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लाइफ स्टाइल
इर्रेगुलर पीरियड्स से हैं परेशान..... जानें कारण और घरेलू उपचार
Bhumika Sahu
9 March 2022 4:54 AM GMT
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जरूरत से ज्यादा तनाव, खानपान को लेकर लापरवाही और वर्कआउट की कमी की वजह से ज्यादातर महिलाएं इर्रेगुलर पीरियड्स की समस्या से परेशान रहती हैं। स्ट्रेस का सबसे ज्यादा असर महिलाओं के पीरियड्स पर पड़ता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जरूरत से ज्यादा तनाव, खानपान को लेकर लापरवाही और वर्कआउट की कमी की वजह से ज्यादातर महिलाएं इर्रेगुलर पीरियड्स की समस्या से परेशान रहती हैं। स्ट्रेस का सबसे ज्यादा असर महिलाओं के पीरियड्स पर पड़ता है। तनाव और चिंता हार्मोनल परिवर्तनों को प्रेरित करते हैं जो अनियमित पीरियड्स का कारण बन सकते हैं। जब आप तनाव में होते हैं, तो शरीर कोर्टिसोल नामक एक हार्मोन जारी करता है जो सीधे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर को प्रभावित करता है।
आज अनियमित पीरियड्स की समस्या से लगभग हर महिला परेशान है। आमतौर पर युवा लड़कियों में लगभग 9-13 साल की उम्र में पीरियड्स आना शुरू होते हैं। इसे मिनार्चे कहा जाता है और उसके बाद लगभग 40-55 वर्ष की उम्र तक पीरियड्स का आना जारी रहता है, जिसके बाद मीनोपॉज की स्थिति आती है।
पीरियड्स पहले कुछ वर्षों में ये अनियमित रह सकते हैं और ये 3-6 महीने के अंतराल पर भी आ सकते हैं, लेकिन 16 साल की उम्र तक वे काफी हद तक नियमित हो जाते हैं।
नियमित पीरियड्स का समय लगभग 21-35 दिनों का होता है। इस समय को किसी पीरियड के पहले दिन से अगले पीरियड के पहले दिन तक गिना जाता है। पीरियड की अवस्था कुछ दिनों से लेकर एक सप्ताह तक बनी रह सकती है। अगर इस स्थिति में कोई बदलाव आता है तो उसे असामान्य कहा जाएगा। यह भी ध्यान रखें कि हर पीरियड के प्रत्येक चक्र की अवधि काफी हद तक एक जैसी रहनी चाहिए चाहे वह 3, 4 या 5 सप्ताह कुछ भी हो।
अनियमित महावारी के लक्षण-
-यूटेरस में दर्द
-हाथ-पैर, कमर और स्तन में दर्द
-भूख कम लगना
-थकान महसूस होना
-कब्ज
डॉ मीनाक्षी आहूजा डायरेक्टर, आब्सटेट्रिक्स एंड गाइनाकॉलोजी, (ला फिमे
अध्यक्ष, इंडियन मीनोपॉज सोसाइटी) कहती हैं कि सही प्रवाह के साथ नियमित पीरियड्स आना आपके अच्छे स्वास्थ्य और जंननांगों के स्वस्थ होने का संकेत है। किसी समस्या का सही समय पर इलाज करने से आपको भविष्य में होने वाली स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों से बचाया जा सकता है।
अनियमित माहवारी के कारण-
यदि आपका पीरियड चक्र अनियमित है, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। ऐसा होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं और स्वस्थ शरीर व प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाए रखने के लिए ज़रूरी है कि उन कारणों का इलाज किया जाए। आइए जानते हैं आखिर किस वजह से महिलाओं को होती है अनियमित पीरियड्स की समस्या।
-गर्भधारण पीरियड्स अनियमित होने के सबसे सामान्य कारणों में से एक है। इसलिए यदि आप गर्भ निरोध के साधनों का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं, तो गर्भधारण की जांच ज़रूर करें।
-अनियमित चक्र आने के पीछे हार्मोनल असंतुलन भी बड़ी वजह है। इसके साथ ही वजन बढ़ना, मुंहासे, चेहरे पर बाल आने जैसे कई दूसरे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। यह पॉली सिस्टिक ओवरी का संकेत हो सकता है। इससे कॉस्मेटिक इशू और इनफर्टिलिटी जैसी समस्याएं हो सकती है और इसका इलाज करवाना बेहद ज़रूरी है।
-इसके साथ ही थायराइड और प्रोलैक्टिन जैसे हार्मोन्स की भी जांच करवाने की ज़रूरत पड़ सकती है क्योंकि इनके कारण भी पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। इससे बालों का झड़ना और इनफर्टिलिटी जैसी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं, इसलिए कृपया अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
-अनियमित पीरियड्स समय से पहले मीनोपॉज का संकेत भी हो सकते हैं। बढ़ते तनाव, प्रदूषण, साइटोटोक्सिन, धूम्रपान, मेटाबोलिक से जुड़ी समस्याओं और कीटनाशकों के इस्तेमाल के कारण जल्दी ओवेरियन फेलियर होना सामान्य बात हो गई है। यदि ध्यान न दिया जाए, तो समय से पहले होने वाले मीनोपॉज के कारण ऑस्टियोपोरोसिस, फ्रैक्चर का खतरा बढ़ने, योनि के सूखेपन, कामेच्छा में कमी और दिल के रोग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए यदि आपके पीरियड्स अनियमित या कम हो रहे हैं, तो अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से जांच करवाना बेहद ज़रूरी है।
अनियमित माहवारी का इलाज-
-साल 2013 में 126 लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 6 महीने के लिए सप्ताह में 5 दिन, 35 से 40 मिनट का योग, अनियमित माहवारी से संबंधित हार्मोन के स्तर को कम करने में मदद करता है । व्यायाम करना शुरू करें।
-अपने भोजन, जागने और सोने के लिए उचित समय निर्धारित करें।
-अपने खाने की आदतों में सुधार करें। वही खाएं जो आपके शरीर के अनुकूल हो, जंक, पैकेज्ड, डीप फ्राइड, मीठा, खाने से बचें।
- अच्छी नींद लें। सुबह की शुरुआत के बाद सबसे पहले और रात को सोने से पहले गैजेट्स का उपयोग न करें।
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