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जनता से रिश्ता। नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Tomato Fever: टोमैटो बुखार एक दुर्लभ वायरस है, जो सिर्फ बच्चों पर ही हमला करता है। खासतौर पर वे बच्चे जिनकी उम्र 5 साल से कम है। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि यह (अज्ञात बुखार) वायरल है या डेंगू, चिकनगुनिया। इसमें ज़्यादातर बच्चों को रैशेज़, त्वचा में जलन और डिहाइड्रेशन की समस्या होती है। शरीर के कुछ हिस्सों में छाले की समस्या भी देखी जाती है।
वायरल इंफेक्शन को टोमैटो बुखार क्यों कहा जाता है?
टोमैटो फ्लू का नाम इसमें संक्रमण में होने वाले छालों और चकत्तों की वजह से रखा गया है। इसमें छाले लाल और टोमैटो जैसे दिखते हैं। इस वक्त यह इंफेक्शन सिर्फ केरल के कोवल्लम शहर में ही देखा जा रहा है, लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह संक्रमण केरल के दूसरे हिस्सों में भी जल्द फैल सकता है। इस अज्ञात बुखार को हैंड, फुट और माउथ बीमारी भी कहा जाता है।
Tomato Fever: बीमारी को फैलने से कैसे रोका जा सकता है?
1 . संक्रमित बच्चे को खूब पानी पिलाएं। पानी उबला हुआ होना चाहिए, लेकिन पिलाने से पहले इसे ठंडा ज़रूर कर लें।
2. चकत्तों या छालों को नोचने या खुजाने न दें।
3. स्वच्छता बनाए रखना बेहद ज़रूरी है। बरतन, कपड़े और दूसरी चीज़ें जिनका इस्तेमाल रोगी कर रहा है, उन्हें सैनीटाइज़ या जिसइंफेक्ट ज़रूर कर लें, ताकि फ्लू फैले नहीं।
4. नहाते वक्त पानी को गुनगुना रखें और इसमें ऐसे चीज़ों को मिलाएं कीटाणू प्रतिरोधी हो।
5. अगर आपको टोमैटो फ्लू का एक भी लक्षण दिखे, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें और फौरन डॉक्टर को दिखाएं।
टोमैटो फ्लू का इलाज क्या है?
टोमैटो फ्लू एक ऐसी बीमारी है, जो अपने आप ही ठीक हो जाती है, इसके लिए कोई खास दवाई नही है। डॉक्टर्स का कहना है कि इसके लक्षण अपने आप हीकुछ समय भी दूर हो जाते हैं, लेकिन देखभाल भी ज़रूर है। आपको बता दें कि टोमैटो बुखार का टमाटर से कोई लेना देना नहीं है, आप इसका सेवन आराम से कर सकते हैं। ध्यान रखें कि कुछ भी खाने से पहले उसे अच्छी तरह धो लें