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आज है इंटरनैशनल टी डे, इस अवसर पर जानें पांच हर्बल टी के बारे में

Kajal Dubey
12 May 2023 11:56 AM GMT
आज है इंटरनैशनल टी डे, इस अवसर पर जानें पांच हर्बल टी के बारे में
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Cसंयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने अपने एक वक्तव्य में कहा है कि चाय का अपना औषधीय महत्तव है और इसमें लोगों को स्वास्थ्यकर बनाने की क्षमता भी मौजूद है. संयुक्त राष्ट्र ने साल 2019 में दुनिया के इस सबसे पुराने पेय के महत्व को पहचानते हुए इसे मान्यता प्रदान की.
वैसे तो अधिकतर लोग दूध-पत्ती अदरक, चीनी और पानी को एक साथ उबालकर चाय पीने के आदि हैं. लेकिन हम आपको कुछ हेल्दी ऑप्शन बताने जा रहे हैं, जिन्हें आप अपनी इस चाय के अलावा अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं, जैसे-रुइबोस टी, बैलेरीना टी, वाइट टी, ग्रीन टी, रोज टी और ग्रीन टी. तो चलिए हम आपको इनके फ़ायदों के बारे में जानते हैं.रुइबोस टी हर्बल टी में आती है. ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स गुणों से भरपूर इस चाय की खपत हाल के दिनों में भारत में भी बढ़ी है. मूलत: अफ्रीका के पहाड़ों पर पाई जानेवाली यह चाय स्वाद और स्वास्थ्य फ़ायदों की वजह से पश्चिमी देशों की पसंद बन गई और इसी वजह से वहां इसकी खेती भी की जाने लगी है. कैफ़ीन व ऑक्सलिक एसिड मुक्त होने के साथ इसमें टैनिन की मात्रा भी कम पाई जाती है. हालांकि इसकी अनफ़र्मेंटेड यानी हरी पत्तीदार चाय भी समान रूप से लाभकारी होती है. इस चाय के सेवन से कोलेस्टेरॉल लेवल कम होता है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के साथ हार्ट अटैक की संभावनाओं में भी कमी आती है. यह ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने के साथ टाइप-2 डायबीटिज़ के ख़तरे को भी कम करती है. कैल्शियम, मैग्नीशियम, ज़िक और विटामिन सी से भरपूर यह चाय इम्यूनिटी सिस्टम को भी मज़बूत करती है.हर्बल टी की दुनिया में हाल फ़िलहाल में जो चाय हमारे लाइफ़स्टाइल का हिस्सा बन रही है, वह है बैलेरीना टी. इसकी सबसे बड़ी ख़ासियत वज़न कम करना है. बैलेरीना टी के सेवन से शरीर में मौजूद अपशिष्ट और अतिरिक्त पानी बाहर निकल जाता है, जो शरीर में होनेवाली सूजन से बचने में मददगार साबित होता है. यह मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाने का भी काम करती है. इसके अलावा इसमें फ़्लेवोनॉइड्स और ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स गुण भी पाए जाते हैं, जो कोशिकाओं को स्वस्थ रखने और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद करते हैं.
इस चाय को कैमेलिया नामक पौधों की कलियों में पाए जानेवाले सिल्वर स्ट्रिंग्ज़ से तैयार किया जाता है. सिल्वर स्ट्रिंग्ज़ सूखने के बाद सफ़ेद हो जाते हैं और उसी से वाइट टी तैयार की जाती है. वैसे तो, दुनियाभर में इसकी कई क़िस्में पाई जाती हैं, लेकिन सिल्वर नीडल और वाइट पोनी क़िस्म सबसे ज़्यादा फ़ेसम है. इसमें टैनीन, फ़्लोराइड्स, पॉलिफ़िनाइल्स और फ़्लेवोनॉइड्स जैसे कई और ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं, जो हमें सेहतमंद बनाने का काम करते हैं.अगर आप रोज़ाना एक कप ग्रीन टी लेते हैं, तो टॉक्सिन लेवल नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जिसे कई बीमारियों का जड़ माना जाता है. इसके अलावा पाचन क्रिया को सुधारने, फ्री रेडिकल्स से होनेवाले नुक़सान की भरपाई करने, वज़न को नियंत्रित करने और इम्यून सिस्टम को मज़बूत करने में भी ग्रीन टी बहुत सहायक होती है. इससे मुंह के संक्रमण से बचाव होता है. ग्रीन टी आप अपने मनपसंद सामग्रियों के साथ तैयार कर सकते हैं. जैसे लेमन, अदरक, तुलसी और अन्य कई मसालों के साथ इसे तैयार किया जा सकता है.
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