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क्या होता है कार्डियक अरेस्ट, कार्डियक अरेस्ट आने पर क्या करें?
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कार्डियक अरेस्ट दुनियाभर में मौतों का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है। आंकड़ों की मानें तो भारत में 10 प्रतिशत मौतें कार्डियक अरेस्ट से होती हैं। पिछले कुछ समय में कार्डीऐक अरेस्ट से होने वाली मौतों में इज़ाफा भी देखा गया है, इसलिए इस बारे में जानकारी रखना ज़रूरी हो गया है।
क्या होता है कार्डियक अरेस्ट
अचानक कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब दिल बहुत तेज़, धीमा या पूरी तरह से धड़कना बंद कर देता है। कार्डियक अरेस्ट दिल से जुड़ी एक ऐसी समस्या है, जिसमें कई हिस्सों के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान सही तरीके से नहीं हो पाता। इस वजह से धड़कनों की गति अचानक से बढ़ जाती है। जब व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट आता है, तो धड़कनें सामान्य (60-100 प्रति मिनट) से बढ़कर 300-400 तक हो जाती हैं। ऐसे में ब्लड प्रेशर अचानक से गिरने लगता है। इस स्थिति में दिल के कामकाज में अनियमितता आ जाती है और दिल शरीर के अन्य हिस्सों तक खून की सप्लाई नहीं कर पाता है।
दिल के दौरे से कैसे है अलग?
दिल को जो धमनियां ब्लड पहुंचाती हैं, वो तीन होती हैं। एक दाहिने साइड होती है और दो बाईं तरफ होती हैं। उन धमनी में अगर खून का थक्का जम जाता है और मसल में ब्लड सप्लाई रुक जाती है, तो उसे हार्ट अटैक कहा जाता है।
कार्डियक अरेस्ट के पहले दिखते हैं ये लक्षण
कार्डियक अटैक अचानक ज़रूर आता है, लेकिन इससे पहले शरीर कुछ संकेत भी देता है। इन संकेतों को नज़रअंदाज़ न किया जाए, तो पीड़ित की जान बचाई जा सकती है। ये हैं कार्डियक अरेस्ट के चंद मिनट पहले शरीर में दिखने वाले संकेत।
- अधिकतर मामलों में पीड़ित बेहोशी
- पसीना आना
- दिल की धड़कन का अचानक से बढ़ जाना
- जी मचलना
- घबराहट
- सांस लेने में तकलीफ होना
- अकेलापन महसूस होना आंखों के सामने अंधेरा छा जा जाना और सीने में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं।
कार्डियक अरेस्ट आने पर क्या करें?
कार्डियक अरेस्ट अचानक ही आता है। अगर मरीज़ घर पर है, तो कुछ नहीं किया जा सकता है। वहीं, अगर मरीज़ अस्पताल में है, तो इस स्थिति में पीड़ित के हृदय को इलेक्ट्रिक शॉक देकर नियंत्रित करने की कोशिश की जाती है। ऊपर बताए गए लक्षण महसूस होने पर डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।