स्किन के लिए कितना फायदेमंद

Kajal Dubey
15 May 2023 1:50 PM GMT
सीबम क्या है? बालों और स्किन के लिए कितना फायदेमंद
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आपकी स्किन ऑयली है और ये ऑयल जरूरत से ज्यादा निकलता है तो समझ लीजिए आपके शरीर में वो मिश्रण ज्यादा बन रहा है, जिसका अहम हिस्सा सीबम भी है।
सिर्फ सीबम नहीं (Not only sebum)
अगर आपकी त्वचा से कुछ ज्यादा ही ऑयल आता है तो इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं कि सिर्फ सीबम ही निकल रहा है। इस ऑयल में पसीना होता है तो डेड स्किन सेल्स भी। इसके साथ इसमें गंदगी के बहुत छोटे कण भी होते हैं।
कहां बनता है सीबम (How sebum produced)सीबम शरीर में मौजूद एक खास ग्लैंड सिबेशस (sebaceous glands) में बनता है। अनोखी बात ये है कि ये ग्लैंड बॉडी में कई जगह होते हैं। ज्यादातर ये ग्रुप में हेयर फोलिकल्स के आस-पास ही मौजूद होते हैं। आपके चेहरे और स्केल्प पर इनका असर सबसे ज्यादा होता है।
सिबेशस ग्लैंड को चेहरे की त्वचा पर इतना ज्यादा पाया जाता है कि चेहरे की प्रति सेंटीमीटर त्वचा पर 900 सिबेशस ग्लैंड होते हैं। हाथ की हथेली और और पैर के तलवे ही दो ऐसी जगहें हैं, जहां सीबम बनाने वाले ये ग्लैंड नहीं पाए जाते हैं।
सीबम बनता क्यों है? (Why sebum production is important)-सीबम बनना एक कठिन प्रक्रिया है लेकिन इसके बनने के कारणों पर पूरी रिसर्च हो चुकी है। इसके प्राकृतिक तौर पर बनने की वजह त्वचा और बालों का अच्छा रखरखाव है। दरअसल सीबम बालों और त्वचा को मोइश्चर की कमी से बचाते हैं। ताकि इनमें जरूरत भर नमी बनी रहे।
सीबम और उम्र का रिश्ता (Sebum and age related to each other)आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि सीबम का इस्तेमाल हम अपने जन्म के ठीक बाद से करने लगते हैं। दरअसल जब बच्चा गर्भ में होता है तो सिबेशस ग्लैंड एक सफ़ेद पेस्ट जैसा बनाता है। जो गर्भ में ही हमारी त्वचा पर मोइश्चर बना कर रखता है। सिबेशस ग्लैंड सीबम बनाना हमारे जन्म के बाद शुरू करता है।
जन्म के 3 से छह महीने तक ग्लैंड एक वयस्क की उम्र जैसा ही सीबम बनाता है लेकिन इसके बाद ये रफ्तार धीमी हो जाती है। फिर ये रफ्तार सीधे प्यूबर्टी के बाद ही बढ़ती है। प्यूबर्टी के बाद सीबम बनने में 500 प्रतिशत का इजाफा होता है।
जब होता है सीबम कम (less production of sebum)
वयस्क पुरुष में महिला के मुकाबले ज्यादा सीबम बनता है लेकिन उम्र के साथ इसमें कमी आती जाती है। फिर चाहे महिला हो या पुरुष। नतीजा होता है कि त्वचा रूखी होने के साथ फटने लगती है। लेकिन इसके अलावा भी कई कारण होते हैं।
जैसे कुछ खास दवाएं या दूसरे बाहरी बदलाव। इनके चलते सिबेशस ग्लैंड कभी ज्यादा तो कभी कम एक्टिव हो जाता है, जिससे सीबम के उत्पादन में अंतर पड़ता है। लंबे समय तक भूखा रहना या फिर कुपोषण भी सीबम की गिरावट का कारण होता है।
ऐसे बढ़ जाता है सीबम (increase production of sebum)
हार्मोन से जुड़ी दवाएं (Hormonal medications) अक्सर सीबम का उत्पादन बढ़ा देती हैं। पारकिनसन की बीमारी का भी सीबम पर असर होता है।
कैसे हो बैलेंस (How can it be balance)
ज्यादातर बार सभी लोग सीबम की कमी या अधिकता के असर को ठीक करने के लिए क्रीम या साबुन का इस्तेमाल करते हैं। जिनकी वजह से सुधार होता भी है। लेकिन रिसर्च में पाया गया है कि डाइट का भी इस पर पूरा और बड़ा असर पड़ता है। डॉक्टर दवाइयों से भी सीबम बैलेंस करने की कोशिश करते हैं।
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