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गर्भावस्था के समय होने वाली डायबिटीज को जेस्टेशनल डायबिटीज के नाम से जाना जाता है। इस डायबिटीज का निदान पहले बार गर्भावस्था के दौरान ही होता है। डायबिटीज के अन्य प्रकारों की तरह जेस्टेशनल डायबिटीज से हमारे सेल्स की शुगर यानी ग्लूकोज को प्रयोग करने क्षमता प्रभावित होती है। इस डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल के बढ़ने से गर्भवती महिला और शिशु दोनों की सेहत पर बुरा असर हो सकता है। लेकिन, प्रेग्नेंसी के दौरान गेस्टेशनल डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी फूड का सेवन, एक्सरसाइज करने आदि से मदद मिलती है। यही नहीं, दवाईयों से भी इससे लाभ हो सकता है। ब्लड शुगर को कंट्रोल करके आपका शिशु न केवल हेल्दी रहेगा बल्कि इससे डिलीवरी में होने वाली समस्याओं से भी बचा जा सकता है। गर्भावस्था में डायबिटीज से आप इस तरह से बच सकती हैं।
हेल्दी फूड का सेवन
प्रेग्नेंसी में डायबिटीज के खतरे को कम करना चाहते हैं, तो सही आहार का सेवन करना जरूरी हैं। ऐसे फूड का चुनाव करें जिसमें फाइबर अधिक मात्रा में हो, लेकिन फैट व कैलोरीज कम हों। अपने आहार में फल, सब्जियों और साबुत अनाज को शामिल करें। अपने आहार में वेराइटी लाने से आपको सही न्यूट्रिशन मिलेंगे। लेकिन, अपने फूड के पोरशन साइज का ध्यान रखें।
एक्सरसाइज करें
प्रेग्नेंसी से पहले और इस दौरान एक्सरसाइज करने से भी आप जेस्टेशनल डायबिटीज के खतरे से बच सकते हैं। रोजाना कम से कम तीस मिनटों तक मॉडरेट एक्टिविटीज करें। आप सैर कर सकते हैं, स्विमिंग कर सकते हैं या साइकिलिंग भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप अन्य एक्टिविटीज को भी अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। नई एक्सरसाइज रूटीन को शुरू करने से पहले, प्रेग्नेंसी के दौरान सही एक्सरसाइज प्लान बनाने के लिए डॉक्टर से बात करें। ऐसी एक्टिविटीज को चुनें, जो आपको पसंद हों फिर चाहे वो योग हो, वॉकिंग हों या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग हो।
यह भी पढ़ें। लाइफस्टाइल की 5 आदतें जो आपको बना सकती हैं डायबिटीज का मरीज: Diabetes Habit
हेल्दी वेट
अपनी प्रेग्नेंसी को हेल्दी वेट से ही शुरू करें। अगर आप प्रेग्नेंसी के लिए प्लानिंग कर रहे हैं और आपका वजन अधिक है, तो हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए सबसे पहले अपने वजन को कम करें। इसके लिए अपनी खानपान में बदलाव करें, अधिक से अधिक फल और सब्जियों को लें और व्यायाम करें। इसके साथ ही डॉक्टर भी आपकी मदद कर सकते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान भी अपने वजन का ख्याल रखें। प्रेग्नेंसी में अधिक वजन बढ़ना ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकता है।
ब्लड शुगर को मॉनिटर करें
जेस्टेशनल डायबिटीज से बचाव का एक और तरीका है अपनी ब्लड शुगर लेवल को मॉनिटर करना। इसके लिए डॉक्टर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान स्क्रीनिंग टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। अगर आपको जेस्टेशनल डायबिटीज होने का अधिक रिस्क है, तो आप कुछ अतिरिक्त टेस्ट भी करा सकते हैं। आप घर पर भी ब्लड शुगर लेवल को मॉनिटर कर सकते हैं। अब जान लेते हैं कि जेस्टेशनल डायबिटीज के लक्षण क्या हो सकते हैं?
जेस्टेशनल डायबिटीज के लक्षण
अधिक जेस्टेशनल डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को इसका कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है। लेकिन, प्रेग्नेंसी में इसके लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है। इसके शुरुआती लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
बहुत अधिक प्यास लगना
थकावट
बार-बार मूत्र त्याग
स्किन, वजाइनल या अन्य इंफेक्शन
नजरों का धुंधला न होना
जी मिचलाना
हालांकि, जेस्टेशनल डायबिटीज से बचाव की कोई गारंटी नहीं है, लेकिन प्रेग्नेंसी से पहले हेल्दी हैबिट्स अपनाने से आप इससे बच सकते हैं। यही नहीं, यह हेल्दी चॉइसेस आपको फ्यूचर प्रेग्नेंसी या भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को भी कम कर सकती हैं।
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Apurva Srivastav
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