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स्नैक्स के साथ चिली गार्लिक सॉस को आसानी से घर पर बनाने के लिए ट्राई करें ये रेसिपी

Tara Tandi
13 Sep 2021 11:15 AM GMT
स्नैक्स के साथ चिली गार्लिक सॉस को आसानी से घर पर बनाने के लिए ट्राई करें ये रेसिपी
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लहसुन हमारे शरीर के लिए बहुत ही पौष्टिक होता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| लहसुन हमारे शरीर के लिए बहुत ही पौष्टिक होता है. लहसुन वजन कम करने में बहुत प्रभावी है. अगर आप मसालेदार खाने के शौकीन हैं, तो आपको घर पर चिली गार्लिक सॉस की ये आसान और झटपट बनने वाली रेसिपी जरूर ट्राई करनी चाहिए. इस रेसिपी में किसी भी तरह के प्रिजर्वेटिव शामिल नहीं हैं. ये किसी भी डिश का स्वाद सिर्फ एक मिनट में बढ़ा सकता है.

सामग्री

लहसुन – 6 कली (बारीक कटा हुआ)

लाल मिर्च – 10 (बारीक कटा हुआ)

चावल का सिरका – ¼ कप

चीनी – 1 चम्मच

तिल का तेल – 3 बड़ा चम्मच

नमक

स्टेप – 1

चिली गार्लिक सॉस बनाने के लिए, एक ब्लेंडर में सभी सामग्री डालें और एक स्मूद पेस्ट बनाने के लिए इसे ब्लेंड करें.

स्टेप – 2

अब, सॉस को कांच के जार में डालें और इसे लगभग दो से तीन दिनों के लिए ऐसे ही रहने दें ताकि फ्लेवर मिक्स हो जाए.

स्टेप – 3

इसके बाद आप इसे फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं.

स्टेप – 4

अब आपका चिली गार्लिक सॉस आपके पसंदीदा स्नैक्स के साथ परोसने के लिए तैयार है. इसे आप पकोड़े और मोमोज या अपनी पसंद की किसी भी चीज के साथ खा सकते हैं.

लहसुन में पोषक तत्व

कोरोना काल में लहसुन का सेवन करना सेहत के लिए अच्छा है. ऐसे में लहसुन शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने और बीमारियों से बचाने में मदद करेगा. लहसुन में एलिकिन होता है. ये एक औषधीय है जो एंटी वायरल, एंटी फंगल और एंटी आक्सीडेंट है. इसका सेवन कई तरह से कर सकते हैं. लहसुन में पोषक तत्व विटामिन ए, बी, सी और सल्फ्यूरिक एसिड विशेष मात्रा में पाया जाता है. इसके अंदर सल्फर पाया जाता है. इस वजह से इसका स्वाद तीखा होता है और महक तेज होती है. लहसुन कई बीमारियों के लिए लाभदायक है. लहसुन खाने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है. इससे हृदय स्वस्थ रहता है. ये आपके पाचन तंत्र को ठीक रखने में मदद करता है.

बेहतर मेमोरी के लिए आप लहसुन का सेवन कर सकते हैं. लहसुन में एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. इसमें एस-एलिल सिस्टीन होता है. ये फ्री रेडिकल्स के नुकसान से बचाते हैं. ये एंटीऑक्सीडेंट उम्र बढ़ने के साथ दिमाग को होने वाले नुकसान से बचाने और दिमाग को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करते हैं. इससे डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसे रोग के जोखिम से बचा जा सकता है.



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