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आयुर्वेद में लेमनग्रास का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आयुर्वेद में लेमनग्रास का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो बुद्धि बढ़ाने से लेकर उच्च रक्तचाप में कारगर पाए जाते हैं। साथ ही कैंसर बीमारी में लेमनग्रास दवा की तरह काम करती है। यह घास लंबाई में लगभग सबसे बड़ी होती है। यह भारत सहित एशिया के कुछ देशों में पाई जाती है। इसके अलावा, मच्छरों को भगाने के लिए लोग अपने घरों पर लेमनग्रास लगाते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो सेहतमंद रहने के लिए रोजाना लेमनग्रास की चाय का सेवन करना चाहिए। कई शोध में खुलासा हुआ है कि लेमनग्रास डायस्टोलिक रक्तचाप को कंट्रोल करने में सक्षम है। अगर आप हाइपरटेंशन के मरीज हैं और हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो लेमनग्रास का इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि शोध क्या कहती है-
डायस्टोलिक क्या है
रक्तचाप को सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दो तरहों से मापा जाता है। इससे यह पता चलता है कि धड़कनों के बीच तनाव या संकुचन है। सामान्य रक्तचाप 100-140 mmHg सिस्टोलिक और 60-90 mmHg डायस्टोलिक होता है। उच्च रक्तचाप में रीडिंग 90/140 mmHg या इसके ऊपर रहता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति की धमनियों में रक्त का दबाव बहुत बढ़ जाता है। वहीं, रक्तचाप को सामान्य बनाए रखने के लिए दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
लेमनग्रास के फायदे को बताया गया है। इस शोध में 26 लोगों को शामिल किया गया था। इस शोध में शामिल लोगों को लेमन ग्रास तेल से हफ्ते में एक बार मालिश किया गया। यह शोध तीन हफ्ते तक किया गया। इससे रक्तचाप को कंट्रोल करने में मदद मिली। इसके अलावा, उच्च रक्तचाप के मरीज लेमन ग्रास की चाय का सेवन कर सकते हैं। अगर आप उच्च रक्तचाप के मरीज हैं, तो आप इन दोनों उपायों को अपना सकते हैं
Ritisha Jaiswal
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