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खराब लाइफस्टाइल और खानपान का बुरा असर सबसे ज्यादा सेहत पर ही पड़ता है।
खराब लाइफस्टाइल और खानपान का बुरा असर सबसे ज्यादा सेहत पर ही पड़ता है। ऐसे में मोटापा, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, हार्ट अटैक, किडनी फेल होने के साथ-साथ यूरिक एसिड भी बढ़ जाता है, जिसके कारण शरीर से विषाक्त तत्व बाहर नहीं निकल पाते हैं और यह किडनी फेलियर, स्ट्रोक, लंग्स फेलियर का कारण बन जाता है। इसलिए जरूरी है कि समय रहते इसे कंट्रोल किया जाए।
क्या है यूरिक एसिड?
ब्लड में मौजूद यूरिक एसिड एक तरह का केमिकल है जो शरीर में प्यूरीन नामक प्रोटीन के टूटने से बनता है। जब बॉडी विषाक्त पदार्थों को ठीक ढंग से बाहर नहीं निकाल पाती है तो यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है, जो धीरे-धीरे क्रिस्टल में बदलने लगते हैं जो गठिया का रूप ले लेते हैं। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा 3.5 से लेकर 7.5 मिलीग्राम से लेकर डिसीलीटर तक होता है।
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जब शरीर में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है तो जोड़ों में तेज दर्द, सूजन, अकड़न जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए कई तरह के घरेलू उपाय अपनाते हैं। ऐसे में आप चाहे तो काली किशमिश का सेवन कर सकते हैं। इससे नैचुरल तरीके से आप यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं। जानिए कैसे करें सेवन।
यूरिक एसिड कंट्रोल करने में कैसे मदद करेगी काली किशमिश
काली किशमिश में प्रोटीन, कार्ब्स, फाइबर, मैग्नीशियम, शुगर, कैल्शियम, सोडियम, पोटैशियम, आयरन और विटामिन सी जैसे ढेरों पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हड्डियों के घनत्व के लिए अच्छा माना जाता है और गठिया के दर्द कम करने में मदद करता है, जिससे आसानी से आपका यूरिक एसिड भी कंट्रोल में रहेगा।
यूरिक एसिड के मरीज ऐसे करें काली किशमिश का सेवन
अगर आप बढ़े हुए यूरिक एसिड की समस्या से परेशान हैं तो अपनी डाइट में विभिन्न तरीके से काली किशमिश को शामिल कर सकते हैं।
10-15 काली किशमिश को रातभर के लिए पानी में भिगो दें और सुबह इस पानी को पी लें। इसके साथ ही किशमिश भी खा लें।
काली किशमिश को दही के साथ खाना भी अच्छा होगा। इसके लिए 2 चम्मच लो फैट दही में 10-11 काली किशमिश डालकर खा लें।

Ritisha Jaiswal
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