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शरीर में प्यूरिन के टूटने के कारण यूरिक एसिड बनता है। यह ब्लड के सहारे किडनी तक पहुंचता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | शरीर में प्यूरिन के टूटने के कारण यूरिक एसिड बनता है। यह ब्लड के सहारे किडनी तक पहुंचता है। वैसे तो यूरिक एसिड यूरीन के रूप में शरीर के बाहर निकल जाता है। लेकिन कई बार यह शरीर में ही रह जाता है और इसकी मात्रा बढ़ने लगती है। ऐसे में यह एसिड शरीर के लिए परेशानी खड़ी कर देता है। यूरिक एसिड की ज्यादा मात्रा से हार्ट डिजीज, हाइपरटेंशन, किडनी स्टोन और गठिया जैसी बीमारियां भी हो सकती है। इसलिए समय रहते इसे कंट्रोल करना बहुत ही जरूरी है।
बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए कई तरह के उपाय है। लेकिन आप चाहे तो करेले का सेवन कर सकते हैं। करेला औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमें ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो वायरल बुखार, डायबिटीज के साथ-साथ यूरिक एसिड को भी कंट्रोल करता है। जानिए कैसे करें इसका सेवन।
यूरिक एसिड में कैसे कारगर होगा करेला?
एक गिलास करेले के रस में यूरिक एसिड को प्राकृतिक रूप से कम करने में अद्भुत गुण पाए जाते हैं। करेले में आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटामिन सी के साथ कैल्शियम, बीटा-कैरोटीन और पोटेशियम आदि अच्छी मात्रा में होते हैं। यह तत्व गाउट से लड़ने में मदद करते हैं।
यूरिक एसिड के मरीज कैसे करें करेले का सेवन
रोजाना सुबह आधा कप करेले का जूस निकाल खाली पेट पी सकते हैं। कड़वापन दूर करने के लिए थोड़ा सा काला नमक या नींबू डाल सकते हैं।
10-15 मिली करेला के फल के रस में राई और स्वादानुसार नमक मिला लें। इसे पीने से गाउट, गठिया में फायदा होता है।
आप चाहे तो जूस के अलावा विभिन्न तरह की करेले की सब्जी बनाकर खा सकते हैं।
करेला का अच्छी तरह से धो लें। इसके बाद इन्हें काटकर छाया में सुखा लें। इसके बाद इसे पीसकर पाउडर बना लें। रोजाना सुबह आधा से एक चम्मच पानी के साथ इसे पिएं।
Ritisha Jaiswal
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