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वर्तमान समय में मैदा हमारे आहार का एक अहम हिस्सा बन चुका है. हम जितने प्रोसेस्ड फूड्स खाते हैं उनमें से ज्यादातर में मैदा होता है. ज्यादातर लोग मैदा से बने समोसे, कचौड़ी, पूड़ी और नान खाना पसंद करते हैं. इसके अलावा पिज्जा, ब्रेड, बिस्कुट और अन्य प्रोसेस्ड फूड बनाने के लिए भी मैदे का प्रयोग किया जाता है. दरअसल, ये अपने हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण शरीर के ब्लड शुगर को बढ़ाते हैं. मैदा से बनी चीजें खाने में तो स्वादिष्ट लगती हैं, लेकिन इससे हमारी हेल्थ को कई तरह के नुकसान पंहुच सकते हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार, मैदा एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो सेहत के लिए खराब हो सकता है. हाल ही में प्रकाशित अध्ययन में, खाद्य पदार्थों में मैदा के उपयोग का संबंध दिल की बीमारियों, डायबिटीज, बढ़ता मोटापा, और अन्य बीमारियों के साथ देखा गया है. मैदा एसिड, शक्कर और प्रोसेस की गई गेहूं से बना होता है और इसमें कम फाइबर होती है जो शरीर के लिए आवश्यक होती है. इसके अलावा, मैदा खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक गेहूं की तुलना में कम विटामिन, खनिज और प्रोटीन की मात्रा प्रदान करता है. अध्ययन में इसका भी खुलासा हुआ कि मैदा वाले भोजन का अधिक सेवन करने से बढ़ते मोटापा का खतरा बढ़ जाता है और यह दिल संबंधी समस्याओं के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है.
मैदा खाने का नुकसान
पोषक तत्वों मों कमी
मैदा खाने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि, गेंहू की बाहरी परत को हटाकर मैदा तैयार किया जाता है. इस प्रक्रिया में अधिकांश पोषक तत्व और फाइबर नष्ट हो जाते हैं. मैदा रोज खाने से आपके शरीर में जरूरी विटामिन, मिनरल्स और फाइटोकेमिकल्स की कमी हो सकती है.
पाचन संबंधी प्रॉब्लम
मैदै का अधिक सेवन करने से पाचन संबंधी प्रॉब्लम हो सकती हैं. मैदा में फाइबर ना होने की वजह से यह आसानी से खाना नहीं पचा पाता है. मैदा खाने से कब्ज, अपच और एसिडिटी जैसी पाचन संबंधी प्रॉब्लम हो सकती हैं.
ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है
मैदा खाने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है, क्योंकि मैदे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी अधिक होता है. मैदा का अधिक सेवन करने से खून में ग्लूकोज जमने लगता है, जो डायबिटीज की प्रॉब्लम को अधिक बढ़ा सकता है. मैदा का उपयोग ज्यादा करने से डायबिटीज होने का खतरा बढ़ सकता है.
हड्डियों को कमजोर बनाता है
मैदा एसिडिक नेचर का होता है. इसमें प्रोटीन की मात्रा ना के बराबर पाई जाती है. इसके ज्यादा सेवन से आपके शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ सकती है. जिससे हड्डियों पर बुरा असर पड़ता है और हड्डियां कमजोर होने की प्रॉब्लम हो सकती है.
कोलेस्ट्राल को बढ़ाता है
मैदा के ज्यादा सेवन से कोलेस्ट्राल का स्तर बढ़ सकता है. बात यह है कि मैदा में स्टार्च की मात्रा अधिक पाई जाती है जिससे मोटापा बढ़ सकता है. मोटापा बढ़ने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लीसराइड का स्तर भी बढ़ने लगता है. तो अगर आपको पहले से ही कोलेस्ट्राल की प्रॉब्लम है तो मैदा खाने से बचे.
मैदा के नुकसानो से बचने के लिए अपनाए ये टिप्स
मैदा खाने से पहले उसे फर्मेंट कर लें
कोशिश करें कि घर के बाहर मैदा ना खाएं. मैदा को फर्मेंट करें यानी कि इसमें खमीर बनाएं. मैदे में खमीर बनाने से वह प्रोबायोटिक हो जाता है और गट हेल्थ के लिए हेल्दी होता है और आसानी से पचता है.
मैदा में खमीर उठाने के लिए उसमें आप नींबू और बेकिंग सोडा डाले या तो आप दही का इस्तेमाल कर सकते हैं.
मैदा तलने से पहले उसे उबाल लें
मैदा से अगर आप कुछ भी बनाए तो कोशिश करें कि उसे पहले उबाल लें, इससे मैदा पेट में जाके चिपकेगा नहीं और आसानी से पच भी जाएगा. आप चाहें तो मैदा में सूजी या आटा मिलाकर भी बना सकते हैं इससे भी पेट में मैदा चिपकेगा नहीं.
मैदा पचाने के लिए अपनाए ये काम
मैदा कैसे पचाए ये सवाल सबके मन में आता होगा, तो चलिए जानते हैं कि मैदा को कैसे पचाए
मैदा पचाने के लिए मैदा खाने के बाद 30 मिनट तक एक्सरसाइज करें.
मैदा से बनी चीज खाने के बाद खूब पानी पीएं.
मैदा खाने के बाद दही बहुत असरदार होती है.
मैदा की इन्हें शामिल करें अपनी डायट में
आप अपनी डायट में मैदा की जगह गेंहू, ब्राउन राइस, बाजरा, जोवार और रागी को शामिल कर सकते हैं. ये मैदा का एक अच्छा सब्सिट्यूट बन सकता है. अब तो बाजारों में भी गेंहू के ब्रेड, नूडल्स और पासता आसानी से मिल जातें हैं.
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