- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- बासी चावल खाने के क्या...
x
बासी खाना आमतौर पर सेहत के लिए सही नहीं माना जाता। हालांकि, देश के कई हिस्सों में गर्मियों की शुरुआत में बासी चावलों को खाने की परंपरा जरूर है। यह एक तरह का रिवाज है, जिसका भारत के लोग हिंदू नव वर्ष या विक्रम संवत के दौरान पालन करते हैं, जिसे देश भर में कई नामों से जाना जाता है। आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार मार्च के अंत से अप्रैल की शुरुआत के बीच पड़ने वाला यह त्योहार नई शुरुआत और रिश्तों के नवीनीकरण का प्रतीक है।
धार्मिक वजहें
देश के कई राज्यों में बासी भात को खाने के लिए कुछ परंपराएं हैं। इसे आमतौर पर होली के बाद बासौदा में खाया जाता है, जो उत्तर भारत का हिन्दू त्योहार है। यह होली के 8 दिन बाद मनाया जाता है, और इसे शीतला माता का दिन माना जाता है, जो देवी दुर्गा का अवतार हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह चेचक और खसरे की देवी हैं और बासी भात या बासी चावल चढ़ाने और खाने से परिवार के सभी लोगों की ऐसी बीमारियों से रक्षा होती है। उत्तर भारत के कई हिस्सों में इस त्योहार को सिली साते भी कहा जाता है।
बासौदा त्योहार के मौके पर मीठे चावल पकाएं जाते हैं, जिन्हें खूब सारे ड्राई-फ्रूट्स और गुड़ के साथ एक दिन पहले तैयार किया जाता है। इसके बाद इसे भगवान को चढ़ाया जाता है और फिर परिवार के बाकी लोग इसे खाते हैं।
सिंधी समुदाय में, बासी चावलों में दही और सरसों का पाउडर मिलाकर एक व्यंजन तैयार किया जाता है, जिसे फर्मेंट होने के लिए रात भर छोड़ दिया जाता है। रक्षाबंधन के बाद मनाई जाने वाली 'थदरी' के अवसर पर यह व्यंजन अवश्य बनता है। यह सिंधी त्योहार देवी जोग माया के सम्मान में मनाया जाता है, जो शीतला माता की सिंधी समकक्ष हैं।
वहीं, बीहार में इसी समय के आसपास बिसुआ त्योहार मनाया जाता है। जहां चावलों में पानी डालकर इन्हें रातभर के लिए छोड़ दिया जाता है। अगले दिन सुबह इसे अलसी की चटनी, भुनी हुई मिर्च और नमक के साथ खाया जाता है। इसी तरह की परंपरा चत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में भी है। वहां भी चावलों को पानी और दही में भिगोकर रातभर के लिए छोड़ दिया जाता है। फिर अगले दिन इसमें प्याज, हरी मिर्च, नमक डालकर खाया जाता है। माना जाता है कि इसे खाने से गर्मी के मौसम में आप लू से बचे रहेंगे।
बासी चावल खाने के फायदे
इसमें कोई शक नहीं कि बासी भात ज़बान और पेट दोनों को सुकून पहुंचाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि बासी भात यानी चावल खाने से पाचन बेहतर होता है और शरीर को अपना तापमान कंट्रोल करने में मदद भी मिलती है। मीठे चावल जिन्हें बसोदा कहा जाता है, इन्हें छोड़ दिया जाए, तो बाकि सभी को रातभर के लिए फर्मेंट होने के लिए छोड़ा जाता है। जिससे यह चावल खनिज पदार्थों से भरपूर हो जाते हैं, जिसका फायदा स्किन को भी मिलता है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि बासी चावलों को खाने से कब्ज में भी राहत मिलती है और यह आंत के स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन होते हैं।
Tagsघरेलु उपायचमत्कारिक घरेलु उपचारहेल्थ टिप्सस्वस्थ रहने के नियमदादी मां के नुक्सेपुरुषों के लिए ब्यूटी टिप्सब्यूटी टिप्ससुंदर बनाने के ब्यूटी टिप्स10 ब्यूटी टिप्सफेस के लिए घरेलू नुस्खेबालों के लिए घरेलू नुस्खेHome RemediesMiracle Home RemediesHealth TipsRules to Stay HealthyGrandma's TipsBeauty Tips for MenBeauty TipsBeauty Tips to be Beautiful10 Beauty TipsHome Remedies for FaceHome Remedies for Hairजनता से रिश्ताजनता से रिश्ता न्यूज़लेटेस्ट न्यूज़न्यूज़ वेबडेस्कआज की बड़ी खबरRelationship with publicrelationship with public newslatest newsnews webdesktoday's
Apurva Srivastav
Next Story