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क्या है बायोहैक और इसके फायदे

Apurva Srivastav
18 April 2023 2:02 PM GMT
क्या है बायोहैक और इसके फायदे
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एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करती हैं कविता। एक समय वह अपने बढ़े वजन के कारण काफी तनाव में थीं। उनका प्रदर्शन लगातार गिर रहा था। लेकिन जब से उन्होंने अपने दिनचर्या में बदलाव किया है, तबसे वो जिंदगी के हर मोर्चे पर सफल हैं। दिन में केवल एक बार खाती हैं। लेकिन साथ में इस बात का भी ख्याल रखती हैं कि उचित कैलोरी की आपूर्ति भी होती रहे।
योग और ध्‍यान उनकी दिनचर्या का नियमित हिस्‍सा है। रात को सोने से पहले वो स्‍नान करती हैं। गैजेट, मोबाइल को बेडरूम से दूर रख देती हैं। स्मार्टवाच पर हरदम नजर रहती है, ताकि पूरे दिन की रिपोर्ट मिलती रहे। कविता को यह समझ में आ गया है कि उनका शरीर और मन कैसे काम कर रहा है। वह सेहत की बेहतरी के लिए प्रयास करती हैं। उनका शरीर व मन उन पर कैसी प्रतिक्रिया कर रहा है, इसका फल मिला है उन्‍हें। अब हरदम तरोताजा महसूस करती हैं। वजन भी घट गया है। दरअसल, कविता ने बायोहैक आजमाया है, जिसका उन्हें अपनी सेहत को ठीक रखने में भरपूर लाभ मिल रहा है।
बायोहैक क्या है ?
अपने तन-मन की कार्यप्रणाली को काफी हद तक समझ लेना ही बायोहैक कहलाता है। इस प्रक्रिया में अपनी शारीरिक और मानसिक कार्यप्रणाली को डिकोड कर जीवनशैली में बदलाव लाकर अपने स्‍वास्‍थ्‍य में मनचाहा परिवर्तन लाया जा सकता है। बायोहैकिंग का जरूरी हिस्‍सा है तकनीक। आज अनेक डिवाइस प्रचलन में हैं, जो बायोहैकिंग के काम को आसान बना रहे हैं। बायोहैकिंग के दो उद्देश्‍य हैं। पहला, सेहत की खामियों को समझना और उन्‍हें ठीक करना, दूसरा जीवन की गुणवत्ता सुधारनाल और लंबी आयु पाना।
तन-मन की भाषा
कुछ लोगों को तभी नींद आती है जब कमरे में अंधेरा हो जाए। सुबह बिस्‍तर पर चाय मिलने के बाद ही कइयों की नींद खुलती है। गुनगुने पानी से स्‍नान करना बहुत से लोगों को भाता है। अगर कसरत नहीं कर पाए, तो पूरे दिन मन बुझा रहता है। दरअसल, ये एहसास आपको शरीर व मन की भाषा को समझने में मदद करते हैं। हालांकि, कुछ लोगों का मन पर नियंत्रण नहीं रह पाता, तो कई लोग ऐसे हैं जिन्‍हें शरीर में हो रहे बदलाव की खबर ही नहीं होती। अगर आप बायोहैकर बनना चाहते हैं, तो पहली शर्त यही है कि आप शरीर व मन पर होने वाली इन प्रतिक्रियाओं के प्रति सजग रहें। केवल जानकारी रखकर आप अपने स्‍वास्‍थ्‍य में मनचाहा बदलाव नहीं ला सकते।
मध्‍यम मार्ग है बेहतर
हालांकि, शरीर के साथ एक तय सीमा तक ही प्रयोग करना चाहिए। आप विशेषज्ञ नहीं हैं, जो शरीर की हर गतिविधि को समझ सकें। हां, कुछ प्रमाणित बायोहैक हैं, जो स्‍वीकार्य रहे हैं। अगर आप अच्‍छी नींद के लिए प्रयोग कर रहे हैं तो इसमें बुरा नहीं। आपको वजन घटाना है तो खानपान में बदलाव करें, उपवास करें। अगर कोई कहे कि मैं बीस घंटे नहीं बस चार घंटे के दौरान ही कुछ खाऊंगा तो यह सही नहीं होगा। इसलिए शरीर की क्षमता को जानकर ही बायोहैक आजमाएं। अच्‍छा होगा आप कोई बीच का रास्ता निकालें।
