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क्या है भारतीय कॉफी और इसका इतिहास, उद्देश्य एवं लाभ?

Tulsi Rao
22 Nov 2021 6:48 AM GMT
क्या है भारतीय कॉफी और इसका इतिहास, उद्देश्य एवं लाभ?
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अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस हर वर्ष 1 अक्टूबर को मनाया जाता है. इस दिवस विशेष को मनाने की मुख्य वजह उन श्रमिकों एवं कॉफी व्यवसाय से जुड़े लोगों को सम्मानित, सराहना और प्रेरित करना है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस हर वर्ष 1 अक्टूबर को मनाया जाता है. इस दिवस विशेष को मनाने की मुख्य वजह उन श्रमिकों एवं कॉफी व्यवसाय से जुड़े लोगों को सम्मानित, सराहना और प्रेरित करना है, जो दिन-रात कड़ी मेहनत-मशक्कत कर आपको कॉफी की चुस्कियों का आनंद लेने का शानदार मौका देते हैं.विश्व के अधिकांश देशों में हर वर्ष सितंबर माह की पहली तारीख को अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस मनाया जाता है.

इस दिवस के माध्यम से कॉफी उद्योग से जुड़े उन सभी कर्मियों की मेहनत, लगन और निष्ठा को सम्मानित कर कॉफी उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना होता है. इससे कॉफी व्यवसाय से जुड़े लोगों की आय में भी वृद्धि होती है. कुछ रिपोर्टों के अनुसार तेल के बाद कॉफी दुनिया में दूसरी सबसे अधिक आय अर्जित करने वाली वाली वस्तु है. यहां हम आपको अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस पर कुछ रोचक जानकारी देने की कोशिश करेंगे.यह भी पढ़े: काले तिल का तिलस्म! जानें इसमें कैसे-कैसे छिपे हैं आध्यात्मिक, सेहत एवं सौंदर्य के गुण?
जानें इसका इतिहास?
कहा जाता है कि कॉफी बीन्स की सर्वप्रथम खोज इथियोपिया में एक बकरी चराने वाले काल्दी नामक युवक ने किया था. अंतर्राष्ट्रीय मार्केट के एक शोध के अनुसार तेल के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा कारोबार कॉफी का किया जाता है. हालिया रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में कॉफी का सबसे ज्यादा उत्पादन ब्राजील, वियतनाम, कोलंबिया, इंडोनेशिया एवं इथियोपिया में किया जाता है. जहां तक अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस की बात है तो अंतरराष्ट्रीय कॉफी संगठन ने साल 2015 में मिलान (इटली) में पहला विश्व कॉफी दिवस का आयोजन किया था. इसके एक साल पूर्व यानी साल 2014 में अंतर्राष्ट्रीय संगठन ने अंतरराष्ट्रीय कॉफी संगठन ने 01 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय कॉफी दिवस मनाने का फैसला किया था. यह दिन विश्व भर में कॉफी उगाने वाले किसानों के मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है.
अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस का उद्देश्य
अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य किसानों से लेकर कंपनियों तक उन सभी लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त करना है, जिनकी वजह से हम घर के लॉन में बैठे दुनिया के सबसे पसंदीदा पेय पदार्थ का सुकून के साथ आनंद ले पाते हैं. इसी बहाने कॉफी के व्यवसाय एवं मांग को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने का अवसर मिलता है. गौरतलब है कि प्रत्येक वर्ष पहली अक्टूबर के दिन पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस मनाया जाता है.
भारत दुनिया की बेस्ट क्वालिटी की कॉफी का उत्पादक देश है.
भारत में विश्व भर में सबसे अच्छी क्वालिटी की कॉफी का उत्पादन होता है, क्योंकि यहां कॉफी सूर्य की रोशनी से दूर छांव में उगाई जाती है, जिससे कॉफी का टेस्ट बढ़ जाता है. यहां विश्व की कुल 4 प्रतिशत कॉफी का उत्पादन होता है. भारत दुनिया का छठवां सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक देश है. यहां सबसे ज्यादा क़ॉफी का उत्पादन क्रमशः कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, असम और मणिपुर में होता है. भारत में उत्पादित 75 से 80 प्रतिशत कॉफी का निर्यात इटली, रूस एवं जर्मनी के लिए किया जाता है. गौरतलब है कि भारत में सबसे ज्यादा रोबस्टा एवं अरेबिका कॉफी का उत्पादन किया जाता है. भारत में लगभग दो लाख पचास हजार लोग कॉफ़ी उत्पादन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं:इनमें से 98 प्रतिशत छोटे उत्पादक हैं.
क्या है अंतर्राष्ट्रीय कॉफी संगठन
अंतर्राष्ट्रीय कॉफी संगठन की स्थापना 1963 में लंदन में हुई थी, तब इस संगठन का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से दुनिया भर में कॉफी उत्पादन में आनेवाली चुनौतियों को दूर कर उत्पादन को सहज बनाना है. अंतरराष्ट्रीय कॉफी संगठन के सदस्य देश विश्व कॉफी उत्पादन का करीब 98 प्रतिशत और विश्व उपभोग का 67 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं.
सेहत के लिए भी लाभकारी है कॉफी
हावर्ड विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित एक शोध के रिपोर्ट में पाया गया है कि कॉफी अवसाद से लड़ने और आपको हैप्पी फील करवाने में मदद कर सकती है. पश्चिमी देशों में कॉफी एंटीऑक्सीडेंट स्त्रोत है. इसके अलावा कॉफी अतिरिक्त चर्बी को जलाने में मदद करती है, क्योंकि यह चयापचय (Metabolism) की दर को 11 से 12 प्रतिशत तक बढ़ा सती है. कॉफी में नियासिन, मैग्नीशियम (विटामिन B 3), पोटेशियम, मैंगनीज, पैंटोथेनिक एसिड (विटामिन B 5), और राइबोफ्लेविन (विटामिन B 2) सहित कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं.


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