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Vitamin-D Deficiency: विटामिन-डी की कमी कोविड-19 के गंभीर मामलों के अब साथ मृत्यु दर से भी जुड़ी

Kunti Dhruw
15 Feb 2022 7:07 AM GMT
Vitamin-D Deficiency: विटामिन-डी की कमी कोविड-19 के गंभीर मामलों के अब साथ मृत्यु दर से भी जुड़ी
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एक नई स्टडी में पाया गया है कि विटामिन-डी की कमी कोविड-19 के गंभीर मामलों के साथ-साथ मृत्यु दर से भी जुड़ी है।

नई दिल्ली, Vitamin-D Deficiency: एक नई स्टडी में पाया गया है कि विटामिन-डी की कमी कोविड-19 के गंभीर मामलों के साथ-साथ मृत्यु दर से भी जुड़ी है। 'PLOS ONE Journal' में छपी इस रिपोर्ट के अनुसार, इज़राइल के सफेड में बार-इलान विश्वविद्यालय के मेडिसिन के अज़रीली फैकल्टी और नाहरिया में इज़राइल और गैलील मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने विटामिन-डी की कमी और कोविड-19 गंभीरता और मृत्यु दर के बीच एक संबंध पाया।

इज़राइल के एक नए अध्ययन से पता चलता है कि शरीर में विटामिन-डी का पर्याप्त स्तर होने से कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार होने की संभावना काफी कम हो सकती है। ऐसे में यह कैसे सुनिश्चित किया जाए कि कहीं आपके शरीर में विटामिन-डी की कमी तो नहीं?
विटामिन-डी की कमी के लक्षण
बीमार रहना या फिर जल्दी-जल्दी संक्रमित हो जाना
विटामिन-डी की सबसे महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से एक आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत रखना है ताकि आप वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में सक्षम हों जो बीमारी का कारण बनते हैं। यह सीधे उन कोशिकाओं से संपर्क करता है जो संक्रमण से लड़ने के लिए ज़िम्मेदार होती हैं। अगर आप अक्सर बीमार हो जाते हैं, खासकर सर्दी या फ्लू से, तो विटामिन-डी का कम स्तर इसके पीछे की वजह हो सकता है।

थकान और कमज़ोरी

थकावट महसूस करने के कई कारण हो सकते हैं और विटामिन-डी की कमी उनमें से एक है। दुर्भाग्य से, इसे अक्सर संभावित कारण के रूप में अनदेखा कर दिया जाता है। कई रिसर्च से पता चला है कि शरीर में विटामिन-डी का बहुत कम स्तर थकान का कारण बन सकता है, जो जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

हड्डियों और कमर में दर्द

विटामिन-डी कई तरीकों से हड्डियों की सेहत को बनाए रखने में मदद करता है। यह आपके शरीर के कैल्शियम के अवशोषण में सुधार करता है। हड्डियों में दर्द और पीठ के निचले हिस्से में दर्द रक्त में विटामिन-डी के अपर्याप्त स्तर के संकेत हो सकते हैं।

अवसाद

अक्सर उदास रहना भी विटामिन-डी की कमी का संकेत हो सकता है। अध्ययनों में देखा गया है कि शोधकर्ताओं ने विटामिन-डी की कमी को अवसाद से जोड़ा है, खासकर वृद्ध वयस्कों में।

घाव भरने में समय लगना

किसी सर्जरी या चोट लगने के बाद घाव अगर धीरे-धीरे भर रहा है, तो यह भी विटामिन-सी के कम स्तर का संकेत हो सकता है। यहां तक कि, टेस्ट-ट्यूब स्टडी के परिणामों से यह पता चलता है कि विटामिन यौगिकों के उत्पादन को बढ़ाता है, जो घाव भरने की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में नई त्वचा बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

हड्डियों को नुकसान पहुंचना

विटामिन-डी कैल्शियम के अवशोषण और हड्डियों के मेटाबॉलिज़म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कई वृद्ध लोग जिनकी हड्डियों को नुकसान पहुंचा है, उन्हें अक्सर कैल्शियम का ज़्यादा सेवन करना होता है। हालांकि, उनमें विटामिन-डी की भी कमी हो सकती है।

बालों का झड़ना

बालों के झड़ने को अक्सर तनाव के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जाता है, जो निश्चित रूप से एक सामान्य कारण है। हालांकि, जब बाल गंभीर रूप से झड़ रहे हों, तो यह किसी बीमारी या पोषक तत्वों की कमी की वजह से भी हो सकता है। महिलाओं में बालों का झड़ना विटामिन-डी की कमी से जोड़ा जाता है, हालांकि इस बारे में ज़्यादा रिसर्च नहीं की गई है।

मांसपेशियों में दर्द

मांसपेशियों में दर्द के कारणों का पता लगाना अक्सर मुश्किल होता है। कुछ प्रमाण हैं कि विटामिन-डी की कमी बच्चों और वयस्कों में मांसपेशियों में दर्द का संभावित कारण हो सकती है।

वज़न बढ़ना

मोटापे के कारण विटामिन-डी की कमी का जोखिम बढ़ जाता है। वहीं, ऐसी भी कई रिसर्च हैं, जो बताती हैं कि विटामिन-डी की कमी के कारण मोटापे का ख़तरा भी बढ़ सकता है।
बेचैनी
अवसाद की तरह, विटामिन-डी की कमी से बेचैनी जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं। स्टडी के मुताबिक, कैल्सीडियोल का स्तर, जो विटामिन-डी का ही एक रूप है, अवसाद से पीड़ित लोगों के साथ-साथ बेचैनी से ग्रस्त लोगों में भी कम पाया गया।


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