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लाइफ स्टाइल
क्या है गैस्ट्रोआइसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज और इसके लक्षण
Apurva Srivastav
27 April 2024 3:24 AM GMT
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लाइफस्टाइल : GERD या गर्ड (गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज) पेट संबंधी एक ऐसी समस्या है, जिससे दुनिया की लगभग एक तिहाई आबादी प्रभावित रहती है। इसमें पेट में मौजूद एसिड या बाइल खाने की नली को संक्रमित करते हैं और पेट संबंधी कई प्रकार की परेशानियां बढ़ाते हैं।
GERD के लक्षण-
सीने में जलन
सिन्युसाइटिस
पेट में दर्द
दांतों में कैविटी
मुंह में छाले
मुंह से बदबू
मुंह का स्वाद बिगड़ जाना
उल्टी और मितली
खांसी
गले में दर्द
ब्लोटिंग
गैस और कच्ची डकार
निगलने में समस्या
GERD से होने वाली अन्य शारीरिक समस्याएं-
एसोफेजाइटिस- क्रॉनिक एसिड रिफ्लक्स से खाने की नली संक्रमित हो सकती है।
बैरेट्स एसोफेगस- कुछ मामलों में खाने की नली की लाइनिंग में बदलाव आ जाता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
स्ट्रिक्चर- एसिड से डैमेज होते होते खाने की नली पतली होती जाती है, जिससे निगलने में तकलीफ होती है। इसे स्ट्रिक्चर कहते हैं।
सांस संबंधी समस्याएं- पेट के अंदर की चीजें जब फेफड़ों में एस्पिरेट हो कर आने लगें तब ये खांसी और अन्य सांस संबंधी समस्याएं पैदा करने लगता है।
डेंटल समस्याएं- खट्टी डकार और गर्ड के एसिड से संपर्क में आने से मुंह में छाले और दांतों में सड़न होने लगती है।
गर्ड के दौरान ऐसी रखें डाइट
प्रीबायोटिक- ये पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है। लहसुन, प्याज, केला, ओट्स जैसी चीजों का सेवन करने से गर्ड के लक्षणों से राहत मिलती है।
प्रोबायोटिक- दही, छाछ, इडली जैसे फर्मेंटेड प्रोडक्ट अच्छे प्रोबायोटिक होते हैं, जो कि माइक्रोबायोम को हेल्दी बनाते हैं और गर्ड से छुटकारा दिलाते हैं।
कड़वे आहार- करेला जैसे कड़वे फूड्स पेट के नेचुरल एसिड उत्पादन को बढ़ाते हैं। हमारे पेट में कड़वे फूड्स के रिसेप्टर होते हैं, जो एसिड के उत्पादन को बढ़ाते हैं, जिससे अपच, सीने में जलन और ब्लोटिंग की समस्या दूर होती है।
पॉलीफेनोल- पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने के लिए पॉलीफेनोल युक्त आहार बहुत ही फायदेमंद होता है।
जीवनशैली में लाएं ये परिवर्तन
खाना धीरे-धीरे अच्छे से चबा कर खाएं।
खाते ही लेट न जाएं।
गर्म खाने को हल्का ठंडा कर के खाएं।
हड़बड़ी में गर्म खाना न खाएं।
स्मोकिंग या शराब का सेवन न करें।
एक बार में अधिक भोजन न खाएं, छोटी मील थोड़ी-थोड़ी देर में लेते रहें।
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Apurva Srivastav
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