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- 30 प्लस की महिलाओं में...
महिलाओं में आए दिन बच्चेदानी के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इस बीमारी के कोई विशेष लक्षण न दिखने के कारण इसकी शुरूआती स्टेज मरीज को समझ नहीं आती। लेकिन समय से जांच न कराने पर बच्चेदानी का कैंसर गंभीर अवस्था में पहुंच सकता है। महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामलों की पहचान कर महिलाओं को तुरंत जांच करानी चाहिए। राजधानी भोपाल के जेपी अस्पताल में 2019 से सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग शुरू की गई है। यहां अब तक करीब तीन हजार महिलाओं की स्क्रीनिंग की गई। डॉक्टरों का कहना है कि जांच में चार फीसदी महिलाएं पॉजिटिव मिल रही हैं।
स्क्रीनिंग किस आयुवर्ग की महिलाओं को करानी चाहिए: केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 30 से 65 साल की उम्र में महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग करानी जरूरी है।
किन महिलाओं में बच्चेदानी के कैंसर की संभावना ज्यादा होती है
गरीब मजदूर वर्ग (लो सोश्यो इकोनॉमिक स्टेटस) की महिलाएंजिनके ज्यादा बच्चे हों
जल्दी विवाह होने वाली महिलाएं
ज्यादा लेट तक जिनकी माहवारी आती हो
ज्यादा गर्भनिरोधक दवाएं सेवन करने वाली महिलाएं
जिन महिलाओं के चार,पांच बच्चे हों
जिन महिलाओं के दो - तीन बच्चों के बाद दो तीन गर्भपात हुए हों
जिन महिलाओं में लंबे समय से व्हाइट डिस्चार्ज (सफेद पानी) की समस्या होजिन महिलाओं की योनि से बदबू आती है