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कुकिंग ऑयल से ज्यादा हेल्दी पारंपरिक सरसों का तेल, जानिए कैसे

Shiddhant Shriwas
25 Sep 2021 3:01 AM GMT
कुकिंग ऑयल से ज्यादा हेल्दी पारंपरिक सरसों का तेल, जानिए कैसे
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जब बात हेल्दी खाने की आती है तो कुकिंग ऑयल का आपकी सेहत पर गहरा असर पड़ता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जब बात हेल्दी खाने की आती है तो कुकिंग ऑयल का आपकी सेहत पर गहरा असर पड़ता है। सिर्फ खाने में तेल की मात्रा ही नहीं, बल्कि यह भी जरूरी है कि कौन सा तेल इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर आप मोटापा, हृदय रोग और अन्य बीमारियों से बचने के लिए बेस्ट कुकिंग ऑयल ढूंढ रहीं हैं तो आपके लिए सरसों का तेल एक बेहतर विकल्प हो सकता है। यह भारतीय खासतौर से उत्तर भारतीय घरों में इस्तेमाल होने वाला कॉमन कुकिंग ऑयल है। केवल स्वाद ही नहीं, ये अपने स्वास्थ्य संबंधी लाभों के लिए भी जाना जाता है।

क्या होने चाहिए एक हेल्दी कुकिंग ऑयल में गुण
1. पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड ( PUFA )
पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड ( PUFA ) कुकिंग ऑयल का एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। यह आपको ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी ऐसिड देता है, जो स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है। आम तौर पर यह प्लांट-बेस्ड (plant based) ऑयल में पाया जाता है। सरसों के बीज से बनने वाले मस्टर्ड ऑयल में भरपूर मात्रा में पूफा (PUFA) पाया जाता है। सरसों के तेल में लगभग 21 प्रतिशत पूफा (PUFA) की मात्रा पाई जाती है।
2. स्मोक पॉइंट
हर ऑयल का स्मोक पॉइंट वह तापमान हैं, जो तय करता है कि आपको तेल को पकाना कब बंद कर देना चाहिए। यदि इस तापमान से ज्यादा तेल को पकाया जाएगा, तो वह अपने पौष्टिक तत्वों को खोकर हानिकारक रसायन उत्पन्न करने लगता है। सरसों के तेल का स्मोक पॉइंट 249 डिग्री सेल्सियस है, जो एक अच्छे कुकिंग ऑयल का गुण होता है।
3. मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (MUFA)
यह फैटी एसिड सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट का बेहतरीन विकल्प हैं। वज़न को नियंत्रण में रखने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता हैं। इसके सेवन से हृदय रोगों से भी बचा जा सकता हैं। तीखे स्वाद वाले सरसों तेल में लगभग 60 प्रतिशत मूफा (MUFA) है, जो आपको स्वस्थ रखने के लिए एक बढ़िया कुकिंग ऑयल बनाता है।
अब जानते हैं सरसों के तेल का पोषण मूल्य
सरसों तेल में कई ऐसे पोषण तत्व हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। यह मूफा (MUFA), पूफा (PUFA), सैचुरेटेड फैट, प्रोटीन और अन्य माइक्रो-न्यूट्रीएंट्स (micro-nutrients) से भरपूर है। जिससे वजन बढ़ने, हृदय रोग या अन्य समायाओं का खतरा नहीं होता।
सरसों के बीजों से बना सरसों का तेल फ़ाइबर (fibre) और स्टार्च (starch) के रूप में कार्बोहाइड्रेट (carbohydrate) देता है जो आपको एनर्जेटिक रखता है। यह आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, जिससे वजन कम करने में भी मदद मिलती है।
यहां हैं अपने आहार में सरसों का तेल इस्तेमाल करने के फायदे
1. यह माइक्रोबियल ग्रोथ को रोकता है
अध्ययनों द्वारा पता चल है कि सरसों के तेल में एंटी-माइक्रोबियल (anti-microbial) गुण होते हैं, जो आपके शरीर में बैक्टीरीया (bacteria) के विकास को रोक सकता है। एक टेस्ट-ट्यूब अध्ययन के अनुसार, सफेद सरसों का तेल एस्चेरिचिया कोलाई (Escherichia coli) , स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus)और बैसिलस सेरेस (Bacillus cereus) सहित कई खतरनाक बैक्टीरिया (bacteria) को रोकने में कारगर है। यह आपको स्वस्थ रखता है।
2. दिल की सेहत के लिए अच्छा है
सरसों का तेल मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (MUFA) से भरपूर होता है। इस फैटी ऐसिड को कई तरह के लाभों से जोड़ा गया है, खासकर जब हृदय स्वास्थ्य की बात आती है। अध्ययनों से पता चलता है कि यह ट्राइग्लिसराइड (triglyceride) , ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। ये सभी हृदय रोग के जोखिम को कम करता है।
3. कैंसर से लड़ने में मददगार
अध्ययन द्वारा यह साबित हुआ है कि सरसों तेल कैंसर सेल्स को रोकने में कारगर है। इसमें मौजूद ओमेगा-2 पूफा (omega-2 PUFA) कैंसर के जोखिम को काम करता है। साथ ही इसके लगातार सेवन से यह ट्यूमर के साइज़ को 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है।
4. वजन को नियंत्रण में रखें
सरसों तेल में खाना बनाने का एक फायदा यह है कि ये आपके वजन को कंट्रोल में रखता है। सरसों तेल बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ावा देता है। इससे आपको वेट लॉस में मदद मिलेगी।
5. त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए भी है फायदेमंद
शुद्ध सरसों का तेल अक्सर बालों और त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। खाने में इस्तेमाल करने के साथ इसे सर पर भी लगाया जाता है। साथ ही इसे घर के बने फेस मास्क और बालों के उपचार में जोड़ा जाता है। इसे कभी-कभी मोम (wax) के साथ मिलाया जाता है और फटी एड़ी को ठीक करने में मदद करने के लिए पैरों पर लगाया जाता है।
6. दर्द कम कर सकता है सरसों का तेल
सरसों के तेल में एलिल आइसोथियोसाइनेट (allyl isothiocyanate) होता है। यह एक केमिकल कम्पाउन्ड है जो शरीर के दर्द को दूर करता है। इसके सही मात्रा में सेवन से पेन रिसेप्टर्स पर गहरा प्रभाव पड़ता है और वह ठीक हो जाता है।
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