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टायफाइड एक प्रकार का बुखार है, जो दूषित पानी से नहाने या दूषित पानी का प्रयोग भोजन करने से होता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | टायफाइड एक प्रकार का बुखार है, जो दूषित पानी से नहाने या दूषित पानी का प्रयोग भोजन करने से होता है। यह सेलमोनेला टायफाई बैक्टीरिया द्वारा फैलता है। यह बैक्टीरिया खाने या पानी के जरिए मनुष्य द्वारा ही एक जगह से दूसरी जगह पर अन्य लोगों तक पहुंचता है। वैसे कई बार मौसम में बदलाव भी इस बुखार का कारण बनता है। इतना ही नहीं, अगर घर में किसी एक सदस्य को टायफायड होता है तो अन्य सदस्यों को भी इसके होने का खतरा होता है। इसलिए बेहद सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
पहचाने लक्षण
टायफाइड होने पर मरीज को काफी तेज बुखार होता है जो 103 से 104 डिग्री तक हो सकता है।
आमतौर पर ये बुखार एक से दो हफ्तों तक चलता है।
मरीज को तेज बुखार के अलावा चेस्ट मे कंजेशन, पेट दर्द, भूख न लगना, सिर में और शरीर के अन्य भागों में दर्द, सुस्ती होती है।
बुखार के साथ−साथ अगर किसी व्यक्ति को ऐसे लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
टायफाइड से पीडि़त मरीज को ठीक होने में 4 से 6 हफ्ते भी लग जातें हैं।
टाइफाइड के मरीज न खाएं ये फूड्स
टाइफाइड को जल्द ही ठीक करना चाहते हैं तो फलों में केला, चीकू, पपीता, सेब, मौसमी, संतरे का सेवन करें।
खाने में दाल, खिचड़ी, हरी सब्जियां पालक, पत्तागोभी, फूलगोभी, गाजर और पपीता खाएं।
इस बीमारी में दही खाना बेहद फायदेमंद है। खांसी, जुकाम और जोड़ों के दर्द वाले लोग दही का सेवन नहीं करें।
टाइफाइड की वजह से बुखार रहता है तो लिक्विड चीज़ों का सेवन करें। लिक्विड चीज़ों में फलों का जूस बेस्ट है।
टाइफाइट की वजह से होने वाली कमजोरी को दूर करने के लिए किशमिश, मुनक्का, मूंग की पतली दाल, पतला दलिया, मक्खन, दूध, और दही का इस्तेमाल करें।
टाइफाइट में इन फूड्स से करें परहेज
कैफीन युक्त चीजों का सेवन न करें ये पेट में गैस पैदा कर सकती हैं।
रिफाइंड और प्रोसेस फूड से परहेज करें।
घी, तेल, बेसन, मक्का, शक्करकंद, कटहल, भूरे चावल से परहेज करें।
लाल मिर्च, मिर्च का सॉस, सिरका, गर्म मसाला, खटाई से परहेज करें।
अंडे या गर्म चीजें बढ़ा सकती हैं परेशानी।
मीट, सॉस, अचार और मसालेदार चीजें भी डाइट से निकालें।
Tagsटायफाइड
Ritisha Jaiswal
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