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लाइफस्टाइल : डायबिटीज एक गंभीर समस्या है, जिसके बढ़ते मामले चिंताजनक है। डायबिटीज से अब सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं बल्कि, कम उम्र के युवा भी पीड़ित हो रहे हैं। इसका बड़ा कारण है, पिछले कुछ दशकों में लाइफस्टाइल में हुए बड़े बदलाव।
हमारे रोजमर्रा के जीवन में हमने कई ऐसे बदलाव आए हैं, जिनकी वजह से इस खतरनाक बीमारी का जोखिम काफी बढ़ गया है। इसलिए हम कुछ ऐसे टिप्स बताने वाले हैं, जिनकी मदद से डायबिटीज से बचाव करने में मदद मिलेगी। आइए जानते हैं डायबिटीज से बचाव के तरीके।
क्या है डायबिटीज?
डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं है। यह पैंक्रियाज से इंसुलिन न रिलीज होने या कम मात्रा में रिलीज होने की वजह से होते हैं। दरअसल, हमारी बॉडी खाने से एनर्जी हासिल करने के लिए उसे शुगर यानी ग्लूकोज में ब्रेक डाउन करती है।
इससे ब्लड में शुगर लेवल बढ़ता है, जिससे पैंक्रियाज को इंसुलिन रिलीज करने का संकेत मिलता है। इंसुलिन एक हार्मोन होता है, जो बॉडी को ग्लूकोज का इस्तेमाल करने में मदद करता है, लेकिन जब इंसुलिन पर्याप्त मात्रा में रिलीज नहीं होता या बॉडी उसका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाती, तो ब्लड शुगर लेवल संतुलित नहीं रह पाता। इस कंडिशन को डायबिटीज कहते हैं।
कैसे करें बचाव?
रोज एक्सरसाइज करें
रोज कम से कम 30-40 मिनट एक्सरसाइज करना डायबिटीज के खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है। एक्सरसाइज करने से इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है, जिससे सेल इंसुलिन का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर पाते हैं। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और एरोबिक एक्सरसाइज काफी मददगार साबित हो सकते हैं।
संतुलित आहार खाएं
खाने में फाइबर, प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, विटामिन और मिनरल से भरपूर फूड्स को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। फाइबर ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है, जिससे डायबिटीज से बचाव में सहायता मिलती है। इसलिए साबुत अनाज, फल, सब्जियां, बीन्स, फिश आदि को डाइट में शामिल करें।
पोर्शन कंट्रोल करें
पोर्शन कंट्रोल करना यानी एक बार में आप कितना खाना खाते हैं, उसकी मात्रा संतुलित करना। एक बार में बहुत सारा खाना खाने के बदले थोड़ा-थोड़ा खाना खाना डायबिटीज का खतरा कम करने में मददगार हो सकता है। ऐसा करने से आप ओवर ईट नहीं करते और वजन बढ़ने का खतरा भी कम होता है।
कार्ब्स की मात्रा संतुलित करें
खाने में रिफाइन्ड कार्ब्स ज्यादा होने की वजह से ब्लड शुगर बढ़ता है। हालांकि, हर प्रकार का कार्ब ब्लड शुगर लेवल बढ़ाता है। इसलिए अपनी डाइट में कार्ब्स की मात्रा संतुलित करें। खासकर, अगर आप प्री-डायबिटीक हैं।
वजन कम करें
वजन ज्यादा होने की वजह से डायबिटीज का जोखिम काफी ज्यादा होता है, खासकर बेली फैट ज्यादा होने की वजह से। वजन ज्यादा होने की वजह से सेहत से जुड़ी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए कुछ मात्रा में वजन कम करना भी काफी मददगार साबित हो सकता है।
तनाव कम करें
तनाव ज्यादा होने की वजह से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है, जिस वजह से सेल इसका बेहतर तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाते। इसलिए तनाव कम करें। रोज योग, डीप ब्रीदिंग या मेडिटेशन करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
नींद पूरी करें
नींद पूरी न होने की वजह से हार्मोनल इम्बैलेंस की समस्या हो सकती है, जिससे इंसुलिन लेवल भी प्रभावित होता है। इसलिए रोज 7-8 घंटे की नींद लेने की कोशिश करें। अच्छी नींद के लिए स्क्रीन टाइम कम करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
स्मोक न करें
स्मोकिंग की वजह से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है या इंसुलिन ठीक से रिलीज न होने की समस्या भी हो सकती है। इसलिए स्मोक न करें। साथ ही, शराब के सेवन से भी बचने की कोशिश करें।
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Apurva Srivastav
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