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कुछ लोग शहद को अपनी कॉफी, चाय में डालते हैं या फिर बेकिंग में चीनी की जगह इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या डाबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए शहद का सेवन सुरक्षित होता है? हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें, तो जवाब है हां, लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें भी जुड़ी हैं।
जो लोग टाइप-2 डायबिटीज से जूझ रहे होते हैं, उन्हें कार्ब्स और चीनी का सेवन सोच समझकर ही करना पड़ता है। सभी तरह के स्वीटनर ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाने का काम करते हैं, लेकिन अगर आपका ब्लड शुगर का स्तर अच्छी तरह से मैनेज हो रहा है, तो शायद आपको मीठे को पूरी तरह से बंद करने की जरूरत नहीं है।
अगर शहद का इस्तेमाल संतुलित मात्रा में किया जाए, तो यह न सिर्फ सुरक्षित साबित होगा, बल्कि इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण डायबिटीज से जुड़ी जटिलताओं को भी कम करेंगे।
शहद क्या है?
शहद एक गाढ़ा, गोल्डन रंग का लिक्विड होता है, जो हम तक मधुमक्खियों और दूसरे कीड़ों के जरिए पहुंचता है। शहद फूलों के रस से बनता है, जिसे मधुमक्खियां इकट्ठा करती हैं और अपने पेट में तब तक जमा करती हैं जब तक कि वे छत्ते पर वापस नहीं पहुंच जातीं। नेक्टर सूक्रॉस (चीनी), पानी और दूसरी चीजों से मिलकर बना होता है। इसमें करीब 80 फीसदी कार्ब्स और 20 प्रतिशत पानी होता है। मधुमक्खियां इसे बार-बार निगलकर और पुन: प्रवाहित करके शहद का उत्पादन करती हैं। इस प्रक्रिया से पानी निकल जाता है।
सर्दियों के मैसम में जब खाना मिलना मुश्किल हो जाता है, उस समय के लिए ऊर्जा स्रोत के तौर पर मधुमक्खियां मधुकोश में शहद जमा करती हैं। शहद एक प्राकृतिक स्वीटनर होता है, लेकिन यह आम चीनी से ज्यादा मीठा लगता है। अमेरिका के कृषि विभाग के अनुसार, एक चम्मट कच्चे शहद में 60 कैलोरीज और 17 ग्राम कार्ब्स होते हैं। शहद में कई तरह के विटामिन्स और खनीज भी होते हैं, जैसे:
आयरन
विटामिन-सी
फोलेट
मैग्नीशियम
पोटैशियम
कैल्शियम
साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जिसका मतलब यह कोशिका क्षति को रोकता है और धीमा करता है।
क्या चीनी की जगह शहद का उपयोग ठीक है?
वैसे तो चीनी की जगह कई डिशेज में शहद का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन क्योंकि शहद चीनी से भी ज्यादा मीठा होता है, इसलिए इसे मीठे का हेल्दी विकल्प नहीं माना जा सकता। खासतौर पर टाइप-2 डायबिटीज में शहद और चीनी का उपयोग कम ही होना चाहिए। दोनों ब्लड शुगर का स्तर बढ़ाने का काम कर सकते हैं, जो टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा संकेत नहीं होगा।
डायबिटीज में शहद खाने के क्या नुकसान हैं?
अगर आप डायबिटीज से जूझ रहे हैं, तो शहद खाने से सेहत को खतरा जरूर होता है, जिसमें:
1. ब्लड शुगर के स्तर का बढ़ना
क्योंकि शहद ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित करता है, इसलिए डॉक्टर्स डायबिटीज में सलाह देते हैं कि इसे तब तक न खाएं जब तक आपका ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल में न हो।
2. कुछ शहद में चीनी भी मिली होती है
अगर आप दुकान से प्रोसेस्ड शहद खरीदते हैं, तो उसमें चीनी या सीरप हो सकता है। यह अतिरिक्त चीनी आपके ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित कर सकती है।
3. इन्फेक्शन
प्रेग्नेंसी में और जिन लोगों का इम्यून सिस्टम किसी वजह से कमजोर है, उन्हें कच्चे शहद का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह पैश्चराइज़्ड नहीं होता। ऐसे में कच्चा शहद खाने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
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Apurva Srivastav
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