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सरसों दाना भारतीय पकवानों में इस्तेमाल होने वाली सबसे आम चीज है। यह कैल्शियम और पोटैशियम से भरपूर होते हैं, जो सेहत को कई तरह से फायदा करते हैं। प्राचीन ग्रीक और रोमन सभ्यताओं में सरसों के बीज का उपयोग दवाओं के रूप में भी किया जाता था। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, सरसों के बीज किडनी स्टोन्स के इलाज में भी मददगार साबित हो सकते हैं।
किडनी की सेहत के लिए सरसों के बीज कैसे फायदेमंद होते हैं?
सरसों के दानों में सोडियम और नमक की मात्रा काफी कम होती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, डाइट में कम नमक लेने से रीनल फेलियर का खतरा भी कम होता है। खासतौर से उन मरीजों में जो लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे होते हैं।
डॉक्टर्स भी उन लोगों को कम नमक के सेवन की सलाह देते हैं, जो किडनी में पत्थरी या दिक्कत से जूझ रहे होते हैं। स्वस्थ किडनी अतिरिक्त फ्यूएड्स को बाहर निकाल देती है और सोडियम व फ्लूएड्स को संतुलित रखती है। वहीं, बीमारी होने पर आपकी किडनी अतिरिक्त फ्लूएड्स को बाहर नहीं निकाल पाएगी, जिससे शरीर में तनाव बढ़ेगा। खासतौर पर दिल पर।
सरसों के बीज के और क्या फायदे हैं?
सरसों के बीज किडनी के लिए तो फायदेमंद साबित होते हीहस हैं, लेकिन साथ ही दूसरी कई समस्याओं में भी आराम पहुंचाते हैं:
कैंसर का खतरा कम होता है
जर्नल मॉलीक्यूल में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, सरसों के बीज में कुछ यौगिक कार्सिनोजेनिक प्रक्रियाओं से जुड़े प्रतिक्रियाशील नाइट्रोजन समूहों को कम करने में मदद करते हैं। सिनिग्रिन जैसे यौगिक कैंसर कोशिका के मरने का कारण बनते हैं।
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ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है
डॉक्टरों के अनुसार, सरसों के बीज का रोजाना सेवन, टाइप-2 डायबिटीज में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है।
घाव भरने में तेजी लाता है
सिनिग्रिन का जब लिपिड युक्त फाइटोसोम्स के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है, तो इससे घाव को जल्दी भरने में मदद मिलती है। फाइटोसोम्स वसा के अणु होते हैं, जो जड़ी-बूटियों पर आधारित रसायनों के अवशोषण को बढ़ाकर उनके प्रभाव को बढ़ाने में मदद करते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरे होते हैं
सरसों के बीज फेनॉलिक कम्पाउंड से भरे होते हैं, जो शरीर में मुक्त कणों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं और उनके हानिकारक प्रभावों को रोकते हैं। सरसों के बीजों में टोकोफेरोल्स होता है, जो विटामिन-ई के परिवार से आता है।
आर्थराइटिस के दर्द में आराम देते हैं
सरसों के बीज रूमाटाइड आर्थराइटिस के लक्षणों में भी आराम पहुंचाने का काम करते हैं। इनमें सेलेनियम और मैग्नीशियम होता है, जो इस तकलीफ को कम करने का काम करते हैं।
संक्रमण से बचाने में मदद
सरसों के बीज में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया और फंगस से सुरक्षित रखते हैं, जिसमें ई.कोली, सबटिलिस और एस.ऑरियस शामिल है।
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Apurva Srivastav
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