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कारोबारियों का कहना है कि सावन का महीना खत्म के बाद चिकन और अंडे की मांग बड़ी

Teja
23 Aug 2021 11:13 AM GMT
कारोबारियों का कहना है कि सावन का महीना खत्म के बाद चिकन और अंडे की मांग बड़ी
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कारोबारियों का कहना है कि सावन का महीना खत्म के बाद अक्सर चिकन और अंडे की डिमांड बढ़ती है. इस साल भी ऐसा ही हुआ है. चिकन खाने वालों की मांग में तकरीबन 20 से 30 फीसदी का इजाफा हुआ है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सावन खत्म होते ही चिकन और अंडे की मांग तेजी से बढ़ी है. थोक बाजार में कीमतें 20 फीसदी तक बढ़ गई है. वहीं, अंडे अभी अपने पुरानी कीमत पर बरकरार है. दिल्ली के रिटेल बाजार में अंडे के दाम 7 रुपये पर है. वहीं, रिटेल में चिकन के दाम 260 रुपये प्रति किलोग्राम है. सावन खत्म होते ही मुर्गे और अंडे की मांग बढ़ गई है. कारोबारियों का कहना है कि किसानों की लागत बढ़ गई है. इसीलिए थोक बाजार में चिकन की कीमत दो सौ रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. वहीं अंडे की कीमत, अभी जो थोक बाजार में 4 से 5 रुपये है. हालांकि, आने वाले दिनों में ये 2 रुपये तक महंगा हो सकता है यानी रिटेल में दाम 8 रुपये के पार पहुंच सकते हैं.

चिकन के दाम बढ़े
दिल्ली के गाजीपुर मुर्गामंडी में सोमवार को कीमत 185 रुपये किलो रही. वहीं, आम खरीदार तक पहुंचते पहुंचते इसके दाम बढ़कर 260 से 280 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए है.
अंडे की कीमत बहुत ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है इसका कारण यही है कि पिछले में महीने भर से किसानों ने अंडे को कोल्ड स्टोरेज में रखे हुए हैं इसलिए एक अंडा की कीमत 7 से 8 रुपये है.
जबकि थोक बाजार में 100 अडें की कीमत 420 से 450 के बीच ही है. देसी मुर्गे की कीमत 360 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. इसकी कीमत 450 रुपये किलो से अधिक है.
नेशनल एग कॉर्पोरेशन कमिटी की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई और अगस्त मे अंडे की कीमत में खास बढोत्तरी देखने को मिली.रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक अंडे की मांग मुंबई में रही है यहां 100 अंडे की कीमत 500 रुपये थोक में रही है,
महादेव की नगरी वाराणसी में 500 से 600 रुपये प्रति सैकड़ा इस महीने में कीमत रही है. लखनऊ में 500 रुपये प्रति सैकड़ा.
क्यों महंगा हो रहा है अंडा और चिकन
कारोबारियों का कहना है कि सावन का महीना खत्म के बाद अक्सर चिकन और अंडे की डिमांड बढ़ती है. इस साल भी ऐसा ही हुआ है. चिकन खाने वालों की मांग में तकरीबन 20 से 30 फीसदी का इजाफा हुआ है.
पहले से ही डीजल और पेट्रोल की कीमत में लगातार हो रही बढोतरी से किसानों की लागत बढ़ी है. वहीं, अब पोल्ट्री फार्मिंग करने वाले किसानों को सोयाबीन और मक्के की बढ़ती कीमतों ने परेशान कर दिया है.
उत्तर प्रदेश पॅाल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली ने TV9 हिंदी को बताया कि सावन के महीने में भी चिकन और अंडे की डिमांड कमी नहीं आई थी. इस बार कोरोना की वजह से डिमांड बनी रही, कोरोना ने देश के लाखों पोल्ट्री किसानों को पहले ही बर्बाद कर दिया है.
अब जो बाजार की मांग है उसके मुकाबले सप्लाई कम हो रही है. इसलिए कीमत बढ़ रही है. जिन किसानों ने अपने यहां मुर्गे और अंडे रख रखे हैं वो अब निकाल रहे हैं. बाजार में दाम 30 फीसदी तक बढ़ गए है. इसके पीछे दाने में हुई बढ़ोतरी है.
सोयाबीन की कीमत 3 महीने में 3200 से 9000 रुपये प्रित क्विंटल हो गई है. मक्का जो बिहार से आता है उसके दाम भी बढ़े है. वैसे तो बिहार से 1800 रुपये क्विंटल में मिल रहा है लेकिन ट्रांसपोर्टेशन खर्च बढ़ने से ये और महंगा हो रहा है. इसकी कीमत तकरीबन 2200 रुपये क्विंटल पहुंच गई है. यानी लागत दोगुना हो चुकी है, इसलिए इसकी कीमत खुदरा बाजार में 250से 280 प्रति किलो जाएगी तभी किसानों को कुछ फायदा होगा.
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