लाइफ स्टाइल

ज्यादा लाड़ प्यार पड़ सकता है बच्चे पर भारी

Apurva Srivastav
11 March 2023 12:47 PM GMT
ज्यादा लाड़ प्यार पड़ सकता है बच्चे पर भारी
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अगर आप भी अपने छोटे बच्चे को चीनी युक्त उत्पाद खिलाकर दुलार रही हैं तो सावधान हो जाइए। क्‍योंकि दो साल से कम उम्र के बच्‍चे के लिए चीनी उत्‍पाद (शुगर साइड इफेक्‍ट) काफी खतरनाक हो सकते हैं। बच्चों को ज्यादा चीनी खिलाने और समय से पहले मां का दूध छुड़ाने से उनके दांत खराब हो जाते हैं। अमेरिका के 'कम्युनिटी डेंटिस्ट्री एंड ओरल एपिडेमियोलॉजी' जर्नल में प्रकाशित एक शोध में यह जानकारी मिली है। इस शोध में 2 साल या उससे कम उम्र के करीब 800 बच्चों को शामिल किया गया था।WHO के अनुसार जन्म के 6 महीने बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान उन्हें सिर्फ मां का दूध ही पिलाया जाता है। यह उनके शारीरिक विकास में बहुत सहायक होता है। इसके बाद ठोस आहार और मां का दूध दिया जाता है। इस बीच, डॉक्टरों ने चीनी युक्त उत्पाद देने से मना कर दिया। लेकिन माता-पिता बच्चों को चीनी या उससे बने उत्पाद, चॉकलेट, चिप्स खिलाने लगते हैं। जिसका नतीजा यह होता है कि बच्चों के दांत कम उम्र में ही खराब होने लगते हैं। शोध दल का मानना है कि दूध के दांत गिरने के बाद जो नए दांत निकलते हैं उनमें भी समस्या उत्पन्न होती है। कुछ बच्चों के दांत बिल्कुल भी विकसित नहीं होते हैं और कुछ के दांत खराब हो जाते हैं।

अध्ययन क्या कहता है1. इस रिसर्च में शामिल 800 बच्चों में से 25.8 फीसदी ऐसे बच्चे मिले, जिनके दांत खराब हो चुके थे.2. जिन बच्चों को कम शक्कर वाले उत्पाद दिए गए, उनके दांत कम सड़े हुए थे।3. 24 महीने तक स्तनपान करने वाले बच्चों की तुलना में 12 महीने तक स्तनपान करने वाले बच्चों के दांतों में कैविटी अधिक पाई गई।

पहले के शोध में भी नुकसान का दावाआपको बता दें कि इससे पहले भी कई तरह के शोधों में यह दावा किया गया था कि 12 महीने या उससे अधिक उम्र के बच्चों के दांतों में शुगर की वजह से दोष देखा गया है. इस शोध में शामिल 800 बच्चों के खाने की जानकारी जुटाई गई। उसके माता-पिता और केयर टेकर से बात की गई। चाय के सेवन के आधार पर दूध, जूस, बेबी फूड, चीनी बच्चों तक पहुंची और ब्रेस्ट फीडिंग कम पाया गया।मां का दूध पीने वाले बच्चों को कोई परेशानी नहीं होती है।इस शोध में शामिल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ यूनिवर्सिटी के मुताबिक, नवजात शिशुओं के आहार में चीनी की अधिक मात्रा स्तनपान को कम करने वाली पाई गई है। शोध के अनुसार ऐसे बच्चे जो केवल स्तनपान से ही अपना आहार प्राप्त करते हैं, उनमें कोई समस्या नहीं देखी गई। ऐसा इसलिए क्‍योंकि दूध लैक्टोज की समस्‍या पैदा नहीं करता है।शोध में बताया गया कि अगर बच्चे को दो-ढाई साल तक सिर्फ मां का दूध ही पिलाया जाए तो ओवर प्रोसेस्ड फूड या शुगर से जुड़े उत्पादों का सेवन कम हो जाता है।

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