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महाशिवरात्रि पर कीजिए यूपी-उत्तराखंड के प्रसिद्ध शिवालयों के दर्शन

Tara Tandi
1 March 2022 5:08 AM GMT
महाशिवरात्रि पर कीजिए यूपी-उत्तराखंड के प्रसिद्ध शिवालयों के दर्शन
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इस बार एक मार्च को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जा रहा है। भगवान शिव को औघड़ दानी कहा जाता है। कहते हैं कि भोले बाबा अपने नाम की तरह की भोले हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस बार एक मार्च को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जा रहा है। भगवान शिव को औघड़ दानी कहा जाता है। कहते हैं कि भोले बाबा अपने नाम की तरह की भोले हैं। निश्छल भावना से अगर आप थोड़ी सी भक्ति करते हैं तो भगवान शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी कर देते हैं। महाशिवरात्रि का दिन बहुत खास होता है। इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। शिवरात्रि के दिन किसी शिव मंदिर या शिवालय में जाकर आप भोले बाबा की प्रतिमा या शिवलिंग का अभिषेक करें। भारत में कई प्राचीन और अद्भुत शिव मंदिर हैं, जहां कि भव्यता, पवित्रता और चमत्कार विश्व में प्रसिद्ध है। अगर इस महाशिवरात्रि के दिन आप किसी प्रसिद्ध शिव मंदिर या ज्योतिर्लिंग के दर्शन करना चाहते हैं तो उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में आपको भगवान भोले बाबा के प्राचीन मंदिर मिल जाएंगे। इस महाशिवरात्रि कीजिए यूपी-उत्तराखंड के प्रसिद्ध शिवालयों के दर्शन।

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, बनारस
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उत्तर प्रदेश की पवित्र नगरी काशी में है। बनारस गंगा नदी के पश्चिम घाट पर स्थित है। माना जाता है कि काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर टिका हुआ है। बनारस में ही 12 ज्योतिर्लिंगों में से सातवां ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ मंदिर में है। कहते हैं कि ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से सारे पाप मिट जाते हैं। वहीं काशी को भगवान शिव और माता पार्वती का सबसे प्रिय स्थान भी माना जाता है। काशी के सुंदर घाटों को भी आप घूम सकते हैं।
गोला गोकर्णनाथ
उत्तर प्रदेश में ही एक और प्रसिद्ध शिव मंदिर है। लखीमपुर खीरी जिले में स्थित गोला तहसील में प्रसिद्ध भगवान शिव की नगरी गोला गोकर्णनाथ है, जिसे छोटी काशी भी कहते हैं। गोला गोकर्णनाथ के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। मान्यता है कि लंका के राजा रावण सतयुग में भगवान शिव को लेकर यहां आए थे। रावण शिव जी को लेकर लंका जा रहा था लेकिन बीच रास्ते में लघुशंका के लिए उसे भगवान को जमीन पर रखना पड़ गया, जिसके बाद जमीन से वह भोले बाबा को हिला न सका तो अंगूठे से रावण ने शिवलिंग को दबा दिया। यही स्थान गोला गोकर्णनाथ बन गया और आज भी शिवलिंग पर रावण के अंगूठे का निशान है।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
उत्तराखंड को पवित्र तीर्थ स्थली कहा जाता है। यहां कई प्राचीन मंदिर है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम भी उत्तराखंड में ही है। केदारनाथ को भगवान शिव का घर कहा जाता है। केदारनाथ मंदिर तीन तरफ से पहाड़ियों से घिरा है। मंदिर के पीछे बर्फ का पहाड़ सूरज की किरणों के बीच से बेहद खूबसूरत नजारा देता है।
नीलकंठ महादेव
ऋषिकेश से 32 किलोमीटर दूर जंगल के पास नीलकंठ महादेव का मंदिर है। मान्यताओं के मुताबिक, हजारों साल पहले अमृत पाने के लिए देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया। हिंदु मान्यताओं के अनुसार, हजारों साल पहले अमृत पाने की लालसा लिए देवताओं और असुरों के बीच समुद्रमंथन हुआ था। इस मंथन में विष निकला, जिसे भगवान शिव ने पी लिया। इससे उनका गला नीला हो गया। जिस स्थान पर भोले बाबा ने विष पान किया था, वहां नीलकंथ महादेव का मंदिर स्ठापित हो गया।
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