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बेवजह मोलनुपिरवीर दवा लेने से शरीर के अंगों को गंभीर खतरा

Bhumika Sahu
13 Jan 2022 4:08 AM GMT
बेवजह मोलनुपिरवीर दवा लेने से शरीर के अंगों को गंभीर खतरा
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कोरोना महामारी के बढ़ने के साथ ही लोग खुद ही कई दवाएं बिना डॉक्टर की सलाह के ले लेते हैं। यह खतरनाक साबित हो सकता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना महामारी के बढ़ने के साथ ही लोग खुद ही कई दवाएं बिना डॉक्टर की सलाह के ले लेते हैं। यह खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बेवजह मोलनुपिरवीर जैसी दवाओं के प्रयोग से शरीर को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। डॉक्टर के बताने पर ही इसका इस्तेमाल करें।

नुकसान-

बाजार में धड़ल्ले से बिक रही कोरोना की दवा
बाजार में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए धड़ल्ले से बिक रही मोलनुपिरवीर दवा को लेकर एम्स के वरिष्ठ डॉक्टरों ने आगाह किया है। साथ ही कई तरह के इलाज को लेकर डॉक्टरों ने मरीजों को सावधान रहने के लिए कहा है। दवा नियंत्रक द्वारा मोलनुपिरवीर के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी मिलने के बाद यह दवा तेजी से मेडिकल स्टोरों पर बिक रही है। अब आईसीएमआर ने इसे कोरोना के इलाज के प्रोटोकॉल से बाहर करने का फैसला किया है।
ये ले सकते हैं
● मरीज बुखार होने पर पैरासिटामोल 650 एमजी ले सकते हैं।
● बुखार कई दिनों तक रहता है तो डॉक्टर की सलाह से नॉन स्टेरॉइड दवा नेप्रोक्सिन 250 एमजी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
● अगर सर्दी या जुकाम के लक्षण हैं तो सीट्राजिन 10 एमजी या लिवोसीट्राजिन 5 एमजी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
एम्स के मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर नीरज निश्चल ने बताया कि यह दवा भ्रूण विकार उत्पन्न कर सकती है। जेनेटिक बदलाव से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकती हैं। साथ ही मांसपेशियों को भी नुकसान पहुंचा सकती है। इसे मरीजों के बहुत ही चुनिंदा समूह में आपातकालीन उपयोग के लिए दिया गया है, जो गंभीर जोखिम में हैं और उनके पास कोई अन्य विकल्प मौजूद नहीं है। इसके उपयोग को प्रतिबंधित करने के प्रयास हों, क्योंकि ज्ञात व अज्ञात नुकसान इसके सीमित लाभ से कहीं अधिक हैं।
बिना सलाह लेने पर यह खतरा
● जननांगों के ऊतकों को खतरा ● भ्रूण को खतरा ● जवान लोगों की हड्डियों को खतरा ● कैंसर का जोखिम भी।
हमेशा लेना जरूरी नहीं
डॉक्टर नीरज निश्चल ने कहा कि महामारी का मतलब यह नहीं है कि जब तक आपका डॉक्टर कई दवाएं नहीं लिखता, तब तक आप ठीक नहीं होंगे। पैरासिटामोल देकर या लक्षणों के आधार पर इलाज कर अधिकतर रोगियों को ठीक किया जा सकता है।


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