- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- ऑर्गेनिक फ़ूड के...

x
ऑर्गेनिक फ़ूड क्या होता है यह समझने के लिए ‘ऑर्गेनिक’ (जैविक) शब्द को समझना ज़रूरी है। ऑर्गेनिक एक तरह की प्रक्रिया है, जिसमें खाद्य पदार्थों को बिना किसी कृत्रिम कीटनाशक और उर्वरक के तैयार किया जाता है। ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसान फसलों को कीट-पतंगों तथा बीमारियों से बचाने के लिए जाल का इस्तेमाल करते हैं और उनकी वृद्धि के लिए गोबर और अन्य तरह की प्राकृतिक खाद का।
वहीं नॉन-ऑर्गेनिक फ़ूड्स में हानिकारक केमिकल्स, खाद और कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है। विकसित होने के बाद भी जब इन खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है तो उनमें केमिकल्स का अंश बाक़ी रह जाता है, जो हमारी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसके अलावा ऑर्गेनिक खेती शुरू करने से पहले उस खेत को कम से कम दो साल के लिए ख़ाली छोड़ दिया जाता है, जिससे उसमें पहले इस्तेमाल हुए कीटनाशकों का असर पूरी तरह से ख़त्म हो जाए।
कैसे पहचानें?
देखकर या किसी के बताने पर इस बात का पता नहीं लगाया जा सकता है कि कौन-सा फ़ूड ऑर्गेनिक है और कौन-सा नहीं। देखने में बहुत ताज़े फल ऑर्गेनिक हों, ज़रूरी नहीं है, तो कैसे पहचाने? ऑर्गेनिक फ़ूड्स सर्टिफ़ाइड होते हैं। यानी उन पर साफ़ शब्दों में छपा होता है या स्टिकर लगा होता है। साथ ही इनका स्वाद भी अलग होता है। वहीं ऑर्गेनिक सब्ज़ियां पकाते समय ज़ल्दी गल जाती हैं और मसालों में अधिक तेज़ गंध होती है।
बीमारियों से बचाता है
ऑर्गेनिक तरीक़े से उगाए गए फ़ूड में पारंपरिक फ़ूड्स के मुक़ाबले 10 से लेकर 50 प्रतिशत तक अधिक पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं। ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स, विटामिन बी कॉम्लैक्स, प्रोटीन, कैल्शियम, ज़िंक और आयरन जैसे कई मिनरल्स और कुछ ख़ास माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं, जो हमें माइग्रेन, दिल संबंधित बीमारी, डायबिटीज़ और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाते हैं।
बेहतर इम्यूनिटी के लिए कारगर होता है
पारंपरिक कृषि का मुख्य लक्ष्य उत्पादन बढ़ाना होता है, लेकिन ऑर्गेनिक फ़ूड के साथ ऐसा नहीं है। पैदावार के साथ खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता भी देखी जाती है। नॉन-ऑर्गेनिक फ़ूड्स को लंबे समय तक बचाए रखने के लिए ऐंटी-बॉडीज़ का डोज़ दिया जाता है, जिससे हमारा इम्यून सिस्टम कमज़ोर पड़ जाता है। वहीं ऑर्गेनिक फ़ूड्स में इसका इस्तेमाल नहीं होता है, जिससे हम कई बीमारियों से बच जाते हैं। ऑर्गेनिक फ़ूड्स से त्वचा निखरती है और मोटापा नहीं बढ़ता।
ऑर्गेनिक फ़ूड जेनेटिकली मॉडिफ़ाइड नहीं होते हैं
ऑर्गेनिक फ़ूड्स को जेनेटिकली मॉडिफ़ाइड नहीं किया जाता है। सामान्य भाषा में कहें तो इसकी प्रकृति से किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जाती, यानी कि इसमें केमिकली किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाता है। जेनेटिकली मॉडिफ़ाइड ऑर्गैनिज़्म (जीएमओ) फ़ूड से मस्तिष्क के विकास की रफ़्तार धीमी कर देते हैं, आंतरिक अंगों के साथ ही पाचन तंत्र को नुक़सान पहुंचाते हैं। वहीं खाद्य पदार्थ सेहत के साथ हमारे पर्यावरण की भी रक्षा करते हैं।
कैसे बढ़े ऑर्गेनिक फ़ूड की तरफ़
अपनी ग्रॉसरी लिस्ट को एकाएक बदलने की कोशिश ना करें, क्योंकि ऑर्गेनिक फ़ूड काफ़ी महंगे होते हैं, जिससे आपका बजट बिगड़ सकता है। शुरुआत चावल या गेहूं से करें। शक्कर की जगह गुड़ या खांड का इस्तेमाल करें। सब्ज़ियों में हरी सब्ज़ियों को तरज़ीह दें और ध्यान रखें कि वह लोकली उगाई गई हों।
इसके अलावा मोटे छिलके वाले फ़ूड्स को ऑर्गेनिक ख़रीदने की ज़रूरत नहीं होती। जैसे नारियल, मटर, शकरकंद, भुट्टा और प्याज़। कुछ सब्ज़ियों को घर में उगाने की कोशिश करें- जैसे मिर्च, टमाटर, भिंडी और दूसरी हरी सब्ज़ियाँ। इस तरह से आप केमिकल्स के लोड से बच पाएंगे। अपनी पूरी लाइफ़ स्टाइल में ऑर्गेनिक को बढ़ावा दें। साबुन, लोशन, हेयर कलर्स का ऑर्गेनिक रूप इस्तेमाल करें।
इन तरीक़ों से कम करें पेस्टिसाइड का असर
हरी सब्ज़ियों को केमिकल फ्री बनाने के लिए एक लीटर पानी में एक मिलीलीटर पोटैशियम परमैग्नेट मिलाकर घोल बना लें और फिर हरी सब्ज़ियों को उसमें 15-20 मिनट तक भिगोकर रखें। अगर आपके पास पोटैशियम परमैग्नेट नहीं है तो पानी में कम से कम एक टेबलस्पून नमक डालकर घोल तैयार करें और सब्ज़ियों को उसमें 30 मिनट तक भिगोकर रखें।
Tagsजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़छत्तीसगढ़ न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिसिलाआज का ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsChhattisgarh NewsHindi NewsIndia NewsKhabaron Ka SisilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaper

Kajal Dubey
Next Story