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भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों की दिनचर्या बेहद बदल चुकी है. सेहत के साथ खिलवाड़ आम हो गया है.
भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों की दिनचर्या बेहद बदल चुकी है. सेहत के साथ खिलवाड़ आम हो गया है. जो लोग बहुत सतर्क नजर भी आते हैं जो फिटनेस के नाम पर जरूरत से ज्यादा जिमिंग करते नजर आते हैं. इस दौरान शरीर की फिटनेस और बॉडी बिल्डिंग के जोश में वो दिल का हाल पता करने से चूक जाते हैं. दिल के साथ लंबे वक्त तक की गई लापरवाही बेहद खतरनाक साबित हो सकती है. पिछले कुछ समय में हमने बहुत से ऐसे लोगों को दिल का दौरा पड़ कर मौत के मुंह में जाते देखा है. जिनकी अभी जाने की उम्र नहीं थी. इस लिस्ट में तमाम सेलिब्रिटीज भी शामिल है.
ट्विटर के H0W_THlNGS_W0RK पर हाल ही में एक वीडियो शेयर किया गया, जिसमें बताया गया कि आखिर CPR क्या होता है और कैसे काम करता है? सीपीआर अप्लाई करने के बाद शरीर में क्या होता है. आज के समय में ये वीडियो इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि आए दिन युवा भी तेज़ी से हार्ट अटैक जैसी समस्या से जूझ रहे हैं. जिसमें सीपीआर बेहद इम्पोर्टेन्ट होता है. किसी भी अन्य प्राथमिक उपचार की तरह ही अब CPR की जानकारी होना हर किसी के लिए बेहद ज़रूरी है. सोशल मीडिया पर शेयर होने के बाद वीडियो को 1 करोड़ से ज्यादा व्यूज मिले हैं.
CPR जानना है अब हर किसी के लिए ज़रूरी
CPR करने का तरीका और उसके बाद शरीर में होने वाले उसके असर का एनिमेटेड वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर होते ही वायरल हो गया. वजह बिल्कुल साफ है मौजूदा दौर में दिल की बिमारी आम होने लगी है. हार्ट अटैक के लिए अब उम्र बाधा नहीं रहा. ऐसे में हर किसी को ये जानना बेहद जरूरी है कि हार्ट अटैक आने पर तुरंत दिया जाने वाला सीपीआर क्या होता है और यह कैसे काम करता है? आज के वक्त मैं ये जानना इसलिए जरूरी है कि कब-कहां, किस वक्त, किस के लिए जरूरत पड़ जाए कोई नहीं जानता. अगर हमने ये नहीं सीखा तो कहीं ऐसा ना हो की इमरजेंसी में सीपीआर देकर जिसकी जान बचाई जा सकती थी वो नहीं हो पाई.
क्या है CPR कैसे करता है काम?
CPR का फुल फॉर्म "कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन" (Cardiopulmonary resuscitation) है. CPR मेडिकल इमरजेंसी की हालत में इस्तेमाल की जाने वाली एक प्राथमिक मेडिकल थेरेपी की तरह है, जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकती है. इससे दिल का दौरा पड़ने, सांस लेने में हो रही दिक्कत के दौरान आपातकालीन स्थिति में किसी की भी जान बचाई जा सकती है. मेडिकल इमरजेंसी में दोनों हाथों से तेज़-तेज़ मरीज के सीने पर पुश करना चाहिए. जिससे फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलता है. और शरीर के अंदर रक्तप्रवाह तेज़ होता है. ऑक्सीज़न की कमी होने की स्थिति में मुंह से ऑक्सीज़न देना भी CPR का हिस्सा है. जिसे कृत्रिम श्वांस भी कहते हैं. आम तौर पर इसे इंसानों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली थेरेपी के रूप में जाना जाता है.लेकिन कुछ ऐसे वीडियोज भी देखने को मिले जहां लोगों ने जानवरों को सीपीआर देकर उनकी जान बचाई
Bharti sahu
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