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आपके शरीर की कार्यप्रणाली के सही तरह से संचालन के लिए हमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स के अलावा फाइबर की जरूरत भी होती है। फाइबर एक अपचनीय कार्बोहाइड्रेट है जो आपके शरीर को ठीक से काम करने में मदद करता है। पेट को हेल्दी रखने में फाइबर की भूमिका अहम होती है। इसकी कमी हमें अपच, कब्ज व पेट से संबंधित अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है। आज के समय में मॉडर्न लाइफस्टाइल की वजह से लोगों के खानपान में फाइबर की पूर्ती नहीं हो पा रही हैं। फाइबर की कमी का परीक्षण करने के लिए कोई टेस्ट मौजूद नहीं है, लेकिन शरीर में बदलते हुए लक्षणों से इसका पता लगाया जा सकता हैं कि आपके शरीर में फाइबर की कमी हैं। आज हम आपको उन्हीं लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं इन्हें...
कब्ज की समस्या
आहार में फाइबर की कम मात्रा लेने की वजह से सबसे पहले आपको कब्ज की समस्या होती है। कब्ज होने पर आपको मलत्याग करने में परेशानी होती है और पेट में गड़बड़ी में बनी रहती है। कब्ज होने के कुछ प्रमुख कारणों में से एक यह भी है कि आपके आहार में फाइबर की कमी है। अगर आपको भी कब्ज की समस्या बनी रहती है तो सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेकर फाइबर की अच्छी मात्रा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
बार-बार भूख लगना
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि फाइबर को पचाने में शरीर को समय लगता है। जिससे आपको काफी समय तक पेट भरे होने का अहसास होता है। लेकिन अगर आपको भोजन करने के कुछ देर बाद ही भूख का अहसास हो रहा है तो यह संकेत है कि आपके आहार में फाइबर की कमी है और अब आपको फाइबर युक्त भोजन करने की आवश्यकता है।
यदि आप लगातार फाइबर की कमी वाले खाद्य पदार्थ खा रहे हैं, तो आपका वजन बढ़ने का खतरा भी हो सकता है। फाइबर पेट भरने (संतुष्ट होना) में मदद करता है, इसलिए यदि भोजन में फाइबर ना हो तो लोग अधिक खा लेते हैं और उनका वजन बढ़ने लगता है। फाइबर से उच्च खाद्य पदार्थों को अधिक देर तक चबाना पड़ता है और रिफाइंड शुगर या कार्बोहाइड्रेट्स के मुकाबले ये धीरे-धीरे पचते हैं इनकी मदद से पेट काफी देर तक भरा रहता है।
बढ़ता कोलेस्ट्रॉल
अगर आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर उच्च रहता है तो यह संकेत हैं कि आप अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में फाइबर नहीं ले रहे हैं। दरअसल, फाइबर ट्राइग्लिसराइड्स कम करने में मदद करता है और साथ ही यह गुड कोलेस्ट्रोल के स्तर को भी बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त उच्च-फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ आपको ब्लड प्रेशर व हृदय संबंधी अन्य समस्याओं से भी राहत दिलाते हैं।
ब्लड शुगर लेवल में बदलाव
शरीर में फाइबर की कमी होने पर शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। डायबिटीज के मरीजों में वजन बढ़ने की सबसे मुख्य वजह डाइट में फाइबर की कमी होता है। ऐसे में पर्याप्त मात्रा में फाइबरयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से व्यक्ति का वजन संतुलित बना रहने के साथ ब्लड शुगर लेवल भी ठीक रहता है।
जी मिचलाने की समस्या
फाइबर की कमी होने पर आपको जी मिचलाने की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से आपको मतली या उल्टी की शिकायत भी हो सकती है। चूंकि ज्यादातर हाई कैलोरी और हाई प्रोटीन फूड्स का सेवन करने से यह समस्या हो सकती है। इसकी वजह से आपको थकान का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए आपकी डाइट में कार्ब्स और फाइबर का होना जरूरी है।
सुस्ती का अहसास
अक्सर जब आप हैवी भोजन करते हैं तो आपको सुस्ती का अहसास होता है। लेकिन अगर आपको हमेशा ही भोजन के बाद नींद आने का अहसास होता है और आप नैप लेते हैं तो यह भी फाइबर की कमी का संकेत है। दरअसल, फाइबर आपके रक्त में शर्करा के स्तर को स्थिर बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है और जब यह अस्थिर होता है तो आपको हमेशा ही सुस्ती का अहसास होता है।
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Kajal Dubey
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