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क्या हैं बर्ड फ्लू के लक्षण, जानिए कैसे करें बचाव

Triveni
6 Jan 2021 4:19 AM GMT
क्या हैं बर्ड फ्लू के लक्षण, जानिए कैसे करें बचाव
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देश के कई राज्यों से बर्ड फ्लू फैलने की खबरें आ रही हैं. मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब , हिमाचल प्रदेश, केरल से आ रही इन खबरों के बीच लोगों को एलर्ट रहने को कहा गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेसक | देश के कई राज्यों से बर्ड फ्लू फैलने की खबरें आ रही हैं. मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब , हिमाचल प्रदेश, केरल से आ रही इन खबरों के बीच लोगों को एलर्ट रहने को कहा गया है. अगर आप भी इस तरह की खबरों से चिंता में हैं तो बर्ड फ्लू के लक्षण और ईलाज के बारे में जानें हर बात.

बर्ड फ्लू क्या है ( What Is Bird Flu)
बर्ड फ्लू, एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (H5N1) की वजह से होता है. ये वायरस संक्रमित पक्षियों और इंसानों दोनों के लिए बहुत खतरनाक माना जाता है. ये वायरल इंफेक्शन की तरह होता है. बर्ड फ्लू से संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले जानवर और इंसान, दोनों ही इस वायरस से संक्रमित हो जाते हैं.
बर्ड फ्लू के लक्षण (Bird Flu Symptoms)
– कफ
– डायरिया
– बुखार
– सांस लेने में तकलीफ
– मांसपेशियों में दर्द
– गले में खराश
– नाक बहना
– बेचैनी
कैसे सावधानी बरतें (Bird Flu Precautions)
ये वायरस प्राकृतिक रूप से पक्षियों में होता है. सबसे तेजी से ये मुर्गियों में फैलता है. संक्रमित पक्षी मृत हो तो भी इसे खाने से ये मानव शरीर में पहुंच जाता है. इस वायरस की खास बात ये है कि ये संक्रमित पक्षी के मल, लार में 10 दिन तक जिंदा रह सकता है. अंडो को उबाला जाए तो भी ये समाप्त नहीं होता.
जो लोग मुर्गीपालन आदि कार्यों से जुड़े हैं उन्हें इस वायरस की चपेट में आने का सबसे अधिक खतरा होता है. इसके अलावा संक्रमित पक्षियों की जगह पर जाने वाले, संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले, कच्चा या अधपका मुर्गा-अंडा खाने वालों को ये वायरस अपनी चपेट में ले लेता है.
बर्ड फ्लू का ईलाज (Bird Flu Treatment)
इसका ईलाज एंटीवायरल दवाओं से किया जाता है. लक्षण दिखने के 48 घंटों के भीतर इसकी दवाएं खानी होती हैं. अगर घर में कोई एक संक्रमित हो जाए तो बाकी परिवारजनों को भी ये दवाएं लेनी आवश्यक होती हैं. भले ही बाकी अन्य परिवारजनों में बीमारी के लक्षण हों या ना हों.
क्या करें क्या नहीं
इससे बचाव के लिए फ्लू की वैक्सीन लगवाएं. बाजार में जाने, संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से बचें. अधपका चिकन, अधपका अंडा, कम तापमान पर उबाला गया अंडा आदि खाने से बचें. घर में हाइजीन बनाए रखें. समय-समय पर हाथ धोते रहें.


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