- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- क्या है HbA1c टेस्ट,...
x
दुनियाभर में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. भारत में 7 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं.
दुनियाभर में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. भारत में 7 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. चिंताजनक बात यह है कि बड़ी संख्या में युवा भी डायबिटीज से जूझ रहे हैं. डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति का इम्यून सिस्टम बुरी तरह प्रभावित होता है. यह बीमारी हमारे शरीर के कई अंगों पर बुरा असर डालती है. डायबिटीज चेक करने के लिए कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं, जिसमें एक HbA1c होता है. इसे ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन या ग्लाइकोहीमोग्लोबिन टेस्ट भी कहा जाता है. बड़ी संख्या में लोग इस टेस्ट को लेकर कंफ्यूज रहते हैं. आज एक्सपर्ट से इस बारे में जरूरी बातें जानेंगे
क्या है HbA1c टेस्ट?
डायबिटीज एक्सपर्ट डॉ. ललित कौशिक (MD) के मुताबिक HbA1c हीमोग्लोबिन का एक टेस्ट होता है, जिसमें पिछले 3 महीने का एवरेज ब्लड शुगर लेवल का पता चलता है. इस टेस्ट केेे जरिए शुगर लेवल में होने वाले फ्लकचुएशंस के बारे में जानकारी हासिल की जाती है. जिन लोगों का HbA1c लेवल 6.4 से ज्यादा आता है, वे डायबिटीज की समस्या से ग्रसित होते हैं. यह टेस्ट परसेंटेज में मापा जाता है. अगर किसी व्यक्ति का HbA1c लेवल सामान्य से ज्यादा है, तो इसका मतलब होता है कि उसे डायबिटीज की समस्या है. जिन लोगों को लगता है कि HbA1c लेवल बढ़ना डायबिटीज की बीमारी नहीं है, वे बिल्कुल गलत हैं.
किन लोगों को कराना चाहिए यह टेस्ट?
डॉ. ललित कौशिक कहते हैं कि स्वस्थ लोगों को हर 2 साल में एक बार यह टेस्ट कराना चाहिए, जबकि डायबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए हर 3 महीने में यह टेस्ट कराना जरूरी होता है. इस टेस्ट से डायबिटीज के मरीजों के ब्लड शुगर लेवल में होने वाले बदलावों का पता चलता है. शुगर का ओवरऑल कंट्रोल जांचने के लिए यह टेस्ट किया जाता है. सबसे जरूरी बात यह है कि यह टेस्ट डेली शुगर लेवल चेक करने वाले टेस्ट का रिप्लेसमेंट नहीं हो सकता. डेली शुगर मॉनिटरिंग ज्यादा कारगर साबित होती है. हालांकि जिन लोगों में हीमोग्लोबिन की कमी है या वे खून की किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह टेस्ट ज्यादा कारगर साबित नहीं होगा.
क्या होते हैं डायबिटीज के लक्षण?
– बार-बार यूरिन आना
– थोड़ी-थोड़ी देर पर प्यास लगना
– थकान महसूस होना
– हाथ, पैर और सिर में दर्द होना
– सेक्सुअल प्रॉब्लम होना
– विजन ब्लर होना
– ज्यादा भूख लगना
– तेजी से वजन घटना
Ritisha Jaiswal
Next Story