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आज है विश्व जल दिवस,कब हुआ शुरुआत जानिए यहाँ

Tara Tandi
21 March 2021 11:03 AM GMT
आज है विश्व जल दिवस,कब हुआ शुरुआत जानिए यहाँ
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एक समय था जब जगह-जगह नदियां, तालाब, नहर, कुएं दिखाई देते थे, लेकिन औद्योगीकरण की राह पर चल पड़ी इस नई दुनिया ने इस दृश्य को काफी हद तक बदल दिया है

जनता से रिश्ता वेबडेसक | एक समय था जब जगह-जगह नदियां, तालाब, नहर, कुएं दिखाई देते थे, लेकिन औद्योगीकरण की राह पर चल पड़ी इस नई दुनिया ने इस दृश्य को काफी हद तक बदल दिया है. तालाब, कुएं, नहर वगैरह सूखते जा रहे हैं. नदियों का पानी दूषित होने के साथ कम होता जा रहा है. लोगों के बीच जल संकट गहराता जा रहा है. विश्वभर के लोगों को जल की महत्ता समझाने और लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस (World Water Day 2021) मनाया जाता है.

देखा जाए तो दुनिया में जल की किल्लत देखते हुए करीब 32 साल पहले ही ये भविष्यवाणी कर दी गई थी कि अगर समय रहते इंसानों ने जल की महत्ता को नहीं समझा तो अगला विश्वयुद्ध (World War) जल को लेकर होगा. बताया जाता है कि ये भविष्यवाणी संयुक्त राष्ट्र के छठे महासचिव बुतरस घाली ने की थी. उनके अलावा 1995 में वर्ल्ड बैंक के इस्माइल सेराग्लेडिन ने भी विश्व में पानी के संकट की भयावहता को देखते हुए कहा था कि इस शताब्दी में तेल के लिए युद्ध हुआ लेकिन अगली शताब्दी की लड़ाई पानी के लिए होगी. वहीं एक बार संबोधन के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लोगों को चेताते हुए कहा था कि ध्यान रहे कि आग पानी में भी लगती है और कहीं ऐसा न हो कि अगला विश्वयुद्ध पानी के मसले पर हो.
धरती का सिर्फ एक फीसदी पानी पीने योग्य
बता दें कि धरती का करीब तीन चौथाई हिस्सा पानी पानी से भरा हुआ है. लेकिन इसमें से सिर्फ तीन फीसदी हिस्सा ही पीने योग्य है. तीन फीसदी में से दो प्रतिशत बर्फ और ग्लेशियर के रूप में है. ऐसे में सिर्फ एक फीसदी पानी ही प्राणी के लिए पीने के योग्य है.
ये हैं जल संकट की प्रमुख वजह
तमाम पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि विकास के नाम पर अंधाधुंध निर्माण की वजह से प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचा है. पेड़ लगातार काटे जा रहे हैं, उनकी तुलना में नए पौधे नहीं लगाए जाते. सड़क पर दौड़ती गाड़ियों और कारखानों से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है. इन कारखानों से निकलने वाला कचरा नदियों में जाता है, जिससे रहा बचा पानी भी दूषित हो रहा है. पेड़ पौधों की कमी से ऑक्सीजन की कमी हो रही है. इसकी वजह से जल स्तर नीचे जा रहा है. यदि अभी भी लोग पानी के संचय, संरक्षण और सुरक्षा के प्रति जागरुक नहीं हुए तो आने वाले हालात बहुत भयंकर होंगे.
इसलिए मनाया जाता है विश्व जल दिवस
प नी की बर्बादी को रोकने, इसकी महत्ता को समझाने और लोगों को स्वच्छ जल मुहैया कराने के लिए हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है. 1992 में रियो डि जेनेरियो में आयोजित पर्यावरण तथा विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान विश्व जल दिवस की पहल की गई थी. इसके बाद पहली बार 22 मार्च 1993 को विश्व जल दिवस मनाया गया.
ये है इस साल के जल दिवस की थीम
हर साल विश्व जल दिवस की एक थीम (World Water Day 2021 Theme) निर्धारित की जाती है. इस साल की थीम "वेल्यूइंग वाटर" है, जिसका लक्ष्य लोगों को पानी का महत्व समझाना है. बता दें कि पानी की किल्लत की वजह से भारत में ग्रामीण लोग अब गांवों को छोड़कर शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं. वहीं दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहां लोगों को पीने योग्य पानी ही उपलब्ध नहीं होता और वहां के लोग गंदा पानी पीकर तमाम स्वास्थ्य संबन्धी समस्याओं का सामना करते हैं. कई बार तो इसकी वजह से उनकी मौत तक हो जाती है.
ऐसे मनाया जाता है विश्व जल दिवस
हर साल विश्व जल दिवस के मौके पर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है. भाषण, कविताओं और कहानियों के माध्यम से लोगों को जल संरक्षण और इसका महत्व समझाने की कोशिश की जाती है. तमाम तरह की तस्वीरें और पोस्टर साझा किए जाते हैं जिनका लक्ष्य लोगों को पानी की महत्ता समझाना होता है.

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