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लखपति दीदी योजना क्या है ? और महिलाओं के लिए सहायक कैसे है

Om Prakash
19 Feb 2024 12:04 PM GMT
लखपति दीदी योजना क्या है ? और महिलाओं के लिए सहायक कैसे है
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भले ही आज 21वीं शताब्दी में कहा जाता है कि महिलाएं सशक्त हैं। लेकिन ये धारणा सिर्फ बड़े शहरों में नजर आती हैं। क्योंकि छोटे और ग्रामीण इलाकों में आज भी महिलाएं हाशिए पर जिंदगी जी रही हैं या जीने को मजबूर हैं। ऐसे में सरकार ऐसी महिलाओं के जीवन में सुधार और आत्मनिर्भरता के लिए प्रयास कर रही हैं। इसी कड़ी में सरकार की तरफ से ‘लखपति दीदी योजना’ लाई गई, जो महिलाओं में निर्भरता को खत्म कर सम्मान से जीवन जीने की सोच को विकसित करेगी। अब ये ‘लखपति दीदी योजना’ है क्या और कैसे इसका लाभ लिया जा सकता है? हम इस लेख के जरिए आपको बताएंगे। तो चलिए बढ़ते हैं आगे

ये योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के प्रयास के तौर पर सरकार की तरफ से शुरू की गई, जिसका उद्देश्य महिलाओं में स्वरोजगार यानी अपना काम स्थापित करना है। इसके लिए महिलाओं को कौशल विकास (Skill Development) की ट्रेनिंग दी जाएंगी। योजना से बैंक वाली दीदी, दवाई वाली दीदी, आंगनवाड़ी दीदी आदि स्वयं सहायता समूह शामिल होंगे हैं। इससे सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को लाभ होगा। योजना के तहत महिलाओं को सहायता समूहों में पैसे कमाने के लिए विभिन्न ट्रेनिंग दी जाएंगी। जिसमें उन्हें एलईडी बल्ब, प्लंबिंग, ड्रोन रिपेयरिंग जैसे टेक्निकल काम सिखाए जाएंगे। अगर देखा जाए तो ये योजना सीधे तौर पर महिलाओं को साइंस-टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ाने का काम करेगी।

इस योजना में महिलाओं का कौशल तो सुधरेगा ही साथ ही उनमें सशक्तिकरण और विश्वास निर्माण होगा। महिलाओं में बचत प्रोत्साहन, माइक्रोक्रेडिट सुविधाएं, डिजिटल वित्तीय समावेशन, उद्यमिता सहायता और बीमा कवरेज भी मिलेगा। इस योजना का भागीदार बनने के लिए महिलाओं को विभिन्न दस्तावेजों को जरूरत पड़ेगी, जो लेख में नीचे बताए जा रहे हैं।

‘लखपति दीदी योजना’ के लिए महिलाओं को आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, बैंक खाता, आय प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो की आवश्यकता होगी। इन दस्तावेजों के अलावा महिलाओं का स्वयं सहायता समूहों से जुड़ा होना भी अनिवार्य है। हाल ही में सरकार ने बजट 2024 में इस योजना का जिक्र किया। साल 2023 में शुरू हुई इस योजना के तहत तब 2 करोड़ को कौशल प्रशिक्षण देना था लेकिन इस बार सरकार ने इस दायरा बढ़कर 3 करोड़ कर दिया।



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