बायोहैक के लाभ
-शारीरिक और मानसिक क्षमता बेहतर हो सकती है।
-शरीर की खूबियों व कमजोरियों को समझ सकते हैं।
-पैसे और समय की बचत कर सकते हैं।
-लक्ष्‍य प्राप्‍त हो जाए तो आत्‍मविश्‍वास भी बढ़ता है।
कैसे करें शुरुआत
-पहला चरण है अपने शरीर व मन की स्थिति पर लगातर नजर रखें।
-अगर वजन घटाना या शरीर की क्षमता बढ़ाना चाहते हैं, नींद अच्‍छी करने के लिए कुछ प्रयोग करना चाहते हैं, जो आपको उचित लगता है उन उपायों पर अमल करें।
-रक्‍त जांच, हृदय गति, नींद की गुणवत्ता, वजन की जांच जैसे परिणामों का पता करें।
-अंतिम परिणाम की जल्‍दबाजी न करें। कब आप अपने लक्ष्‍य तक पहुंचेंगे, इसकी चिंता न करें।
बायोहैकिंग के सामान्य तरीके
इंटरमिटेंट फास्टिंग: एक तय अवधि तक उपवास करना, जैसे आठ या सोलह घंटे तक। इस बीच कुछ ना खाएं। बाकी के समय में खाएं, पर संतुलन रखते हुए। इससे वजन घटता है और रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है। उम्र भी बढ़ती है।
ठंडे पानी की चिकित्सा: ठंडे पानी में तैरना या शावर लेने से हृदय प्रणाली, प्रतिरक्षा तंत्र और मानसिक स्वास्थ्य में मदद मिलती है। लंबे समय तक कसरत के बाद मांसपेशियों को आराम देने के लिए यह एक थेरेपी है।
ध्‍यान व योग: भावनात्मक संतुलन प्राप्त करने में मदद, विचारों में स्पष्टता लाने व आंतरिक स्थिरता पाने के लिए ध्‍यान व योग अपनाएं। इसके कई तरीके हैं जैसे निर्देशित ध्यान, माइंडफुलनेस आदि।
अन्‍य तरीके
खानपान में पुरानी चीजों को बाहर कर नई चीजों को जोड़ देना। कीटो डाइट, वीगन डाइट आदि पर अमल करना। पूरक दवाइयों का प्रयोग, कार्डियो कसरत करना आदि।
ध्‍यान रखने योग्‍य बातें
-जीवनशैली से जुड़ी समस्‍याएं हैं तो चिकित्‍सकीय परामर्श लेकर ही बायोहैक की तरफ कदम बढ़ाएं।
-अच्‍छी नींद कसरत से भी ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है। नींद के साथ ज्‍यादा प्रयोग न करें।
-सेहत पर नजर रखने के लिए गैजेट आदि का प्रयोग इसलिए न करें कि यह ट्रेंड में है। जरूरत हो तभी प्रयोग करें।
-स्मार्टवाच, फिटनेस-ट्रैकिंग बैंड स्‍मार्टफोन या किसी भी डिवाइस के आंकड़ों पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। ये अस्‍पतालों में हुए लैब से मिले आंकड़े की बराबरी नहीं कर सकते।
-आंकड़ों के बढ़ते घटते स्‍तर को देखकर तनाव न बढ़ाएं। ये बस अनुमान लगाने में मदद करते हैं।
-उपवास, ध्‍यान, योग, प्राकृतिक भोजन अथवा अच्‍छी नींद के लिए किए जाने वाले बायोहैक अच्‍छे हैं। लेकिन अत्‍यधिक प्रयोग उल्‍टे परिणाम दे सकते हैं।
-पूरक दवाइयों या शारीरिक, मानसिक क्षमता बढ़ाने के लिए दवाइयों का सेवन चिकित्‍सकीय परामर्श से करें।
-लोग कैफीन वजन घटाने के लिए लेते हैं। यह सही नहीं है।
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