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​'प्री-डायबिटीज' का लक्षण दिखते ही आजमाएं हल्दी-आंवले का ये आयुर्वेदिक नुस्‍खा, जानिए

Deepa Sahu
16 July 2021 12:35 PM GMT
​प्री-डायबिटीज का लक्षण दिखते ही आजमाएं हल्दी-आंवले का ये आयुर्वेदिक नुस्‍खा, जानिए
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​'प्री-डायबिटीज' का लक्षण दिखते ही आजमाएं हल्दी-आंवले।

आपने देखा होगा कि डॉक्टर्स कई बार लोगों को अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करने की सलाह देते हैं। भले ही आपके साथ डायबिटीज की कंडीशन न हो। दरअसल, वे ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि अगर आपका ब्लड शुगर लेवल असामान्य या सामान्य से ज्यादा है, तो पूरी संभावना है कि भविष्य में आपको टाइप टू डायबिटीज या ह्दय रोग का खतरा हो।

असामान्य ब्लड शुगर से जूझ रहे लोगों को अक्सर प्रीडायबिटिक रोगी वाली कैटेगरी में रखा जाता है। क्योंकि इनमें बाद में डायबिटीज होने का जोखिम बहुत ज्यादा है। National Institute Of Health के अनुसार, प्री-डायबिटीज रिवर्सिबल है। इसके उपचार में जीवनशैली में बदलाव, जैसे आहार, व्यायाम और दवाएं लेना शामिल है। तो चलिए जानते हैं क्या होती है प्री-डायबिटीज और इसे दूर करने में आयुर्वेद कैसे आपकी मदद कर सकता है।
​क्या होती है प्री-डायबिटीज
जिस स्टेज पर डायबिटीज के लक्षण दिखने लगें, उसे प्री-डायबिटीज कहते हैं। यह मेटाबॉलिक सिंड्रोम का एक हिस्सा है। प्रीडायबिटीज को आमतौर पर मोटापे से जोड़कर देखा जाता है। खासतौर से अगर व्यक्ति को पेट या आंत का मोटापा, डिस्लिपिडेमिया या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो ये सभी प्री-डायबिटीज के संकेत माने जाते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि आपको प्री-डायबिटीज है और जीवनशैली में बदलाव नहीं करते , तो आपको 10 सालों के अंदर आपको डायबिटीज होने के पूरे चांसेस हैं।
​प्री-डायबिटीज के लक्षण
देखा जाए तो प्रीडायबिटीज के कोई स्पष्ट लक्षण या संकेत नहीं है। लेकिन इंसुलिन प्रतिरोध कई तरह की बीमारियों से जुड़ा हुआ है, जिसमें पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, और कुछ व्यक्तियों में अकन्थोसिस निगरिकन्स इस स्थिति के साथ ओवरलैप हो जाते हैं। जबकि जरूरत से ज्यादा प्यास लगना, रात में ज्यादा पेशाब आना, घावों को ठीक होने में असमान्य रूप से ज्यादा समय लगना और कुछ मामलों में थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
प्री-डायबिटीज का कारण क्या है
जैसा कि हम बता चुके हैं, कि मोटे और सुस्त लोगों में प्री-डायबिटीज का खतरा ज्यादा रहता है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति के शरीर में कोशिकाएं इंसुलिन के लिए ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करती, तो शुगर लेवल इस स्थिति को ट्रिगर करने के साथ-साथ भविष्य में डायबिटीज बढऩे का कारण भी बन सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, प्रीडायबिटीज के लिए कई जीवनशैली में कई महत्वपूर्ण बदलावों की जरूरत होती है। आयुर्वेद भी प्री डायबिटीज से जुड़े लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
​प्री-डायबिटीज से बचाएगा हल्दी और आंवला
अगर आपके डॉक्टर को आपमें प्री-डायबिटीज के लक्षण नजर आने लगे हैं, तो हल्दी और आंवला जैसा आयुर्वेदिक उपचार इसके प्रबंधित करने में सक्षम है। आंवले के रस में हल्दी और आंवला पाउडर या हल्दी का मिश्रण सेल्स में इंसुलिन प्रतिरोध को रोकने में मदद करता है। यह मोतियाबिंद और प्रतिरक्षा से जुड़ी अन्य स्थितियों से भी बचाने के लिए कारगार नुस्खा है।
​ब्लड शुगर मैनेज करेगा मेथीदाना
टाइप 2 डायबिटीज में मेथी दाना एक शानदार घरेलू नुस्खा है। इसके बीजों में सॉल्यूबल फाइबर बहुत अच्छी मात्रा में होता है, जो पाचन और कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा करके ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है। यह इंसुलिन प्रतिरोध को भी कम करने में बहुत प्रभावी माने गए हैं।
​डाइट का खास ख्याल रखें
प्री-डायबिटीज का पता चलने के बाद जंक फूड, तला हुआ भोजन, कंफेक्शनरी, रिफाइंड चीनी, ठंडा पानी, गाढ़ा दूध, क्रीम यहां तक की फर्मेन्टेड खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स और लो ग्लाइसेमिक लोड वाली सब्जियों और फलों को अपने आहार में शामिल करें।
​खाएं साबुत अनाज
लो फैट वाले डेयरी प्रोडक्टस और फलियां अच्छे विकल्प हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, प्री डायबिटीज में साबुत अनाज का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। रोगी के लिए फैटी रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट के बजाए चिकन और लीन मीट का ऑप्शन चुनना हेल्दी ऑप्शन है।
​न भूलें एक्सरसाइज
डायबिटीज की ही तरह प्री डायबिटीज में भी एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है। कैलोरी बर्न करने के लिए योग और व्यायाम करके स्वस्थ वजन बनाए रखने की कोशिश करें । ब्लड शुगर को सामान्य स्तर पर लाने के लिए डेली फिजिकल एक्सरसाइज करने की आदत बना लें, तो काफी हद तक ब्लड शुगर को नियंत्रित रखा जा सकता है और प्री डायबिटीज की स्थिति से बचा जा सकता है।
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