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प्रेग्नेंसी जीवन का वह स्टेज होता है, जब आपका शरीर आपसे सेहतमंद जीवनशैली अपनाने की डिमांड करता है. पर प्रेग्नेंसी वह समय भी होता है, जब आपका मन कई ऐसी चीज़ें खाने-पीने के लिए मचल उठता है, जिनकी आपको कभी आदत नहीं रही होती है. अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो आपको कई चीज़ों से दूरी बनानी पड़ती है, क्योंकि उनसे आपकी ही सेहत नहीं, बल्कि होनेवाले बच्चे की सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है. अल्कोहल उन्हीं चीज़ों में एक है. ज़्यादातर लोगों का मानना है कि आपको प्रेग्नेंसी के दौरान स्ट्रिक्टली अल्कोहल से दूरी बना लेनी चाहिए, वहीं कुछ लोग यह भी कहते हैं कि पहले ट्रायमिस्टर तक सीमित मात्रा में इसका सेवन शरीर पर किसी भी तरह का दुष्प्रभाव नहीं डालता है. हम इन दोनों विचारधाराओं को परखने की कोशिश करेंगे.
प्रेग्नेंसी में शराब पीने का ख़तरा नंबर एक: गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है
अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान शराब पीने की अपनी इच्छा पर लगाम नहीं लगाती हैं तो आप अपने और होनेवाले बच्चे दोनों के लिए ही ख़तरा मोल ले रही होती हैं. मुंबई की डायटीशियन और न्यूट्रिश्निस्ट डॉ पूजा शर्मा बताती हैं,‘‘अगर आप गर्भावस्था के दौरान शराब के सेवन पर लगाम नहीं लगाती हैं, ख़ासकर पहले ट्रायमिस्टर में तो, आपको मिसकैरेज के शारीरिक और मानसिक तक़लीफ़ से गुज़रना पड़ सकता है. अगर गर्भपात नहीं भी होता है तो अल्कोहल के चलते प्रीमैच्योर बर्थ यानी समय से पहले बच्चा पैदा होना और जन्म के समय बच्चे का वज़न कम होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं.’’
प्रेग्नेंसी में शराब पीने का ख़तरा नंबर दो: आप मूड स्विंग्स का शिकार हो सकती हैं
प्रेग्नेंसी में वैसे ही शरीर में कई तरह के केमिकल बदलाव होते रहते हैं, जिनके कारण महिलाओं का मूड पल-पल बदलते रहता है, ऐसे में अल्कोहल मूड स्विंग्स को बढ़ा सकता है. इतना ही नहीं अल्कोहल पीने से मूड स्विंग्स के साथ-साथ शरीर में पानी की कमी हो जाती है. ‘‘गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी होना ही चाहिए. शराब की जगह आपको दिन में कम से कम 8-10 ग्लास पानी पीना चाहिए. घर पर बने सूप, जूस लेने चाहिए. फलों को भी अपनी डायट में शामिल करना चाहिए, क्योंकि इनमें दूसरे पोषक तत्वों के साथ, साथ ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स भी होते हैं,’’ बताती हैं डॉ शर्मा.
प्रेग्नेंसी में शराब पीने का ख़तरा नंबर तीन: डायबिटीज़ का ख़तरा कई गुना बढ़ जाता है
हालिया शोधों में यह बात सामने आ रही है कि शराब पीने और इंसुलिन लेवल के कम होने में कोई कनेक्शन है. इस बारे में और जानकारी देते हुए डॉ शर्मा बताती हैं,‘‘अल्कोहल पीने से शरीर में शुगर का लेवल बढ़ जाता है. बढ़े हुए शुगर को नियंत्रित करने के लिए हमारे पैंक्रियाज़ को अधिक इंसुलिन प्रोड्यूस करना पड़ता है. अगर ऐसा होता रहा तो शरीर में भोजन का अवशोषण करनेवाले सेल्स की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है. आगे चलकर इंसुलिन प्रोडक्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इन सबका आख़िरी प्रभाव डायबिटीज़ के रूप में सामने आता है.’’ डॉ शर्मा के मुताबि़ यह एक बहुत बड़ा कारण है, आपको प्रेग्नेंसी के समय शराब को हाथ भी नहीं लगाना चाहिए.
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