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आज है 'पर्यावरण दिवस', जानिए आखिर क्यों मनाया जाता है ये दिन

Triveni
5 Jun 2021 3:09 AM GMT
आज है पर्यावरण दिवस, जानिए आखिर क्यों मनाया जाता है ये दिन
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हर साल पांच जून को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ (World Environment Day) मनाया जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हर साल पांच जून को 'विश्व पर्यावरण दिवस' (World Environment Day) मनाया जाता है. विश्व पर्यावरण दिवस का उद्देश्य बढ़ते प्रदूषण स्तर और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के कारण पर्यावरण को होने वाले खतरे के बारे में जागरूकता फैलाना है. पहला विश्व पर्यावरण दिवस 1974 में मनाया गया था, जिसने पर्यावरण में सकारात्मक बदलाव को प्रेरित करने के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान किया. पहले विश्व पर्यावरण दिवस की थीम 'केवल एक पृथ्वी' थी.

औद्योगीकरण (Industrialization) के कारण पर्यावरण को हो रहे संभावित नुकसान को लेकर संयुक्त राष्ट्र (United Nations) को जानकारी दी गई. इसके बाद UN ने नुकसान से बचाने के लिए 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाने के लिए नामित किया. इस दिन, सरकारें, गैर सरकारी संगठन (NGO) और नागरिक पर्यावरण के संरक्षण के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाने और पर्यावरण पर मानव गतिविधि के पड़ने वाले प्रभाव को बताने का प्रयास करते हैं.
पाकिस्तान कर रहा है इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी
इस बार 47वें विश्व पर्यावरण दिवस की थीम जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 'पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली (Ecosystem Restoration)' है. इसके अलावा, इकोसिस्टम की बहाली के लिए प्रजातियों को होते नुकसान को रोकना महत्वपूर्ण है. 1987 में, संयुक्त राष्ट्र ने विश्व पर्यावरण दिवस के उत्सव के लिए मेजबान देश को हर साल बदलने का फैसला किया. इस साल पाकिस्तान (Pakistan) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के सहयोग से वैश्विक मेजबान है.
ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन दो अलग-अलग चीजें
वहीं, जब भी विश्व पर्यावरण दिवस की बात आती है तो लोगों के बीच ग्लोबल वार्मिंग (Global warming) और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की चर्चा होने लगती है. बहुत से लोगों को दोनों ही चीजें एक सी लगती हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. दोनों एक चीजें नहीं हैं. ग्लोबल वार्मिंग का मतलब वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों की बढ़ती सांद्रता के कारण पृथ्वी की सतह का तापमान बढ़ जाना है. दूसरी ओर, जलवायु परिवर्तन वो पहलू है, जो समुद्र स्तर के बढ़ने, ग्लेशियरों के पिघलने, उष्णकटिबंधीय तूफानों के बढ़ने, कोरल रीफ के घटने और भयानक गर्मी की वजह से ग्लोबल वार्मिंग के रूप में सामने आता है. इन सबके होने की वजह मानव द्वारा किए जाने वाले कार्य हैं.


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