- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- Treval: खूबसूरत नज़ारा...
लाइफ स्टाइल
Treval: खूबसूरत नज़ारा पेश करता हैं लद्दाख यहां की टॉप डेस्टिनेशंस
Bharti Sahu 2
4 Jun 2024 8:00 AM GMT
x
Lifestyle: लोगों के दिलों में खास जगह बना रहा हैं लद्दाख जिसे एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के तौर पर जाना जाता हैं। यहां की Natural खूबसूरती आपको अपना दीवाना बना देगी। मठों का भ्रमण, पर्वतों की लंबी पैदल यात्रा और झीलों द्वारा डेरा लगाना लद्दाख के कुछ बेहतरीन आकर्षण हैं जिन्हें एक्सप्लोर करने के लिए टूरिस्ट बाइक से लद्दाख का टूर बनाते हैं। प्राकृतिक सौंदर्य, शांत प्राकृतिक वातावरण और मनोहर दृश्यों की वजह से लद्दाख और इसके आसपास की जगहों को बहुत पसंद किया जा रहा हैं। आज इस कड़ी में हम आपको लद्दाख के पास घूमने की महत्वपूर्ण जगहों की जानकरी देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...
खारदुंगला पास
this place इसलिए भी खास है, क्योंकि यह दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर और नुब्रा वैली का एंट्री पॉइंट माना जाता है। यहां जाने के लिए भी आपको इनर लाइन परमिट और रिस्ट्रिक्टेड एरिया परमिट की ज़रूरत पड़ेगी। टेढ़े-मेढ़े हेयरपिन रोड को पार कर यहां पहुंचा जा सकता है। खारदुंग ला पास लद्दाख के सबसे ऊंचे स्थानों की सूची में शामिल होने की वजह से वहां ऑक्सीजन की मात्रा काफी कम रहती है, जिसकी वजह से वहां जाने पर एल्टीट्यूड सिकनेस होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप खारदुंग ला पास जा रहे हैं, तो एटीट्यूड सिकनेस से बचने के लिए मेडिसिन वगैरह अपने साथ लेकर जरूर जाएं, वरना आप एटीट्यूड सिकनेस का शिकार हो सकते हैं।
त्सो मोरीरी झील
लद्दाख और तिब्बत के बीच 4,595 मीटर की ऊंचाई पर स्थित त्सो मोरीरी झील भारत की सबसे ऊंची झील है। त्सो मोरीरी झील पैंगोंग झील की जुड़वां झील है, जो चांगटांग वन्यजीव अभयारण्य के अंदर स्थित है। बता दें कि यह झील यहां आने वाले सैलानियों को सुंदर वातावरण और शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करती है। त्सो मोरीरी झील लगभग 28 किमी उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है और इसकी गहराई लगभग 100 फीट है। आकर्षक त्सो मोरीरी झील सुंदर बर्फ से ढके पहाड़ों की पृष्ठभूमि के साथ बंजर पहाड़ियों से घिरी हुई है। वैसे इस झील के बारे में लोग बहुत कम जानते हैं इसलिए यहां पर्यटकों की ज्यादा भीड़ नहीं होती है।
नुब्रा वैली
इस जगह की खासियत ये है कि यह दुनिया और भारत की सबसे ऊंची सड़कों में से एक है, जहां गाड़ियां चलती हैं। यहां आप होटल्स के अलावा टेंट और कैंप में भी रुक सकते हैं। यहां पहुंचने के लिए भी आपको परमिट की ज़रूरत पड़ेगी। नुब्रा वैली को पहले लडोरमा नाम से भी जाना जाता था, जिसका मतलब होता है ‘फूलों की घाटी’। इस घाटी को “लद्दाख का बगीचा” भी कहा जाता है। घाटी को “गुलाबी” और “पीले जंगली गुलाब” से सजाया गया है। लेह से 150 किमी की दूरी पर स्थित नुब्रा वैली बेहद आकर्षक और खूबसूरत है। इस घाटी का इतिहास भी बहुत पुराना है।
तुरतुक गाँव
