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तिल और मस्से क्या है जाने इसके प्रकार

Kajal Dubey
1 May 2023 3:20 PM GMT
तिल और मस्से क्या है जाने इसके प्रकार
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तिल और मस्से, सामान्य टाइप की स्किन ग्रोथ होती है। ये अक्सर छोटे, गहरे भूरे रंग के धब्बे के रूप में दिखाई देते हैं और पिगमेंटेड कोशिकाओं के समूहों के कारण होते हैं। तिल और मस्से आमतौर पर बचपन और किशोरावस्था के दौरान दिखाई देते हैं। अधिकांश लोगों के शरीर में इनकी संख्या 10 से 40 के बीच होती है। इनमें से कुछ वक्त बीतने के साथ धूमिल होते जाते हैं।
ज्यादातर तिल या मस्से हानिकारक नहीं होते हैं। लेकिन बहुत ही दुर्लभ मामलों में वे कैंसर बन सकते हैं। ज्यादातर डॉक्टर मेलेनोमा (Melanoma) की जांच के लिए मस्सों और स्किन के गहरे रंग वाले पैच की जांच करते हैं। वैसे बता दें कि मेलेनोमा को स्किन कैंसर का सबसे घातक प्रकार माना जाता है।
वैसे शरीर पर बने काले / भूरे छोटे धब्बे को तिल कहते हैं। वहीं, उभरे हुए निशान को मस्सा कहा जाता है। मेडिकल भाषा में अकेले मस्से को नेवस (Nevus) कहा जाता है। लेकिन जब इनकी संख्या काफी बहुत होती है तो, बहुवचन में इसे नेवी (Nevi) कहा जाता है।
1. जन्मजात मस्से (Congenital Moles)
कुछ तिल या मस्से बच्चे के जन्म के समय भी मौजूद होते हैं। अमेरिकन ओस्टियोपैथिक कॉलेज ऑफ डर्मेटोलॉजी (एओसीडी) के अनुसार, हर 100 शिशु में से 1 के शरीर पर ये हो सकते हैं। ज्यादातर मामलों में ये फ्लैट होते हैं। इनके रंग में फर्क हो सकता है। अधिकांश जन्मजात मोल कैंसर का कारण नहीं बनते हैं।
2. एक्वायर्ड मोल्स (Acquired Moles)
एक्वायर्ड मोल्स, ​उन तिल और मस्सों को कहा जाता है जो, पैदाइशी नहीं होते हैं लेकिन बाद में स्किन पर दिखने लगते हैं। इस कैटेगरी के मोल्स ज्यादातर भूरे रंग के होते हैं। कई बार ये धूप में होने वाली स्किन डैमेज की वजह से भी दिखने लगते हैं।
बढ़ती उम्र के साथ उनमें कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिलता है। लेकिन उम्र बढ़ने के साथ इनका रंग गहरा हो सकता है। लेकिन जरूरी नहीं है कि ये मेलेनोमा में बदल जाए।
3. अनियमित मोल्स (Atypical Moles)
जन्मजात और एक्वायर्ड मोल्स के विपरीत, एटिपिकल या अनियमित मोल्स से कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। अमेरिकन ओस्टियोपैथिक कॉलेज ऑफ डर्मेटोलॉजी (एओसीडी) की रिसर्च के अनुसार, अमेरिका में हर 10 में से 1 इंसान को कम से कम ​अनियमित या एटिपिकल नेवस / मोल्स की समस्या होती है।
सामान्य मस्सों के उलट एटिपिकल मोल्स आकार में काफी बड़े होते हैं। वक्त बीतने के साथ ये बढ़ते ही जाते हैं। मेलानोमा के मोल्स आमतौर पर गहरे रंग के होते हैं। लेकिन एटिपिकल मोल्स के ज्यादातर मामलों में कई रंग या शेड्स का होना पाया जाता है।
तिल और मस्से के लक्षण (Symptoms Of Moles Or Nevus)
पारंपरिक रूप से मोल्स या मस्से भूरे रंग के स्पॉट होते हैं। लेकिन मोल्स कई बार अलग रंग, आकृति और आकार के भी हो सकते हैं।
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