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- यूनिसेफ की माता-पिता...
बच्चों का मन मस्तिष्क बहुत मासूम होता है। वह जो देखते हैं, समझते हैं, वही सीखते हैं। उनकी सीखने की प्रवृत्ति बहुत तेज होती है। ऐसे में बाल मन पर पड़ने वाला प्रभाव उनके व्यवहार पर भी असर डालता है। किशोर/ किशोरियों के व्यवहार में एक उम्र के बाद बदलाव आना शुरू होता है। कई ऐसे मामले सामने आएं है, जिसमें किशोर आपराधिक प्रवृत्ति की ओर चले जाते हैं या उनके बाल मन पर गलत व्यवहार आने लगता है। उनकी मानसिक सेहत पर असर होने पर वह गलत व्यवहार करने लगते हैं। क्रोध, झूठ बोलना, चोरी या अपशब्दों का उपयोग करने लगते हैं। ऐसे में बाल मस्तिष्क को सेहतमंद रखने के लिए कुछ तरीकों को अपना सकते हैं। यहां यूनिसेफ ने मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने के लिए कुछ टिप्स दिए हैं। बच्चों से उनका हालचाल जानने के साथ ही आपको हमेशा इन चार बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बच्चों को घुलने मिलने का मौका दीजिए। उनके दिन के बारे में पूछें और किसी काम में मदद के लिए भी बुला सकते हैं। इस दौरान उनसे बातचीत करें।
बच्चे को भरोसा दिलाएं कि आप उनके साथ हैं। उन्हें बताएं कि आप उनके लिए क्या महसूस करते हैं और क्या सोचते हैं। बच्चे को प्रोत्साहित करने वाले शब्द बोलकर अपनी भावनाएं साझा करें।