इस गांव में हिंदू, मुस्लिम और बौद्ध तीनों धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। यह गांव श्योक नदी के तट पर स्थित है, जहां जाने के बाद आपको काफी सुंदर और बेहतरीन नजारा देखने को मिलेगा। यह भारत द्वारा 1971 ई० में पाकिस्तान से छीना गया गांव है, जो वर्तमान समय में भारत का एक हिस्सा बन चुका है। यह गांव चारों ओर से पहाड़ों से घिरे होने के साथ-साथ श्योक नदी के तट पर बसा हुआ है, जहां जाने के बाद एक अलग ही दुनिया का अहसास होता है।
मैग्नेटिक हिल
लद्दाख में मौजूद मैग्नेटिक हिल एक मस्ट गो जगह है। यहां गुरुत्वाकर्षण की थ्योरी काम नहीं करती है। यहां लगे साइन बोर्ड पर लिखा गया है ‘फेनोमेनन दैट डिफाइज़ ग्रैविटी। इस रास्ते को चुंबकीय सड़क के तौर पर भी जाना जाता है। यहां पर गाड़ी को बिना स्टार्ट किए न्यूट्रल मोड में रोड पर खड़ा कर देने से वह अपने आप चढ़ाई की तरफ जाने लगती है। इस नजारे को अपनी आंखों से देखने और इसके रहस्य को जानने के लिए हर साल देश-विदेश से सैलानी यहां आते हैं।
थिकसे मठ
थिकसे मठ लेह से 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह बहुत ही खूबसूरत जगह है। यहां एक 12 मंजिला ऊंची इमारत है जो क्षेत्र का सबसे बड़ा मठ है। जहां आप शानदार स्तूप, मूर्तियां, पेंटिंग, थांगका और तलवारें देख सकते हैं। यहां एक बड़ा स्तंभ भी है जिसमें भगवान बुद्ध द्वारा दिए गए संदेश और उपदेश लिखे हुए हैं। यहां का एक अन्य आकर्षण इस मठ में आयोजित होने वाला ठिकसे महोत्सव है जो दो दिनों तक चलता है। इस जगह के पास शे गोम्पा और माथो गोम्पा भी मौजूद हैं जो यहां के अन्य आकर्षण हैं।
पैंगॉन्ग त्सो
ऊंचाई पर मौजूद पैंगॉन्ग झील अपने खूबसूरत नज़ारों के लिए पॉपुलर है। लेह से 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस झील तक चांगला पास को पार कर पहुंचा जा सकता है। इस झील का नीला पानी आपकी आंखों को सुकून देगा। यहां तक पहुंचने के लिए आपको इनर लाइन परमिट की ज़रूरत पड़ेगी। यहां जाने के लिए अप्रैल से सितंबर का महीना बेहतर होता है। लेह लद्दाख में एक खूबसूरत जगह होने और कई फिल्मों की शूटिंग के लिए हॉट-स्पॉट होने के कारण इस झील को काफी लोकप्रियता मिली है। पैंगोंग झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता, क्रिस्टल जल और कोमल पहाड़ियों और क्षेत्र के सुंदर परिदृश्य के कारण लेह-लद्दाख का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
दिस्कित मॉनेस्ट्री
यह नुब्रा घाटी का मुख्य नगर है। हर साल फरवरी के महीने में यहां स्केपगोट का आयोजन होता है। दिस्कित मॉनेस्ट्री या मठ को नुब्रा वैली की सबसे बड़ी और पुरानी मठों में से एक माना जाता है। यह मठ लद्दाख के नुब्रा वैली में स्थित डिस्किट गांव के ऊपर पहाड़ों पर बसा हुआ है, जिसे “फ्यूचर बुद्धा” के नाम से भी जाना जाता है। यह मठ करीब 350 साल पुराना हैै, जिसमें मैत्रेय बुद्ध की 106 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है। इस मठ को नुब्रा वैली के सबसे पुराने एवं बड़े मठों में से एक माना जाता है।
TagsTrevalखूबसूरतनज़ारालद्दाखटॉप डेस्टिनेशंसTravelbeautifulviewLadakhtop destinationजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaperजनताjantasamachar newssamacharहिंन्दी समाचार
Bharti Sahu 2
Next Story