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यह गंभीर चिंता का विषय है टाइप 2 डायबिटीज, मरीजों को इस डाइट से करना चाहिए परहेज

Ritisha Jaiswal
23 Nov 2020 7:18 AM GMT
यह गंभीर चिंता का विषय है टाइप 2 डायबिटीज, मरीजों को इस डाइट से करना चाहिए परहेज
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दुनियाभर में डायबिटीज के मरीजों की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है। इस बीमारी से दुनियाभर में 42 करोड़ से अधिक लोग ग्रसित हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दुनियाभर में डायबिटीज के मरीजों की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है। इस बीमारी से दुनियाभर में 42 करोड़ से अधिक लोग ग्रसित हैं। इस बात की पुष्टि अंतरराष्ट्रीय मधुमेह संघ की रिपोर्ट से होती है। वहीं, इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की मानें तो 2045 तक मरीजों की संख्या 62 करोड़ तक पहुंच सकती है। अकेले भारत में 77 लाख से अधिक डायबिटीज के मरीज हैं। यह गंभीर चिंता का विषय है। डायबिटीज की बीमारी रक्त में शर्करा स्तर के बढ़ने से होती है। साथ ही अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन निकलना बंद हो जाता है। इस बीमारी में दवा के साथ परहेज की विशेष जरूरत होती है। विशेषज्ञों की मानें तो डायबिटीज को खानपान में सुधार कर कंट्रोल किया जा सकता है। हालांकि, खानपान में कई ऐसी चीज़ें है, जिनसे परहेज करना चाहिए। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करना चाहते हैं, तो इस डाइट से परहेज करें। आइए जानते हैं-

अगर बात डाइट की करें, तो ग्लूटेन फ्री डाइट पिछले कुछ सालों से ट्रेंड में है। हालांकि, ग्लूटेन फ्री डाइट को लेकर लोगों में मतभेद है। कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि ग्लूटेन फ्री डाइट के सेवन से बढ़ते वजन को कम किया जा सकता है जो बिल्कुल गलत है। ग्लूटेन फ्री डाइट के सेवन से आंत में मजबूती आती है। वहीं, शरीर डाइट से पोषक तत्वों को अवशोषित करता है। ग्लूटेन एक प्रोटीन है जो गेंहू, जौ, राई में पाया जाता है। जिन लोगों को आंत संबंधी रोग की शिकायत होती है, उन्हें अपनी डाइट में ग्लूटेन को शामिल नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है।

एक शोध के अनुसार, तकरीबन 20 फीसदी टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों को आंत रोग भी होती है। यह एक लाइलाज बीमारी है, क्योंकि इस रोग से आंत में सूजन आ जाती है। हालांकि, टाइप 1 डायबिटीज से ग्रसित छोटे बच्चों के लिए ग्लूटेन फ्री डाइट फायदेमंद है। इस शोध में यह भी खुलासा हुआ है कि अगर महिलाएं ग्लूटेन फ्री डाइट का सेवन करती हैं, तो होने वाले बच्चे में टाइप 1 डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है।

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