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कोरोना पॉजिटिव होने पर क्या हैं आइसोलेशन और क्वारंटाइन के नियम

Subhi
13 Jun 2022 4:08 AM GMT
कोरोना पॉजिटिव होने पर क्या हैं आइसोलेशन और क्वारंटाइन के नियम
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भारत में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। पिछले कुछ दिनों में ही 8 हजार से ज्यादा मामले रोजाना देखने को मिल रहे हैं। जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। वहीं आईआईटी के सांइटिस्ट्स संभावना जता रहे हैं

भारत में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। पिछले कुछ दिनों में ही 8 हजार से ज्यादा मामले रोजाना देखने को मिल रहे हैं। जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। वहीं आईआईटी के सांइटिस्ट्स संभावना जता रहे हैं कि 22 जून के बाद मामले और ज्यादा बढ़ सकते हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए लोग इलाज के प्रोटोकॉल को लेकर भी जानकारी जुटाने में लग गए हैं कि कोरोना पॉजिटिव होने पर क्वारेंटाइन या आइसोलेशन के क्या नियम हैं? संक्रमित होने पर कितने दिन आइसोलेट रहना पड़ेगा और कब मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना होगा।

माइल्ड केसेज़

रिवाइज्ड डिस्चार्ज पॉलिसी के मुताबिक माइल्ड केसेज़ में मरीजों को कोविड केयर सुविधा में या होम आइसोलेशन में रहना होगा।

इस दौरान नियमित रूप से मॉनिटरिंग करते रहना होगा।

कोरोना जांच में पॉजिटिव आने के 7 दिन बाद मरीज को कोविड केयर या होम आइसोलेशन से फ्री किया जा सकता है।

ध्यान रखना होगा कि उसे इस दौरान 3 दिन में बुखार आकर खत्म हो चुका है। डिस्चार्ज करने के लिए पेशेंट को फिर से जांच की आवश्यकता नहीं होगी।

मॉडरेट केसेज

ऐसे केसेज़ में मरीज को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में भर्ती होना होगा। ऑक्सीजन लेवल 93 से कम है या लक्षण गंभीर नजर आ रहे हैं तो इलाज अस्पताल में होगा।

लक्षण ठीक होने व ऑक्सीजन लेवल तीन दिनों तक बिना किसी ऑक्सीजन सपोर्ट के 93 परसेंट से ज्यादा है। तो डॉक्टर की इजाजत के बाद पेशेंट को डिस्चार्ज किया जा सकता है।

इसमें भी दोबारा जांच की जरूरत नहीं।

क्रिटिकल केसेज

सीरियस पेशेट्स या इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज्ड पेशेंट्स जैसे- मेलिग्नेंसी, एचआईवी मरीज व ट्रांसप्लांट के मरीजों को कोरोना अस्पतालों में भर्ती कराया जाएगा।

इनका इलाज तब तक किया जाएगा जब तक कि इनकी पूरी तरह क्लिनिकल रिकवरी नहीं हो जाती और इसके बाद डॉक्टर घऱ ले जाने की परमिशन नहीं देता।


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