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आयुर्वेद में हल्दी को औषधि माना जाता है। इसका उपयोग दर्द निवारक के रूप में किया जाता है।
आजकल बवासीर आम समस्या बन गई है। यह बीमारी गलत खानपान और खराब दिनचर्या की वजह से होती है। खासकर, लंबे समय तक कब्ज होने पर बवासीर का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति को मल त्यागने में तकलीफ होती है। बवासीर दो प्रकार के हैं। पहली अवस्था में खुजली और जलन होती है। इसे बादी बवासीर कहते हैं। वहीं, मल त्यागते समय खून निकलने की समस्या को खूनी बवासीर कहा जाता है। कई मौके पर मस्से निकल आते हैं। अगर आप भी बवासीर की समस्या से परेशान हैं और निजात पाना चाहते हैं, तो हल्दी का सेवन कर सकते हैं। कई शोधों में दावा किया गया है कि हल्दी सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसके सेवन से कई बीमारियों में फायदा मिलता है। बवासीर में भी हल्दी का सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
आयुर्वेद में हल्दी को औषधि माना जाता है। इसका उपयोग दर्द निवारक के रूप में किया जाता है। वहीं, किचन में हल्दी का इस्तेमाल मसाले के लिए किया जाता है। इसमें आवश्यक पोषक तत्व विटामिन सी, के, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, कॉपर, आयरन, व जिंक, प्रोटीन, फाइबर पाए जाते हैं। इसके अलावा, एंटी बैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी के गुण भी पाए जाते हैं। एंटी इंफ्लेमेटरी गुण के चलते बवासीर में आराम मिलता है। इससे बवासीर के दौरान होने वाली सूजन कम होती है। इसके लिए डॉक्टर भी बवासीर में हल्दी खाने की सलाह देते हैं।
कैसे करें सेवन
अगर आप दूध पीना पसंद करते हैं, तो रोजाना रात में सोने से पहले गुनगुने गर्म दूध में हल्दी मिलाकर सेवन करें। वहीं, दूध पसंद नहीं है, तो गुनगुने गर्म पानी में हल्दी मिलाकर सेवन करें। जबकि, सुबह उठने के बाद भी हल्दी वाला पानी पिएं। इससे बवासीर में बहुत जल्द राहत मिलता है।
Apurva Srivastav
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