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पेल्विक टीबी क्या है जाने लक्षण और बचाव के तरीके

Teja
23 Feb 2022 1:31 PM GMT
पेल्विक टीबी क्या है जाने लक्षण और बचाव के तरीके
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | फेफड़ों की टीबी (Pulmonary TB) सबसे कॉमन है, इसे संक्रामक बीमारी माना जाता है. लेकिन टीबी सिर्फ आपके फेफड़ों को ही प्रभावित नहीं करती, ये अन्य अंगों में भी हो सकती है. दूसरे अंगों पर होने वाली टीबी को एक्सट्रा पल्मोनरी टीबी ((Extra Pulmonary TB)) कहा जाता है. हालांकि ये फेफड़ों की टीबी की तरह संक्रामक नहीं होती. करीब 20 से 30 प्रतिशत लोग एक्सट्रा पल्मोनरी टीबी के शिकार होते हैं. पेल्विक टीबी (Pelvic TB) भी एक्सट्रा पल्मोनरी टीबी ही है. आमतौर पर इस ओर लोगों का ध्यान नहीं जाता, ये एक साइलेंट बीमारी की तरह है. इसके कारण महिलाओं में बांझपन की समस्या हो सकती है. हैरानी की बात तो ये है कि करीब 10 से 20 साल तक इसके बारे में पता नहीं चल पाता. जब इन्फर्टिलिटी का इलाज होता है, तब जांच में इस समस्या की आशंका होती है. इस बीच ही जांच में इसका पता चल पाता है. यहां जानिए पेल्विक टीबी की वजह, लक्षण और बचाव के तरीके.

कैसे होती है पेल्विक टीबी
आमतौर पर टीबी की बीमारी फेफड़ों को प्रभावित करती है लेकिन इसमें लापरवाही बरतने पर ये खून के जरिए शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल सकती है और उन्हें भी संक्रमित कर सकती है. टीबी के बैक्टीरिया अगर प्रजनन मार्ग में पहुंच जाते हैं तो पेल्विक टीबी का खतरा बढ़ा देते हैं.
किन महिलाओं को है खतरा
टीबी या फेफड़ों से संबंधित बीमारी से ग्रसित मरीज के संपर्क में रहने से, एचआईवी के कारण, इम्युनिटी कमजोर होने पर, किसी दवा या शराब का सेवन करने वाली महिलाओं में, किडनी या फेफड़ों की बीमारी से ग्रसित होने पर इसका खतरा बढ़ जाता है.
कैसे बनती है ये इन्फर्टिलिटी की वजह
पेल्विक टीबी सबसे ज्यादा फैलोपियन ट्यूब को प्रभावित करती है. कई बार इसके कारण ट्यूब में पानी भर जाता है और महिलाएं इसके कारण बांझपन की शिकार हो जाती हैं. टीबी का बैक्टीरिया फैलोपियन ट्यूब को को बंद कर देता है, जिससे पीरियड्स से संबंधित कई तरह की समस्याएं सामने आती हैं.
ये हैं संभावित लक्षण
पेल्विक टीबी के लक्षणों के बारे में स्पष्ट रूप से तो कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन पेट दर्द, असहनीय पीठ दर्द और अनियमित महावारी, कभी-कभी पेल्विक में दर्द आदि इसके लक्षण हो सकते हैं.
बचाव के तरीके
-प्राइवेट पार्ट की साफ़-सफाई का ध्यान रखें. -समय समय पर शारीरिक जांच करवाएं. -टीबी का इंजेक्शन लगवाएं. -इम्यून सिस्टम को मजबूत करें -खानपान बेहतर रखें. -टीबी या फेफड़ों के मरीजों से मिलते समय सावधानी बरतें.


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