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ब्रेस्टफीडिंग का सफर काफी खूबसूरत होता है। मां का दूध बच्चे के ग्रोथ के लिए बहुत जरुरी है। ब्रेस्ट मिल्क में कई आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं जिसे आप बाजार में मौजूद डब्बे के दूध से प्राप्त नहीं कर सकती। नए जन्मे बच्चे को कम से कम 6 महीने तक मां का दूध मिलना अनिवार्य है। इस दौरान बच्चे को दूध पिलाने के समय का ध्यान रखने के साथ अपने स्तन की साफ़ सफाई का ध्यान रखना भी बहुत जरुरी है। हाइजीन के प्रति बरती गयी छोटी सी लापरवाही आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकती है।
बच्चे को स्तनपान (breastfeeding) का उचित लाभ देने के लिए ब्रेस्ट हाइजीन पर विशेष ध्यान दें (breast care during breastfeeding)। क्योंकि आपकी खराब सेहत सीधा बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर अब्स्टेट्रिशन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर नीरज शर्मा से बातचीत की। उन्होंने स्तनपान के दौरान स्तन की सेहत एवं हाइजीन पर विशेष रूप से ध्यान देने की सलाह दी है। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं, किस तरह अपने ब्रेस्ट का ध्यान रखना है।
सूजन आने पर करें ये उपाय
डॉक्टर नीरज शर्मा के अनुसार ब्रेस्टफीडिंग (breastfeeding) के दौरानकई महिलाओं को स्तन में दर्द का अनुभव होता है और सूजन की समस्या भी देखने को मिलती है। यदि इसे इसी प्रकार छोड़ दिया जाये तो यह समस्या आपको बड़ी परेशानी में डाल सकती है। कुछ ऐसे आसान और प्रभावी घरेलु ईपचार उपलब्ध हैं जो इससे निजात पाने में आपकी मदद करेंगे।
एक साफ सूती कपड़ा लें उसे गर्म पानी में डुबोएं और उससे पानी निचोड़ कर सिकाई करें। हर रोज कम से कम एक बार ऐसा जरूर करें। यदि हर रोज नहीं कर पा रही हैं तो एक दिन का गैप लेकर स्तन की सिकाई करना जरुरी है। यदि आपको दर्द और सूजन है तो ये फ़ौरन उससे राहत पाने में मदद करेगा। यदि नहीं है तो ऐसी स्थिति उत्त्पन नहीं होगी।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कई बार बच्चों के दांत एवं नाख़ून से निप्पल के पास कट लग जाता है, ऐसे में एंटीसेप्टिक क्रीम का प्रयोग कर सकती हैं। यदि घाव बढ़ रहा है तो कुछ दिन बच्चे को ब्रेस्टफीड न करवाएं। अन्य दिनों की तुलना में मदरहुड के दौरान आपका ब्रेस्ट ज्यादा सेंसिटिव होता है ऐसे में बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार के क्रीम का इस्तेमाल न करें साथ ही क्रीम लगाने के बाद स्तन को साफ़ किये बिना ब्रेस्टफीड न करवाएं।
1. आपकी स्तनों के लिए भी अच्छा है ब्रेस्टफीड करवाना
यदि कभी कभार किसी भी कारण से आप अपने बच्चे को दूध नहीं पीला पा रही हैं, तो ऐसे में डॉक्टर ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करने की सलाह देती हैं। क्युकी दूध को स्तन से बाहर निकलना अनिवार्य है अन्यथा सूजन, दर्द और गांठे पड़ने के साथ ही कैंसर जैसी गंभीर समस्या का खतरा बना रहता है। यदि आप बीमार हैं, तो अपने बच्चे को ब्रेस्ट पंप से निकाला गया दूध न पिलाएं।
2. ज्यादा टाइट कपड़े न पहनें
डॉक्टर कहती हैं कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान सही ब्रा का चयन करना जरुरी है। इस बारे में आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। वहीं इस दौरान जितना हो सके उतना लूज फिटिंग कपड़े पहने। अन्यथा आपके डिज़ाइनर कपड़ो की वजह से ब्रेस्ट की सेहत के प्रभावित होने का खतरा बना रहता है।
3. ब्रेस्ट पैड होंगे मददगार
मां बनते ही स्तनपान नियामत दिनचर्या का एक खास हिस्सा बन जाता है। परंतु घर के काम काज और ऑफिस के भागदौड़ में पूरे दिन ब्रेस्टफीड करवाते रहना संभव नहीं है। वहीं ऐसा करना बच्चे की सेहत के लिए भी विल्कुल उचित नहीं होता। मां बनने के कुछ महीनें बाद तक स्तन से दूध बाहर निकलता रहता है।
दूध बाहर आने की वजह से कपड़ों पर निशान नजर आने लगते हैं और इसके साथ ही इरिटेशन और इचिंग की शिकायत रहती है। वर्किंग वुमन के लिए इसे हैंडल करना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में डॉक्टर ब्रेस्ट पैड का इस्तेमाल करने की सलाह देती हैं। डॉक्टर इसे इस्तेमाल करने के साथ ही कुछ सावधानिया बरतने की भी सलाह देती हैं जैसे की एक उचित अवधि के बाद इसे बदलना जरुरी है। साथ ही इसे निकलने के बाद ब्रेस्ट को सूती कपड़े से अच्छी तरह साफ़ करें।
4. सफाई के लिए गीले कपड़े का इस्तेमाल करें
डॉक्टर कहती हैं कि “नियमित दिनचर्या की गतिविधियों को करते वक़्त शरीर से पसीना आता है, इसके साथ ही बहरी वातावरण में मौजूद कीटाणु शरीर की त्वचा पर बैठ जाते हैं। इसलिए स्तनपान करवाने से पहले और इसके बाद सूती कपड़े को गीला करके अपने स्तन को अच्छी तरह से साफ करना जरुरी है।”
यह संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को बच्चे के मुंह में प्रवेश करने से रोकता है और स्तन की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।
5. नहाते वक्त दें विशेष ध्यान
यदि आप ब्रेस्टफीडिंग करवा रही हैं तो स्तन के प्रति विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इस दौरान नहाते वक्त अपने ब्रेस्ट पर केमिकल युक्त साबुन और अन्य बॉडी वॉश का इस्तेमाल करने से बचें। निप्पल के आसपास का एरिया एक प्रकार का फ्लूइड रिलीज करता है, जो ब्रेस्ट को मुलायम बनाये रखने के लिए जरुरी हैं।
वहीं मदरहुड के दौरान ब्रेस्ट काफी सेंसिटिव रहता है। ऐसे में इसपर केमिकल युक्त साबुन का इस्तेमाल स्तन की त्वचा को ड्राई कर देता है और एलर्जी और इन्फेक्शन की संभावना को भी बढ़ा देता है।
6. ब्रेस्ट मसाज है जरुरी
डॉक्टर के अनुसार ब्रेस्टफीड करवाने के बाद दूध की 2-4 बूंदों से निप्पल और उसके आसपास की त्वचा को अच्छे से मसाज करें। ऐसा करने से आपकी त्वचा ड्राई नहीं होती और आपके स्किन को पर्याप्त पोषण मिलता है। ब्रेस्ट मिल्क में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो संक्रमण फ़ैलाने वाले कीटाणुओं के ग्रोथ को कम कर देते हैं। ऐसे में ब्रेस्ट इन्फेक्शन की संभावना सिमित रहती है।
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Apurva Srivastav
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