धर्म-अध्यात्म

कल है अंगारकी संकष्‍टी चतुर्थी, व्रत-पूजा करने से मिलेगी हर काम में सफलता

Tulsi Rao
22 Nov 2021 6:04 AM GMT
कल है अंगारकी संकष्‍टी चतुर्थी, व्रत-पूजा करने से मिलेगी हर काम में सफलता
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विध्‍नहर्ता गणपति की कृपा हो जाए तो सारी समस्‍याएं भी दूर हो जाती हैं और हर काम में सफलता भी मिलने लगती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर महीने के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्‍टी चतुर्थी मनाई जाती है. 20 नवंबर 2021 से मार्गशीर्ष महीना शुरू हो चुका है और इस महीने की संकष्‍टी चतुर्थी कल यानी कि 23 नवंबर, मंगलवार को पड़ रही है. चतुर्थी तिथि भगवान गणेश (Lord Ganesha) को समर्पित है. इस दिन विध्‍नहर्ता गणपति की विधि-विधान से पूजा करने से, व्रत रखने से जिंदगी की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं, हर काम में सफलता मिलने लगती है. साथ ही गणपति मुंहमांगी मुराद भी पूरी करते हैं.

बेहद खास है यह चतुर्थी
मंगलवार को पड़ने वाली चतुर्थी को बहुत शुभ माना जाता है. इसे अंगारकी संकष्‍टी चतुर्थी भी कहते हैं. जो लोग चतुर्थी व्रत की शुरुआत करना चाहते हैं, उन्‍हें अंगारकी संकष्‍टी चतुर्थी से ही यह व्रत शुरू करना चाहिए. मार्गशीर्ष महीने की संकष्‍टी चतुर्थी भी मंगलवार को ही है. मार्गशीर्ष महीने की संकष्‍टी चतुर्थी तिथि 22 नवंबर 2021 (सोमवार) की रात 10:26 बजे से शुरू होकर 23 नवंबर 2021 (मंगलवार) को रात 12:55 मिनट बजे समाप्‍त होगी. वहीं चंद्रोदय 23 नवंबर को रात 08:27 मिनट पर होगा.
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
संकष्‍टी चतुर्थी का व्रत रख रहे लोगों को सुबह जल्‍दी उठकर स्नाना करके साफ कपड़े पहनना चाहिए. हो सके तो इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनें. इसके बाद भगवान के सामने हाथ जोड़कर व्रत का संकल्‍प लें. इस दिन कोई अनाज न खाएं. चंद्रोदय के बाद ही व्रत खोलें. सुबह सूर्य को जल चढ़ाएं. भगवान गणपति की षोडशोपचार पूजा करें. उन्‍हें दूर्बा, फल, फूल, चंदन अर्पित करें. धूप-दीप लगाएं. भगवान को पीला फूल और मोदक या बेसन के लड्डू अपर्ति करें. दिन भर के उपवास के बाद शाम को चंद्रोदय के बाद आरती करके व्रत खोलें. इस दिन भगवान गणेश जी के मंत्रों के जाप के साथ श्री गणेश स्त्रोत का पाठ भी करें.


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