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यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, इन कुछ घरेलू तरीके को अपनाकर यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का करें उपचार

Kajal Dubey
11 Dec 2021 1:35 AM GMT
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, इन कुछ घरेलू तरीके को अपनाकर यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का करें उपचार
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UTI यानी कि यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। UTI यानी कि यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है. ये एक ऐसी बीमारी है जो ठीक होने के बाद दोबारा भी हो सकती है. UTI के इलाज में एंटीबायोटिक दवाएं बहुत कारगर मानी जाती हैं. हालांकि, कुछ लोगों में इस दवाओं के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं और इसकी वजह से उल्टी, डायरिया, रैश या सिर दर्द जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं. यहां हम आपको बताने कुछ ऐसे घरेलू तरीके बताने जा रहे हैं जिसके जरिए यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन को आसानी से और जल्दी दूर किया जा सकता है.

हाइड्रेटेड रहें- खूब सारा पानी पीना UTI को ठीक करने का सबसे आसान तरीका है. पानी महत्वपूर्ण पोषक तत्वों और इलेक्ट्रोलाइट्स को बनाए रखते हुए शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है. हाइड्रेटेड रहने से यूरीन पतला हो जाता है और शरीर से जल्दी-जल्दी बाहर आता है. इसकी वजह से संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाते हैं. हर दिन कम से कम 8 गिलास पानी जरूर पिएं.
करौंदे का जूस- यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के इलाज में करौंदे का जूस बहुत फायदेमंद माना जाता है. सामान्य इंफेक्शन को दूर करने और घाव के जल्दी ठीक करने के लिए भी करौंदे का जूस पीने की सलाह दी जाती है. स्टडीज के मुताबिक, करौंदे के जूस में ऐसे कंपाउंड होते हैं जो ई- कोलाई कोशिकाओं को यूरीनरी ट्रैक्ट में जुड़ने से रोकते हैं. इसमें पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं. इनमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं.
प्रोबायोटिक्स का इस्तेमाल- हेल्दी बैक्टीरिया को प्रोबायोटिक्स भी कहा जाता है. ये शरीर को हानिकारक बैक्टीरिया से बचा कर यूरीनरी ट्रैक्ट को स्वस्थ बनाए रखता है. प्रोबायोटिक्स यूरीन में हाइड्रोजन पेरोक्साइड बनाता है, जो एक शक्तिशाली एंटीबैक्टीरियल की तरह काम करता है. दही, चीज़ जैसे कुछ डेयरी प्रोडक्ट में प्रोबायोटिक्स अच्छी मात्रा में पाया जाता है. आप प्रोबायोटिक्स का सप्लीमेंट भी ले सकते हैं.
विटामिन C की पर्याप्त मात्रा-
विटामिन C एक एंटीऑक्सिडेंट है जो इम्यून सिस्टम के फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करता है. विटामिन C शरीर में नाइट्रोजन ऑक्साइड बनाता है जिससे बैक्टीरिया मर जाते हैं. ये यूरीन में पीएच को कम करता है, जिससे बैक्टीरिया के जीवित रहने की संभावना कम हो जाती है. फलों के अलावा इसे सप्लीमेंट के जरिए भी लिया जा सकता है.
सेक्सुअल हाइजीन- हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, सेक्सुअल इंटरकोर्स की वजह से भी बैक्टीरिया पनप सकते हैं जो यूरीनरी ट्रैक्ट में प्रवेश कर जाते हैं. सेक्सुअल हाइजीन रखने से इस संभावना को कम किया जा सकता है. इसके लिए सेक्स से पहले और तुरंत बाद पेशाब जरूर करें, कंडोम का इस्तेमाल करें और सेक्स के बाद प्राइवेट पार्ट्स की सफाई करें.


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