लाइफ स्टाइल

क्या होता है 'रेटिनल डिटेचमेंट', जिसके कारण राघव चड्ढा को पड़ी इस सर्जरी की जरूरत

Apurva Srivastav
3 May 2024 8:03 AM GMT
क्या होता है रेटिनल डिटेचमेंट, जिसके कारण राघव चड्ढा को पड़ी इस सर्जरी की जरूरत
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लाइफस्टाइल : आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा इन दिनों आंख की सर्जरी के लिए ब्रिटेन में हैं। दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मीडिया को इस बात की जानकारी दी है, उन्होंने कहा कि "आंखों में परेशानी के बाद राघव को इलाज कराने के लिए यूके जाना पड़ा है। यह काफी गंभीर था और अगर वक्त रहते इलाज नहीं मिलता तो आंखों की रोशनी भी जा सकती थी। जैसे ही वह ठीक होंगे, वह भारत वापस आएंगे और पार्टी के अभियान में शामिल होंगे।"
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राघव चड्ढा आंख के 'रेटिना डिटेचमेंट' को रोकने के लिए ब्रिटेन में विट्रेक्टोमी (Vitrectomy) कराने गए हैं। दरअसल, उनके एक रेटिना में छेद था, जिसके कारण उनकी आंखों की रोशनी को भी खतरा था। ऐसे में उन्हें इस सर्जरी का सहारा लेना पड़ा और बताया जा रहा है कि सर्जरी ठीक रही है और अभी वे डॉक्टरों की देखरेख में रह रहे हैं। आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि आखिर क्या है रेटिना डिटेचमेंट और कैसे दिखते हैं इसके लक्षण।
क्या है रेटिना डिटेचमेंट?
'रेटिना डिटेचमेंट' आंखों से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें रेटिना अपनी जगह से अलग होने लगता है और समय पर इसका इलाज नहीं कराए जाने पर आंखों की रोशनी जाने का खतरा भी रहता है। ऐसे में रेटिना में छोटे-छोटे छेद होने लगते हैं जो तेजी से बढ़ सकते हैं और अंधेपन का कारण भी बन सकते हैं।
विट्रेक्टोमी: यह क्या है, इसके लक्षण और कितना खतरनाक है?
विट्रेक्टोमी, एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें आंख के अंदर मौजूद जेली जैसे पदार्थ, जिसे विट्रियस कहते हैं, को हटाया जाता है। यह सर्जरी विभिन्न कारणों से की जाती है, जैसे रेटिना में समस्या, आँख के पीछे रक्तस्त्राव, या अन्य आंख की बीमारियों के इलाज के लिए। आइए, विट्रेक्टोमी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
विट्रेक्टोमी की जरूरत कब होती है?
विट्रेक्टोमी की जरूरत विभिन्न मामलों में होती है। इनमें से कुछ प्रमुख कारण हैं-
1. रेटिना डिटैचमेंट: अगर रेटिना अपनी जगह से हट जाती है या उसमें छेद हो जाता है, तो इसके कारण आंख की दृष्टि पर प्रभाव पड़ सकता है। इसे ठीक करने के लिए विट्रेक्टोमी की आवश्यकता होती है।
2. विट्रियस हेमरेज: आंख के अंदर रक्तस्त्राव होने से विट्रियस में खून जमा हो सकता है, जिससे दृष्टि में धुंधलापन आ सकता है। इस स्थिति में, रक्त को हटाने के लिए विट्रेक्टोमी की आवश्यकता हो सकती है।
3. मैकुलर होल: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें रेटिना के केंद्र में एक छेद बन जाता है। यह दृष्टि को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है और इसे ठीक करने के लिए विट्रेक्टोमी का सहारा लिया जाता है।
क्या हैं विट्रेक्टोमी के संभावित खतरे?
विट्रेक्टोमी, हालांकि दृष्टि में सुधार लाने के लिए की जाती है, लेकिन इसके भी कुछ संभावित खतरें हैं-
1. संक्रमण का खतरा: किसी भी सर्जरी की तरह, विट्रेक्टोमी में भी संक्रमण का खतरा होता है, खासकर आंख में। इसका इलाज करने के लिए डॉक्टरों को एंटीबायोटिक्स का सहारा लेना पड़ सकता है।
2. दृष्टि में बदलाव: विट्रेक्टॉमी के बाद कुछ मरीज़ों की दृष्टि में अस्थायी या स्थायी धुंधलापन हो सकता है। इसके अलावा, कुछ मामलों में दृष्टि का ह्रास भी हो सकता है।
3. रेटिना का पुन डिटैचमेंट: अगर सर्जरी के बाद भी रेटिना पुनः अपनी जगह से हट जाती है, तो यह और भी गंभीर समस्या पैदा कर सकती है।
उपचार के बाद की देखभाल
विट्रेक्टोमी के बाद, मरीजों को आँखों की देखभाल पर विशेष ध्यान देना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के अनुसार, आंखों पर दबाव डालने वाली गतिविधियों से बचें और नियमित रूप से चेक-अप करवाएं।
विट्रेक्टोमी एक महत्वपूर्ण सर्जरी है, जो आंख की कई बीमारियों के इलाज में मदद करती है। हालांकि, यह अपने साथ कुछ खतरें भी लाती है, जिनसे बचने के लिए उचित देखभाल और डॉक्टर की सलाह का पालन करना जरूरी है।
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